MP: खेतों में काम कर रहे किसानों को हार्टअटैक का खतरा! जानिए क्या हैं कारण?

बढ़ती ठंड में हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक के शिकार ज्यादातर खेतों में काम करने वाले किसान हो रहे हैं। मध्य प्रदेश में पिछले छह दिनों में करीब 30 लोगों की मौत हार्टअटैक के कारण हुई है।
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सांकेतिक फोटोफोटो साभार- इंटरनेट

भोपाल। मध्य प्रदेश सहित पूरे देशभर में पिछले 15 दिनों से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। कई जिलों में छह दिन से सीवियर कोल्ड डे बना हुआ है। यहां के लोगों को नए साल से ही धूप दिखाई नहीं दी है। वहीं शीत लहर ने लोगों का घर से निकलना मुश्किल कर दिया है। भीषण ठंड में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मामले भी बढ़ने लगे हैं। बढ़ती ठंड में हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक के शिकार ज्यादातर खेतों में काम करने वाले किसान हो रहे हैं। मध्य प्रदेश में पिछले छह दिनों में करीब 30 लोगों की मौत हार्टअटैक के कारण हुई है। अमूमन यही हाल देश के दूसरे राज्यों का है।

इस समय रबी की फसल खेतों में तैयार हो रही है। किसानों को रात के समय आवारा मवेशियों का खतरा बना रहता है। साथ में गेहूँ की फसल को अधिक पानी की जरूरत होती है। किसान ज्यादातर रात में ही सिंचाई करते हैं। आवारा जानवरों से खेतों की रखवाली के लिए खेत में ही सोना पड़ता है।

ज्यादातर किसान खेत के बीच अस्थाई झोपड़ी बना कर, खाट (चारपाई) पर सोते हैं। यहीं से वह टॉर्च, सीटी के माध्यम से खेत की बागड़ पर नजर रखते हैं। इस समय रात में तापमान तेजी से नीचे गिर रहा है। शीत लहर भी चल रही है। यही कारण है कि ठंड की चपेट में आने से किसानों को हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

प्रतिदिन सामने आ रहे हार्टअटैक केस

भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज परिसर में बने हमीदिया अस्पताल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में सर्दी बढ़ने के साथ ही हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। हर दिन लगभग 30 से 35 मरीज आ रहे हैं, बीते छह दिन में प्रदेशभर में हार्ट अटैक से करीब 30 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि एक सप्ताह में 20 लोग ब्रेन स्ट्रोक से अपनी जान गंवा चुके हैं।

द मूकनायक से बातचीत करते हुए भोपाल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि पटेल ने बताया कि शर्दियों में हमेशा से ही हार्ट अटैक के मामले बढ़ते आए हैं। लेकिन कोविड के बाद से इन मामलों में तेजी देखने को मिली है। हार्ट अटैक अब 20 से 30 साल के उम्र वाले लोगों में भी देखने को मिल रहा है।

डॉक्टर पटेल ने बताया रात में सोते समय शरीर की गतिविधि धीमी हो जाती है। साथ ही, ब्लड प्रेशर और शुगर का स्तर भी कम हो जाता है, लेकिन सुबह उठने से पहले ही शरीर का ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम उसे सामान्य स्तर पर लाने का काम करता है। ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम हर मौसम में काम करता है, लेकिन सर्दी के मौसम में इस सिस्टम के लिए दिल को सामान्य की तुलना में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इस वजह से जिन्हें पहले से दिल की बीमारी होती हैं उन्हें हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इस मौसम में पानी की कमी के कारण ब्लड गाढ़ा हो जाता है यह भी हार्टअटैक का प्रमुख कारण है।

चिकित्सक कहते हैं कि ठंड के मौसम में नसें ज्यादा सिकुड़ती हैं और सख्त बन जाती हैं। इससे नसों को गर्म और एक्टिव करने के लिए ब्लड का फ्लो बढ़ जाता है जिससे ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट अटैक होने का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में जिन्हें पहले से ही दिल की बीमारी है या जिन्हें पहले भी हार्ट अटैक हो चुका है, उनके लिए ज्यादा ठंड जानलेवा हो जाती है।

इन बातों का रखें ध्यान

डॉक्टर कहते हैं एक्सरसाइज की मदद से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, लेकिन इस बात का ख्याल रखें कि ऐसी एक्सरसाइज न करें, जिससे हार्ट पर एक्सट्रा दबाव पड़े। अपनी डाइट में हेल्दी खाने-पीने की चीजों को शामिल करें। इससे कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ेगा और आपका वजन भी मेंटेन रहेगा। ब्लड प्रेशर चेक करें और कंट्रोल करने की कोशिश करें। अगर ब्लड प्रेशर बढ़ता हुआ नजर आए, तो डॉक्टर से मिलें।

शराब और सिगरेट का इस्तेमाल न करें। ये दोनों ही आपके दिल के लिए घातक साबित हो सकते हैं। साथ ही, इनकी वजह से अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए योग और मेडिटेशन आदि की मदद लें। स्ट्रेस की वजह से दिल पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो दिल से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है।

नींद की कमी की वजह से भी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए रोज 7-8 घंटे ही नींद लेने की कोशिश करें। शरीर का तापमान कम होने की वजह से आर्टरीज सिकुड़ सकती हैं। इसलिए खुद को गरम रखने के लिए गरम कपड़े पहनें और अपने कानों को भी ढ़क कर रखें। अगर आपको कोई दिल की बीमारी है, हाइपरटेंशन आदि की कोई समस्या है, तो डॉक्टर से रेगुलर चेकअप कराएं और बीमारियों के लक्षणों पर ध्यान दें।

पिछले दिनों यह केस आए सामने

केस- 1

राजस्थान के दौसा जिले की लालसोट क्षेत्र के रामगढ़, डाबर कला गांव में गत शनिवार को देर रात्रि को किसान हरकेश मीणा परिजनों को खेत में बेसुध मिला, तो परिजन उसे लेकर लालसोट जिला अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद किसान को मृत घोषित कर दिया। हार्ट अटैक के कारण मौत होने बताया जा रहा है।

केस- 2

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में बीते सप्ताह सर्द रात में खेतों में खड़ी फसल की रखवाली करने गए किसान की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि किसान आवारा जानवरों से फसल की रखवाली करने गया था। जब वह सुबह को काफी देर तक घर नहीं लौटा तो परिजनों ने खेत पर जाकर देखा। किसान खेत में मृत हालत में मिला।

केस- 3

घटना 22 दिसंबर यूपी के बांदा की है। जहां खेतों से लौट कर घर आया किसान ठंड की चपेट में आ गया, जिसको अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई। अचानक हुई घटना से परिजनों में कोहराम मच गया। नरैनी कोतवाली क्षेत्र के सराय जदीद निवासी शराफत (55) देर शाम अपने खेतों से लौटकर घर आया तो थोड़ी देर बाद अचानक उसके सीने में दर्द हुआ और वह बेहोश होकर गिर पड़ा। परिजन उसे लेकर उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नरैनी लेकर जा रहे थे तभी रास्ते में उसकी मृत्यु हो गई।

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