'गौ-रक्षा नाम पर जान लेना बंद करें कथित गौ-रक्षक'

संयुक्त जन आन्दोलन राजस्थान ने की प्रेस कांफ्रेंस, नासिर-जुनैद हत्याकांड में पुलिस प्रशासन पर लापरवाही के आरोप
'गौ-रक्षा नाम पर जान लेना बंद करें कथित गौ-रक्षक'

राजस्थान के मेवात इलाके में तथाकथित गौरक्षक दलों द्वारा गौ-रक्षा के नाम पर पशुपालकों, किसानों, दलित, आदिवासी, मुस्लिम समुदाय पर बढ़ते अत्याचार के खिलाफ अब आवाज बुलंद होने लगी है। राजधानी जयपुर में सोमवार को संयुक्त जन आन्दोलन - राजस्थान के प्रतिनिधियों की बैठक हुई जिसमें गौ रक्षा के नाम पर होने वाली मानव हत्याओं के विरुद्ध आवाज बुलंद करने की प्रतिबद्धता जाहिर की गई। मंच से प्रतिनिधियों ने कहा कि कभी जितेंद्र , कभी ओमप्रकाश रैगर को मौत के घाट उतारा गया। पहलू खान, आसिफ, तबरेज, कार्तिक भील, अखलाक, वारिस की साजिशन जान ली गई। इन्ही कथित गौरक्षकों ने घाटमिका (भरतपुर) के जुनैद और नासिर को नृशंसतापूर्वक जिंदा जला दिया। इस हृदय विदारक वारदात के महीनेभर बाद भी नामजद आरोपी पुलिस गिरफ्त से दूर है और केवल एक को ही प्रदेश पुलिस पकड़ सकी है। आरोपियों में से केवल एक ही आरोपी की गिरफ्तारी हुई है।

जन-आन्दोलन की चेतावनी

जयपुर में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान संयुक्त जन आन्दोलन के प्रतिनिधियों ने बताया कि सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि राज्य सरकार नासिर-जुनैद हत्याकांड के मुख्य आरोपी मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर सहित सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करती है तो सर्वसमाज के सभी जन संगठन बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन करेंगे और जन आंदोलन चलाएंगे।

संगठन ने यह आरोप भी लगाया कि पुलिस ने राजनीतिक दवाब में हत्या के मुख्य आरोपी मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर को क्लीन चिट दे दी। गत दिनों घाटमिका कांड के वांछित आरोपियों में से 8 आरोपियों की भरतपुर पुलिस द्वारा जारी फोटो सहित सूची में मुख्य आरोपी का नाम नहीं होने से भी अपराधियों के हौसले मजबूत हुए हैं।

ज्ञात हो कि भरतपुर के नासिर-जुनैद हत्याकांड के नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी सहित विभिन्न मुद्दों पर प्रदेश के विभिन्न सामाजिक एवं राजनीतिक संगठनों ने एक मंच पर 'संयुक्त जन आन्दोलन राजस्थान' के बैनर तले जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हरियाणा व राजस्थान सरकारों पर गम्भीर आरोप लगाए हैं।

जमात-ए-इस्लामी हिन्द राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष नजीमुद्दीन सहित अन्य वक्ताओं ने कहा कि मेवात हमेशा से ही पशुपालकों तथा किसानों का इलाका रहा है। यहां हिन्दू तथा मुस्लिम समाज मिलजुल कर रहते आए हैं। यह सच है कि पिछले कुछ सालों से क्षेत्र में लगातार साम्प्रदायिक तत्व सक्रिय हैं, जो ग्रामीणों के बीच नफरत का वातावरण बना रहे हैं। यही कारण है कि कुछ सालों से आए दिन घृणा युक्त बयान जारी किए जाते हैं और लोगो को आपस मे लड़ाने के प्रयास किए जाते हैं। वक्ताओं ने सीधा आरोप लगाया कि राजनेता भी इस स्थिति का लाभ उठाकर भड़काऊ भाषणों के माध्यम से लोगो को बांटकर अपना वोट बैंक मजबूत करते रहते हैं। इसका शिकार निर्दोष ग्रामीण होते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि तथाकथित गौ रक्षक दल अब तक गौ रक्षा के नाम पर अनेक किसानों तथा पशुपालकों की जानें ले चुके हैं। इस क्षेत्र में साम्प्रदायिक नफरत का शिकार होने वालों में पहलू खान, अकबर उर्फ रकबर खान तथा मोहम्मद उमर प्रमुख है। तथा अब नासिर व जुनैद इनके शिकार बने हैं।

संयुक्त जन आन्दोलन राजस्थान से जुड़े डॉ. इकबाल सिद्दीकी ने कहा कि दिनांक 15 फरवरी को प्रातः 4-5 बजे भरतपुर जिले के पहाड़ी थाना अंतर्गत ग्राम घाटमिका निवासी नासिर (25) पुत्र गनी व जुनैद (35) पुत्र हारून का अपहरण कर बेरहमी के साथ जला कर हत्या कर दी गई।

संयुक्त जन आन्दोलन राजस्थान के कन्वेनर अब्दुल सलाम जौहर ने कहा कि हत्या आरोपी ( नासिर और जुनैद ) को पहले फिरोजपुर झिरका पुलिस थाने में लेकर गए परन्तु अधिक घायल होने के कारण वहां के पुलिस अधिकारियों ने उन्हें अपनी सुरक्षा में लेने के बजाय अस्पताल ले जाने को कहकर वापस भेज दिया। जिसके बाद आरोपी उन्हें घायल अवस्था में ही गाड़ी में डाल कर घुमाते रहे। फिर भिवानी जिले के लोहारू ले जाकर उन्ही की बोलेरो कार में डालकर जिंदा जलाकर हत्या कर दी।

यह सवाल भी उठाए वक्ताओं ने

वक्ताओं ने कहा कि पुलिस थाना फिरोजपुर झिरका के अधिकारियों ने अधिक घायल होने के कारण नासिर व जुनैद को अपने कब्जे में नहीं लिया और उन्हें आरोपियों के ही हवाले छोड़ दिया। वक्ताओ ने सवाल किया कि यदि पुलिस अपनी निगरानी में लेकर उन्हें अस्पताल पहुंचाती तो सम्भव है कि उनकी जान बच जाती। थाना फिरोजपुर झिरका के अधिकारियों ने घायल नासिर व जुनैद को लाने वाले आरोपियों से क्यों पूछताछ नहीं की ?

आरोपियों द्वारा दो व्यक्तियों के साथ मारपीट कर घायल करने के बाद स्वयं थाने ले जाना और पुलिस का उन्हें बिना किसी पूछताछ के जाने देना पुलिस की लापरवाही और आरोपियों के साथ मिली भगत को भी दर्शाता है। मारपीट की जगह पीरू के जोतरी, थाना फिरोजपुर झिरका और जलाए जाने की जगह लोहारू के बीच लगभग 300 किलोमीटर का फासला है। इतनी दूरी तक, दो राज्यो के बीच कई जिलों से होते हुए आरोपियों द्वारा स्वयं गाड़ी चलाकर घायलों को ले जाना और उन्हें किसी प्रकार की रोक-टोक न होना भी यह दर्शाता है कि अपराधी पूरी तरह बेख़ौफ़ है। यह दिलेरी और बेख़ौफी पुलिस व प्रशासन की शह के बिना सम्भव नहीं है।

जब ग्रामीण पहाड़ी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने गए तो क्षेत्र का बहाना बना कर उन्होंने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। जबकि कानून के अनुसार जीरो नम्बर एफआईआर किसी भी थाने में दर्ज कराई जा सकती है और बाद में उसे सबन्धित थाने में स्थानांतरित कर दिया जाता है। मेवात इलाके में तथा कथित गोरक्षक दलों का सक्रिय रूप से पुलिस व प्रशासन की मौजूदगी में आती जाती गाड़ियों को रोकना, पशुओं को छीन लेना, व्यपारियों से चौथ वसूली करना, उनके साथ मारपीट करना, यह सब बातें बताती है कि इन अपराधियो की पुलिस एवं प्रशासन और सम्भवतः इलाके के राजनीतिक नेताओ के साथ गहरा गठजोड़ है।

यह है प्रमुख मांगें

वक्ताओं ने हत्याकाण्ड के मुख्य नामजद आरोपी मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर सहित सभी आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने के लिए स्पेशल टास्कफोर्स गठित करने, हरियाणा सरकार और पुलिस का आधिकारिक सहयोग लेने की मांग की। साथ ही पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने, जांच दल में पुलिस के उच्च अधिकारियों के साथ एक न्यायिक अधिकारी को भी शामिल करने का सुझाव दिया। मृतकों के परिजनों को बिना किसी भेदभाव के समानता के आधार पर मुआवजा देने, दोनों परिवारों के एक एक सदस्य को सरकारी नौकरी, साथ ही दोनों मृतकों के बच्चों की मुफ्त शिक्षा का प्रबंधन, मृतकों के पीड़ित परिवारों तथा घटना के सभी गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने की भी मांगे रखी गई।

वक्ताओं ने कहा क्षेत्र में सक्रिय तथा कथित गोरक्षक दल अनेक नामों से काम कर रहे हैं और खुलेआम हथियारों का प्रदर्शन तथा इस्तेमाल करते हैं। हथियारों के साथ अपने वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं। इन अवैधानिक दलों पर तुरंत प्रभाव से हरियाणा और राजस्थान सरकारों द्वारा रोक लगाई जाए। मेवात क्षेत्र में आए दिन गो तस्करी के नाम पर राजस्थान एवं हरियाणा दोनों राज्यो की पुलिस द्वारा ग्रामीणों को परेशान किया जाता है, जिनकी आजीविका ही दूध तथा दुधारू पशुओं का कारोबार है। अतः पुलिस द्वारा गरीब किसानों को परेशान किए जाने पर रोक लगाई जाए।

राजस्थान के यह प्रमुख संगठन हुए प्रेस वार्ता में शामिल

राजस्थान समग्र सेवा संघ, राजस्थान मुस्लिम फोरम, जमा- ए - इस्लामी हिन्द राजस्थान, दमन प्रतिरोध आंदोलन राजस्थान, एपीसीआर राजस्थान, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया, वहदत ए इस्लामी राजस्थान, जमीयत उलेमा ए हिन्द राजस्थान, ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल राजस्थान, पीयूसीएल राजस्थान, वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया राजस्थान, अम्बेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया राजस्थान, मुस्लिम प्रोग्रेसिव फेडरेशन राजस्थान, जयपुर शिया कम्युनिटी, आजाद फाउंडेशन, इरादा सोसायटी, अखिल भारतीय आदिवासी परिषद जन मोर्चा, एडवा, राजस्थान नागरिक मंच, एमपीएफ, एनएफआइडब्ल्यू राजस्थान, डब्ल्यूपीएफएम राजस्थान, फोरम फ़ॉर डेमोक्रेसी एंड कम्युनल एमिटी राजस्थान, ऑल इंडिया तंजीमें मिल्लत राजस्थान, ज्वाइंट एक्शन फोरम राजस्थान, जनमोर्चा राजस्थान, आदिवासी विकास परिषद राजस्थान, आजाद समाज पार्टी राजस्थान, डेमोक्रेटिक फ्रंट राजस्थान तथा अन्य जनसंगठन

नासिर-जुनैद का परिवार फिर धरने पर बैठे

नासिर - जुनैद हत्यकांड के बाद राजस्थान सरकार की आलोचनाओं के बाद खुद मुख्यमंत्री ने घाटमिका गांव पहुंच कर पीड़ित परिवारों से मिलकर आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। इस दौरान सीएम द्वारा न्याय का भरोसा दिलाने पर पीड़ित परिवारों ने गांव के कब्रिस्तान से धरना समाप्त कर दिया था। अब परिजनों का कहना है कि सभी घोषणाएं कागजी साबित हुई। सरकार के एक भी वादे पर अमल नही हुआ। ऐसे में नाराज पीड़ित परिवार ने गांव में ही दोबारा धरना शुरू कर दिया।

मृतकों के परिवार के सदस्य हाफिज जाबिर ने कहा कि पीड़ितों को सरकारी मदद के नाम पर एक ढेला भी नहीं मिला। आश्वासन के बावजूद हत्या आरोपियों की गिरफ्तारी तक नहीं हुई। आरोप है कि एक स्थानीय राजनेता के दवाब में प्रशासन उन्हें अभी भी तंग कर रहा है। पूर्व में पत्रकार वसीम अकरम को भी पुलिस ने दबाव बनाने के लिए गिरफ्तार किया था। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता इनामुल हसन ने द मूकनायक से बात करते हुए कहा कि जब तक पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिल जाता गांव में धरना जारी रहेगा।

मुस्लिम मतदाताओं के सहारे वैतरणी पार करने वाली पार्टी की नैया भंवर में ?

एमआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी इन दिनों राजस्थान में एक के बाद एक यात्रा कर अपनी राजनैतिक बिसात बिछाने में लगे हैं। वही ओवैसी के दौरों से शत प्रतिशत मुस्लिम मतों के सहारे सत्ता तक पहुंचने वाली राजनीतिक पार्टी की चिंता बढ़ने लगी है। जैसलमेर दौरे के दौरान ओवैसी ने कहा कि हम चुनाव लड़ेंगे, क्योंकि यह हमारा हक है। जिन्होंने जुल्म किया है और आमजन को तकलीफ दी है, अब उन्हें डरने की जरूरत है। ओवैसी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जनपद में भी लोग असंतुष्ट हैं। ओवैसी

ने राजस्थान में मुसलमानों के हालात पर सर्वे कराने की बात भी कही है। मुसलमानों का सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक स्तर पर विस्तृत रिपोर्ट आने पर लोगों पता चल जाएगा कौन कितना लफ्फाजी करके बेवकूफ बनाता है। इस बीच एक बार फिर ओवैसी ने उदयपुर व भरतपुर हत्याकांड के मुआवजे में भेद बताते हुए राजस्थान सरकार पर जाति आधारित न्याय के आरोपों को मजबूती दी है।

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

Related Stories

No stories found.
The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com