MP: इंदौर में 10 साल की बच्ची बंधुआ मजदूरी से रेस्क्यू, चेहरे और कान पर चोट के निशान!

रेस्क्यू टीम ने बच्ची का मेडिकल करवाकर उसे शेल्टर होम में सुरक्षित रखा है। बच्ची के पिता को इंदौर बुलाया गया है। टीम ने संदेह जताया है कि बच्ची डर के कारण पूरी सच्चाई नहीं बता रही है।
रेस्क्यू करने पहुँचीं टीम
रेस्क्यू करने पहुँचीं टीम इंटरनेट
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भोपाल। मध्य प्रदेश के इंदौर के लसूडिया थाना क्षेत्र में एक 10 साल की बच्ची को बंधुआ मजदूरी करते हुए पाया गया। बच्ची के चेहरे और कान पर चोट के निशान मिले हैं। उसे गुरुवार रात रेस्क्यू कर शेल्टर होम में रखा गया है। यह घटना समाज की उस गंभीर स्थिति को उजागर करती है, जहां बाल अधिकारों का खुला उल्लंघन हो रहा है।

क्या है पूरा मामला?

बच्ची के रेस्क्यू की यह घटना लसूडिया थाना क्षेत्र के निपानिया स्थित स्पेस पार्क के बी ब्लॉक के फ्लैट नंबर 213 की है। पड़ोसियों ने एनजीओ ‘आस’ को सूचित किया था कि इस फ्लैट में रहने वाले मानवेंद्र सिंह और उनकी पत्नी ने बच्ची को किसी गांव से लाकर बंधुआ मजदूर बना रखा है। पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि बच्ची के रोने और चिल्लाने की आवाजें अक्सर सुनाई देती थीं।

एनजीओ, पुलिस, श्रम विभाग और चाइल्डलाइन की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर बच्ची को रेस्क्यू किया। फ्लैट में बच्ची एक कोने में डरी-सहमी बैठी मिली। उसके चेहरे पर नाखून के निशान और कान पर चोट थी, जिस पर हल्दी लगी हुई थी।

बच्ची की आपबीती

रेस्क्यू के बाद बच्ची ने रेस्क्यू टीम को बताया कि वह सीधी जिले के एक गांव की रहने वाली है। उसके माता-पिता खेतों में मजदूरी करते हैं और परिवार में कुल छह भाई-बहन हैं। मानवेंद्र सिंह की पत्नी उसे गांव से अपने साथ लाई थी। इससे पहले दंपती ने उसकी बड़ी बहन को भी यहां लाने का प्रयास किया था, लेकिन उसने कुछ दिनों बाद मना कर दिया।

बच्ची से घरेलू कामकाज के साथ-साथ दंपती की डेढ़ साल की बच्ची को संभालने का काम कराया जाता था। उसने बताया कि उसे स्कूल जाने का मौका नहीं मिला और न ही उसका आधार कार्ड बना है।

रेस्क्यू के बाद की स्थिति

रेस्क्यू टीम ने बच्ची का मेडिकल करवाकर उसे शेल्टर होम में सुरक्षित रखा है। बच्ची के पिता को इंदौर बुलाया गया है। टीम ने संदेह जताया है कि बच्ची डर के कारण पूरी सच्चाई नहीं बता रही है। उसकी काउंसलिंग की जा रही है ताकि वास्तविकता सामने आ सके। पुलिस और श्रम विभाग ने मानवेंद्र सिंह और उनकी पत्नी से पूछताछ शुरू कर दी है। इस मामले में बाल संरक्षण और बंधुआ मजदूरी कानूनों के उल्लंघन की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।

बच्ची की मेडिकल रिपोर्ट और काउंसलिंग के आधार पर स्थिति स्पष्ट होगी। दंपती पर संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। पुलिस यह भी जांच करेगी कि बच्ची को गांव से किस प्रकार लाया गया और इसमें अन्य कोई व्यक्ति शामिल है या नहीं।

क्या है कानून?

बाल संरक्षण कानून: किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 75 के तहत, यदि कोई व्यक्ति बच्चे को चोट पहुंचाता है, मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता है, तो उसे तीन साल तक की जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है।

बंधुआ मजदूरी कानून: बंधुआ मजदूरी प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम 1976 के तहत किसी भी प्रकार की बंधुआ मजदूरी करवाना दंडनीय अपराध है। दोषी पाए जाने पर दो से तीन साल तक की जेल हो सकती है।

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