मध्य प्रदेश: अस्पतालों में खत्म हो चुकी टीबी की दवाएं, तेजी से फैल सकता है सक्रमण!

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में टीबी दवा की भयंकर कमी होने के कारण डीओटी केंद्रों में टीबी ग्रस्त मरीजों को दवा नहीं मिल रही है।
टीबी की दवाएं
टीबी की दवाएंसांकेतिक

भोपाल। भारत सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2025 तक देश टीबी मुक्त हो जाएगा। वहीं दूसरी तरफ टीबी मरीजों को समय पर दवाएं नहीं मिल रही हैं। यह हाल देशभर में देखने को मिल रहा है, खासतौर पर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में टीबी दवा की भयंकर कमी होने के कारण डीओटी केंद्रों में टीबी ग्रस्त मरीजों को दवा नहीं मिल रही है।

भोपाल शहर के जीपी नगर के एक गैस पीड़ित परिवार में दो बच्चियां टीबी की चपेट में हैं। जिनका इलाज गैस राहत अस्पताल में चल रहा है। द मूकनायक से बातचीत करते हुए शाहिद खान ने बताया कि उनकी 14 वर्षीय और एक 17 वर्षीय बेटी को टीबी है। लेकिन कुछ दिनों से उन्हें अस्पताल में दवा नहीं मिल रहीं है। शाहिद ने कहा, "वह पिछले सप्ताह भर से गैस राहत अस्पताल जा रहे हैं, मगर वहां दवा उपलब्ध नहीं है।"

इधर, छोला रोड के निवासी आसिफ खान ने बताया कि उनकी पत्नी नफीसा टीबी रोग से ग्रस्त है। उनकी हालत भी कमजोर है। आसिफ ने कहा, "पिछले 15 दिनों से अस्पताल के चक्कर काट रहें हैं, लेकिन दवा नहीं मिल रही, हमारे पास इतना पैसा नहीं है कि हम लोग प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा सकें।"

अस्पतालों में दवाएं नहीं मिलने के कारण मरीजों को आधा अधूरा या फिर दूसरी सब्टीट्यूट दवाओं का डोज लेना पड़ रहा है। यह चिंता का विषय है क्योंकि आधी अधूरी या फिर सब्टीट्यूट दवाओं का सेवन रोगियों के स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम डाल सकता है, जिससे टीबी के संक्रमण के बढ़ने का खतरा बढ़ सकता है।

आपको बता दें कि, गैस पीड़ितों में टीबी का डर बहुत ज्यादा है। गैस त्रासदी पीड़ितों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अत्यधिक कम होती है। जिसके कारण वह किसी भी संक्रमण के चपेट में जल्द आ जाते हैं। इसी चिंता के चलते गैस पीड़ित संगठनों ने अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य और कमिश्नर गैस राहत को पत्र लिखकर टीबी ग्रसित गैस पीड़ितों और उनके बच्चों के लिए दवाओं की कमी के बारे में अवगत कराया।

हालांकि, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि टीबी से पीड़ित सभी लोगों को उचित उपचार मिले चाहे वे गैस पीड़ित हो या ना हो। टीबी एक गंभीर बीमारी है, यदि समय पर और सही तरीके से इसका इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा हो सकती है। टीबी का संक्रमण तेजी से फैलने वाला होता है। 

गैस पीड़ितों की समस्याओं पर काम कर रहीं भोपाल ग्रुप फॉर इनफार्मेशन एंड एक्शन की संचालक रचना ढिंगरा ने द मूकनायक से बताया कि, यह चिंताजनक है कि टीबी की दवाएं अस्पतालों में नहीं हैं। उन्होंने कहा, भोपाल में गैस पीड़ित सर्वाधिक टीबी की चपेट में है, यदि शासन जल्द ही दवाओं का इंतजाम नहीं करेगा तो यह संक्रमण तेजी से अन्य लोगों में फैल सकता है। रचना ने कहा, "हमने अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य और कमिश्नर गैस राहत विभाग को पत्र लिखा है। अधिकारियों ने समस्या का जल्द ही निराकरण करने का आश्वासन दिया है।"

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