मध्यप्रदेश: जानिए क्यों किया खरगोन की मुस्लिम महिलाओं ने प्रदर्शन, 6 के खिलाफ़ मामला दर्ज़

नाबालिग और बुजुर्गों की गिरफ्तारी के विरोध में मुस्लिम महिलाओं ने किया प्रदर्शन / फोटो - अंकित पचौरी, द मूकनायक
नाबालिग और बुजुर्गों की गिरफ्तारी के विरोध में मुस्लिम महिलाओं ने किया प्रदर्शन / फोटो - अंकित पचौरी, द मूकनायक

खरगोन। मध्यप्रदेश के खरगोन में मुस्लिम महिलाओं द्वारा प्रशासन के विरोध में चक्का जाम और विरोध प्रदर्शन करना भारी पड़ गया। प्रशासन ने बिना अनुमति विरोध प्रदर्शन और चक्का जाम करने के आरोप में एक सरकारी डॉक्टर सहित 6 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है।

क्या था पूरा मामला? 

पिछले महीने रामनवमी पर खरगोन के तालाब चौक से विशाल जुलूस निकाला गया। हजारों लोगों की भीड़ मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से गुजर रही थी तभी जुलूस में शामिल कुछ लोगों ने विवादित नारें लगाना शुरू कर दिया, जिसके बाद सांप्रदायिक हिंसा शुरू हो गई। इस बीच, विवाद की स्थिति बेकाबू हो गई और पथराव शुरू हो गया। कुछ असामाजिक तत्वों ने दुकानों और गाड़ियों में आग लगा दी। 

खरगोन शहर में रामनवमी पर हुई साम्प्रदायिक हिंसा में आरोपियों के घरों और दुकानों पर बुलडोजर चला दिया। शहर में लगभग 20 दिन तक कर्फ्यू रहा। बीते, मंगलवार को कर्फ्यू के खत्म होने के बाद घरों पर बुलडोजर चलाने और मामले में बुजुर्गों, नाबालिक बच्चों पर हुए दर्ज मामले के विरोध में मुस्लिम महिलाओं ने बड़ी संख्या में सड़कों पर आकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने चक्काजाम भी कर दिया, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने एक डॉक्टर सहित 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया।

बुजुर्गों और बच्चों पर दर्ज हुए थे मामले!

द मूकनायक से बातचीत करते हुए शाहरुख मिर्जा ने बताया कि, उनके चाचा की दुकान पर भी प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया है। शाहरुख़ ने कहा कि प्रशासन ने उन्हें टारगेट कर यह कार्यवाही की है। उन्होंने बताया, प्रशासन ने ऐसे लोगों पर मामले दर्ज किए जो बुजुर्ग और बच्चें है। प्रशासन ने बेगुनाह लोगों पर मामले दर्ज कर उनके घरों पर बुलडोजर चला दिया। जिसके लिए अब पीड़ित न्यायालय में जायंगे।

बता दें कि, खरगोन में पुलिस पर निर्दोषों व नाबालिग पर कार्रवाई के विरोध सहित अन्य मांगों को लेकर शहर के मोहन टॉकीज पर चक्काजाम किया गया था। पुलिस के अनुसार मंगलवार को दोपहर 1 बजे बिना अनुमति से सैकड़ों लोगों ने चक्काजाम कर दिया था। प्रशासन का कहना है कि सूचना दिए बगेर रैली निकाली गई थी। जिससे न सिर्फ यातायात व्यवस्था बाधित हुई बल्कि अन्य लोगों को परेशानी हुई, और पुलिस बल को तैनात करना पड़ा। 

इस मामले में सरकारी डॉक्टर सहित छह लोगों पर केस दर्ज किया है। मामले में पुलिस ने साहिदा, सत्तार आटावाला, शकील, सादिक, डॉ. साबिया सैयद और सादिक हजारी के खिलाफ केस दर्ज किया हैं।

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