भोपाल। राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में कर्मचारियों की छंटनी का मामला गरमा गया है। अस्पताल मैनेजमेंट ने 400 कर्मचारियों को हटाने की तैयारी कर ली है। इनमें से 50 से अधिक कर्मचारियों को इस महीने की 20 तारीख तक सेवा समाप्ति के लेटर दिए जा चुके हैं। हटाए जा रहे कर्मचारियों में वार्ड बॉय, लैब टेक्नीशियन और कंप्यूटर ऑपरेटर शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार, जिन कर्मचारियों को हटाया जा रहा है, उनकी नियुक्तियां कोविड-19 महामारी के दौरान हुई थीं। उस समय आपातकालीन परिस्थितियों को देखते हुए बड़ी संख्या में कर्मचारियों को भर्ती किया गया था। वर्तमान में मैनेजमेंट का कहना है कि अस्पताल में शासन से स्वीकृत पदों के मुकाबले 400 कर्मचारी अधिक हैं।
गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के तहत आने वाले हमीदिया अस्पताल की डीन, कविता एन सिंह, ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि कर्मचारियों की संख्या में कटौती शासन से स्वीकृत पदों के आधार पर की जाएगी। अस्पताल में हर दिन 2500 से अधिक मरीज ओपीडी में आते हैं और 60 से अधिक ऑपरेशन होते हैं।
आउटसोर्स कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मोहन सागर ने बताया कि 13 जनवरी को कर्मचारियों ने हड़ताल की योजना बनाई है। उनका आरोप है कि कंपनी अब तक उनकी बकाया सैलरी का भुगतान नहीं कर रही है। इसके अलावा, कर्मचारियों को दिवाली बोनस भी नहीं मिला।
सागर ने कहा, "हमीदिया के कर्मचारियों ने पहले भी कई बार कंपनी को पत्र लिखकर अपनी समस्याओं की जानकारी दी थी। लेकिन कंपनी ने सिर्फ आश्वासन दिया, ठोस कदम नहीं उठाए। अब सेवा समाप्ति के लेटर भी दिए जा रहे हैं, जिससे कर्मचारियों में गहरा असंतोष है।"
हमीदिया अस्पताल में लगभग 1800 प्राइवेट कर्मचारी काम करते हैं, जिनमें सफाईकर्मी, डेटा एंट्री ऑपरेटर्स, वार्ड बॉय और कंप्यूटर ऑपरेटर शामिल हैं। इनमें से 1100 से अधिक कर्मचारियों की सैलरी अस्पताल मैनेजमेंट द्वारा दी जाती है, जबकि 700 कर्मचारियों को सैलरी एजाइल कंपनी के जरिए मिलती है।
हाल ही में जीएमसी ने एजाइल कंपनी को ढाई करोड़ रुपए का भुगतान किया है। हालांकि, अभी भी कंपनी का 12 करोड़ रुपए का बकाया है। इसी वजह से कंपनी ने कर्मचारियों की सैलरी रोक दी है। दो महीने पहले कर्मचारियों की हड़ताल के बाद कंपनी को 1 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था, लेकिन वह भी पर्याप्त नहीं था।
आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर संघ ने 13 तारीख को हड़ताल करने का ऐलान किया है। इसके लिए प्रशासन से अनुमति भी ले ली गई है। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी बकाया सैलरी का भुगतान नहीं होता और सेवा समाप्ति के लेटर वापस नहीं लिए जाते, तब तक विरोध जारी रहेगा।
हमीदिया अस्पताल मैनेजमेंट के पास वर्तमान में 1800 आउटसोर्स कर्मचारियों को संभालने की चुनौती है। हर महीने कर्मचारियों की सैलरी और अन्य खर्चों के लिए अस्पताल प्रबंधन पर वित्तीय दबाव बढ़ता जा रहा है। इसके चलते कर्मचारियों की संख्या में कटौती का निर्णय लिया गया है।
छंटनी का सीधा असर अस्पताल की सेवाओं पर पड़ सकता है। फिलहाल, अस्पताल में ओपीडी में रोज़ाना 2500 से अधिक मरीज इलाज कराने आते हैं। साथ ही, 60 से अधिक ऑपरेशन रोज़ाना होते हैं। ऐसे में अगर कर्मचारी कम होते हैं, तो मरीजों की सुविधा में बाधा आ सकती है।
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