मध्य प्रदेश: एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने की हड़ताल, स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित

एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

भोपाल। मध्य प्रदेश के एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है। बुधवार को पूरे प्रदेश में इसका असर भी देखने को मिला। प्रदेश की जिला इकाइयों पर काम बंद हड़ताल रही। यहाँ कर्मचारियों ने प्रदर्शन भी किया। संविदा कर्मचारी 3 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। इसके तहत प्रदेश भर के 32000 संविदा स्वास्थ्यकर्मी क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं। प्रदेश में जिला स्तर पर हड़ताल की जा रही है, जिसके कारण स्वास्थ्य सेवायें भी प्रभावित हुई हैं।

भोपाल संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की जिला अध्यक्ष सुनंदा पटेल ने बताया कि वर्ष 2013 से संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं, लेकिन सरकार से सिर्फ आश्वासन ही मिला है। उन्होंने बताया कि सरकार ने वादाखिलाफी की है जिसके कारण प्रदेश के हजारों एनएचएम संविदा स्वास्थ्यकर्मी एक बार फिर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।

सड़कों पर उतरेंगे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी

कर्मचारियों का कहना है साल 2013 से समय-समय पर उन्होंने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल करते आ रहे हैं। उन्हें इस दौरान सरकार ने सिर्फ आश्वासन ही दिया है। प्रदेश के 32 हजार संविदा स्वास्थ्यकर्मी अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर हैं।

आश्वासन के बाद भी पूरी नहीं हो सकी मांगें

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले चल रही हड़ताल पर स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कहा कि समय-समय पर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। पूर्व में भी हमने हड़ताल की है। शासन प्रशासन की ओर से सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है। अब तक सरकार ने हमारी मांगों को पूरा नहीं किया है।

गौरतलब है कि हाल ही में 15 दिसंबर से 5 जनवरी तक स्वास्थ्यकर्मियों ने हड़ताल की थी। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने 1 महीने में मांगों का निराकरण करने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांगों पर विचार नहीं किया गया।

हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के कारण प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं। प्रमुख रूप से वैक्सीनेशन का काम, डॉट्स सेवा केंद्र, आरबीएसके प्रोग्राम, शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्र के काम, ग्रामीण क्षेत्रों में उप स्वास्थ्य केंद्र और सभी पोषण पुनर्वास केंद्र कामकाज पर असर पड़ा है।

राजधानी में हड़ताल बेअसर

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का प्रदेशव्यापी हड़ताल राजधानी भोपाल में बेअसर रही। यहाँ पर स्वास्थ्य कर्मचारियों ने प्रदर्शन नहीं किया। जबकि प्रदेश के अन्य जिलों में धरना एवं प्रदर्शन किया गया। बताया जा रहा है कि गुरुवार से भोपाल में भी स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर जा सकते हैं।

यह है मांगें

संविदा स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि नीति की 90 फ़ीसदी फाइल वित्त विभाग में स्वीकृति के लिए लंबित हैं। इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। इससे 32000 कर्मचारियों में आक्रोश है। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की मुख्य मांगे हैं कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा अधिकारी और कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों पर समायोजित किया जाए। 5 जून 2018 को सामान्य प्रशासन विभाग की पारित नीति रेगुलर कर्मचारियों के समकक्ष 90% वेतनमान दिए जाने के आदेश जारी किए गए थे, लेकिन कई विभागों पर ही नीति लागू कर दी गई है, वही एनएचएम के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को इससे वंचित रखा गया है।

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