पूर्वी चम्पारण: बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड की कारस्तानी इन दिनों सुर्खियों में है. पूर्वी चंपारण जिले के पकही में लोगों ने बोर्ड के चेयरमैन अब्दुल क्यूम अंसारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मामला पकही के मदरसा रौजतुल उलूम में बीए (ट्रेंड) पद पर हुए 29 जनवरी को लिखित और मौखिक परीक्षा से जुड़ा बताया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
आरोप है कि मामले में, पर्चा लीक करने, पसंद का बाहरी विशेषज्ञ बुलाने, रसूख का इस्तेमाल करके नियम और कायदे कानून की भरपूर अनदेखी की गई हैं. पकही के लोगों का कहना है कि मदरसा बोर्ड चेयरमैन अब्दुल क्यूम अंसारी और मदरसा रौजतुल उलूम के अध्यक्ष डॉक्टर परवेज की मिलीभगत से योग्य उम्मीदवारों को नजरअंदाज करते हुए मनसपसंद को बहाल कर लिया गया।
"डॉक्टर परवेज के करीबी की पत्नी की तुलना में अन्य दावेदार प्रतिभाशाली और योग्य थे, लेकिन उसे नजरअंदाज़ करके पूरी तरह से भ्रष्टाचार का खेल खेला गया और अपने मनपसंद और करीबी को बहाल किया है," -स्थानीय लोगों ने दावा है।
मामला सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा है. फैसले के खिलाफ लोगों ने भारी संख्या में मदरसा प्रांगण में जमा होकर विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने बहाली में धांधली का आरोप लगाया. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "अगर बहाली को रद्द कर योग्य उम्मीदवार की तैनाती नहीं होती है तो आंदोलन किया जाएगा. जरूरत पड़ी तो इस गंभीर मामले के खिलाफ अदालत का दरवाजा भी खटखटाया जा सकता है."
प्रदर्शनकारियों ने मदरसा बोर्ड से नियुक्ति को रद्द करने की मांग की है. उनका कहना है कि गलत बहाली से बच्चों पर असर पड़ेगा और मदरसे का शैक्षणिक माहौल पटरी से उतर जाएगा. लिहाजा, बोर्ड से निवेदन है कि जल्द से जल्द कर कार्रवाई कर योग्य उम्मीदवार की तैनाती करें।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.