झारखंड: चोरी की आशंका में मुस्लिम दंपति पर पुलिस का “थर्ड डिग्री टॉर्चर”

चोरी की आशंका में मुस्लिम दंपति पर पुलिस का “थर्ड डिग्री टॉर्चर”
चोरी की आशंका में मुस्लिम दंपति पर पुलिस का “थर्ड डिग्री टॉर्चर”
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बोकारो। झारखंड के बोकारों में पुलिस का एक बेहद शर्मनाक कृत्य सामने आया है। एक मुस्लिम दंपति को एसएचओ और पुलिस कांस्टेबल द्वारा कथित रूप से बेरहमी से पीटा गया और उनपर थर्ड डिग्री टॉर्चर भी किया गया।

क्या है पूरा मामला

बोकारो के बालाडीह थाने के खाकी वर्दीधारियों ने क्षेत्र के एक मुस्लिम दंपति को चोरी के शक में थाने ले गए। ये दंपति मखदुमपुर में एक प्राइवेट स्कूल भी चलाते हैं।

आरोप है कि, उनको थाने में एसएचओ और पुलिस कांस्टेबल ने बेरहमी से पीटा। और एक गंभीर अपराधी की तरह उन्हें थर्ड डिग्री टॉर्चर भी किया। आरोप यह भी है कि, पुलिस ने उनके तलवों में इतने डंडे मारे कि तलवों से खून निकलने लगा। उनकी पत्नी को भी पुलिस ने पीटा और उसके बाल पकड़कर खींचे गए।

पुलिस ने रात में बुलाया थाने

द मूकनायक संवाददाता से पीड़ित अमानत बताते हैं, "30 दिसंबर की शाम के करीब 7:45 बजे पुलिस स्टेशन से फोन आया। हमसे बोला गया कि आपसे कुछ पूछताछ करनी है तो आप पुलिस स्टेशन आ जाओ। जब मैंने बोला कि हमारे पास कोई साधन नहीं है, अभी हम नहीं आ सकते हैं, हम सवेरे आ जाएंगे तो उन्होनें बोला कि आप अभी आ जाएंगे तो आप के लिए अच्छा होगा और फोन काट दिया।"

अमानत ने आगे बताया कि, पुलिस ने हमारी नहीं सुनी और रात में ही थाने आने के लिए बोला। उन्होंने कहा कि हमनें पड़ोसियों से भी मदद मांगी लेकिन कोई आगे नहीं आया।

"मैंने पड़ोसियों से कहा की कोई मेरे साथ चल सकता है! तो सबने साथ जाने के लिए मना कर दिया।  तब मेरी पत्नी ने कहा कि चलो में आपके साथ चलती हूं। फिर मैं और मेरी पत्नी ने ऑटो रिक्शा किराये पर लिया और थाने पहुंच गए।" – अमानत ने कहा।

"वहां मौजूद कांस्टेबल ने कहा अंदर बैठ जाओ। 1 से 2 घंटे बीत जाने पर मेरी पत्नी ने कहा कि क्या कारण है हमे यहां क्यों बिठा रखा है? हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं और रात ज्यादा हो गई है, हमारे जाने का साधन नहीं है। मेरी पत्नी के इतना कहने पर एक महिला कांस्टेबल थाना प्रभारी (नूतन मोदी) को बुलाकर लाती है।" -अमानत ने थाने में हुई घटना को बताया।

पुलिस हिरासत में किया गया प्रताड़ित

द मूकनायक से पीड़ित ने बताया कि उनकी पत्नी ने जब सवाल किए तो थाना प्रभारी ने उनके साथ मारपीट की। उन्होंने कहा, "थाना प्रभारी मेरी पत्नी के पास गुस्से में आई, और मेरी पत्नी के बाल पकड़कर खींचती हुई पूरे बरामदे में घसीट-सीट कर पीटाई की, फिर उसे घसीट कर एक कमरे में ले गई।"

अमानत ने बताया कि उनकी पत्नी के साथ पुरुष कांस्टेबल ने भी मारपीट की। उन्होंने कहा, "उसे कमरे में ले गए और फिर एक पुरुष कांस्टेबल के साथ मिलकर उसको पीटा। उसे इतना पीटा कि वो बेहोश हो गई। उसके बाद वो कांस्टेबल मेरे पास आकर मुझे पीटने लगा।"

उन्होंने बताया कि कांस्टेबल चोरी के शक में हमें मार रहा था। उन्होंने कहा,  "पुलिस ने पूछा कि बताओ किसके साथ मिलकर तुमने चोरी की है या किससे चोरी करवाई है! तो मैने बोला हमने कोई चोरी नहीं की है; तो सभी मिलकर मुझे पीटने लगते हैं। वह हमारे साथ एक संगीन अपराधी की तरह व्यवहार कर रहे थे।"

पीड़ित ने द मूकनायक को बताया कि उन्हें थर्ड डिग्री टॉर्चर किया गया। अमानत ने कहा, "उन्होंने हमारे पैरों के नाखून तक खींचे जिसके कारण हम दोनों चल तक नहीं पा रहे थे। दूसरे दिन हमारे भाई ने थाने में आकर एसएचओ से बात की। बातचीत के बाद मुझे और मेरी पत्नी को यह कह कर छोड़ा कि जरूरत पड़ने पर हम पूछताछ के लिए बुला सकते हैं।"

पड़ोसी के घर की चाबी रखी थी

पीड़ित ने द मूकनायक को बताया कि, मेरे पड़ोसी ने मुझे अपने घर की चाबी रखने के लिए दी थी।  उन्होंने कहा, "8 दिसंबर की बात है, मेरे पड़ोसी युनुस हाशमी अपनी बेटी के इलाज के लिए दिल्ली जा रहे थे। तो उन्होंने मुझे कहा कि अमानत भाई यह घर की चाबी लो और कुछ दिन यहीं सो जाना। हमने उनको मना किया तो बोले कि हमे आप पर और आपकी ईमानदारी पर भरोसा है। आप घर पर ही सोया करना, तब से मैं वहां सो रहा था।"

पीड़ित अमानत ने बताया कि, "15 दिसंबर के दिन मेरी तबियत ठीक नहीं थी तो मैं घर पर ही सो गया। उसी रात वहां चोरी हो गई। 30 दिसंबर को शाम को हमें पुलिस स्टेशन बालाडीह बुलाया गया था जहां हमारे साथ मारपीट की गई।"

गांव के लोग विश्वास करते हैं

द मूकनायक से बातचीत के दौरान पीड़ित ने बताया कि पूरे गांव के लोग उनको ईमानदार मानते हैं। उन्होंने कहा, "गांव वाले मुझे ईमानदारी और सच्चाई का प्रतीक मानते हैं। पूरे गांव मखदुमपुर में मेरी बहुत इज्जत थी। कोई भी व्यक्ति यह मानने को तैयार नहीं है कि मैं ऐसा अपराध कर सकता हूं।"

मामले पर पुलिस की सफाई  

मामले में अधिक जानकारी के लिए द मूकनायक ने बोकारो के बालाडीह थाने पर संपर्क किया तो वहां की एक महिला पुलिसकर्मी ने बताया कि, "हम भला ऐसा क्यों करेंगे, पुलिस पर जो आरोप लगाए गए हैं वह झूठे और बेबुनियादी हैं। उच्चाधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।" इतना बताकर पुलिसकर्मी ने कॉल काट दिया।

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