मध्य प्रदेश: भोपाल एम्स में पहली बार शुरू हुआ ट्रांसजेंडर क्लिनिक, जानिए क्यों पड़ी इसकी जरूरत?

क्लिनिक हर महीने पहले और तीसरे गुरुवार को दोपहर 2 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा। अलग-अलग डिपार्टमेंट के डॉक्टर मिलकर इस क्लिनिक में मरीजों का इलाज करेंगे।
भोपाल एम्स
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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ट्रांसजेंडर क्लीनिक की शुरुआत की गई है। यह क्लिनिक भोपाल के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में शुरू हुआ है। क्लिनिक में सर्जरी से लेकर साइकियाट्रिक ट्रीटमेंट ट्रांसजेंडर्स को उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही अलग-अलग विभागों के डॉक्टर्स इलाज करेंगे। यहां प्लास्टिक सर्जरी की भी सेवाएं उपलब्ध रहेगी।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में देश के पहले ट्रांसजेंडर क्लीनिक की शुरूआत की गई है। खास बात यह है कि क्लिनिक में ट्रांसजेंडर्स को सर्जरी से लेकर मनोचिकित्सक ट्रीटमेंट मिल सकेगा। यह क्लिनिक हर महीने पहले और तीसरे गुरुवार को दोपहर 2 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा। अलग-अलग डिपार्टमेंट के डॉक्टर मिलकर इस क्लिनिक में मरीजों का इलाज करेंगे।

ट्रांसजेंडर क्लिनिक शुरू करने के पीछे मकसद यह है कि बिना किसी झिझक के ट्रांसजेंडर यहां इलाज कराने के लिए यहां आ सकें। इसमें बच्चे, बड़े या बुजुर्ग सभी अपनी परेशानियों का गोपनीय तरीके से हल पा सकते हैं। यह क्लीनिक ट्रांसजेंडर आबादी और उनके परिवारों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए सेवाएं देगा। 

2- 8 प्रतिशत ऐसे ट्रांसजेंडर हैं, जो हेल्थ फैसिलिटी नहीं ले पाते। उनको फिजीकल के साथ मेंटल हेल्थ केयर की जरूरत होती है। ट्रांसजेंडर क्लिनिक के प्रभारी डॉ. रोशन सुतार ने द मूकनायक से बातचीत में बताया कि, "एम्स की यह पहल ट्रांसजेंडर्स के लिए फायदेमंद होगी। ऐसे लोग जो अपने शरीर से खुश नहीं हैं वह लोग यहाँ अपनी समस्याओं का हल ले सकते हैं। क्लिनिक के प्राथमिक लाभार्थी जेंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर से पीड़ित लोग रहेंगे।"

यह क्लीनिक ऐसे ट्रांसजेंडर की आवश्यकताओं को पूरा करेगा, जो आमतौर पर खुद को हाशिए पर समझकर हीन भावना से ग्रस्त रहते हैं। वहीं ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के लिए काम कर रही संजना सिंह ने द मूकनायक से बातचीत में कहा कि, "निश्चित तौर पर एम्स का यह नवाचार हमारी कम्युनिटी के उपचार के लिए लाभदायक होगा।" 

35 हजार की है संख्या

मध्य प्रदेश में एक अनुमान के मुताबिक करीब 35 हजार ट्रांसजेंडर है। वहीं मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अक्टूबर 2023 में जारी मतदाता सूची में अन्य मतदाता (थर्ड जेंडर) एक हजार 373 हैं। जबकि ट्रांसजेंडर्स संख्या प्रदेश में 35 हजार से भी ज्यादा है।

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