भोपाल। मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्वास्थ्य विभाग ने 12 निजी अस्पतालों की मान्यता रद्द कर दी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन नहीं करने के कारण यह कार्रवाई की गई है।
जबलपुर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने गत गुरुवार रात को 12 प्राइवेट अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त कर दिए। बताया जा रहा है कि इन अस्पतालों में चार अस्पतालों के पास फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट नहीं पाया गया, जिसके चलते उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई। वहीं, आठ अस्पतालों ने अपना लाइसेंस रीन्यू कराने के लिए अप्लाई नहीं किया। जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग ने इनकी मान्यता खत्म कर दी है।
जबलपुर स्वास्थ्य विभाग की ओर से 6 अप्रेल को आदेश जारी करते हुए लिखा गया कि- 'मध्य प्रदेश गृह और रोगउपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनज्ञापन) अधिनियम 1973 एवं नियम 1997 के अंतर्गत धारा 6(2) अंतर्गत 12 निजी अस्पतालों और उपचार गृहों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं.' यह आदेश जबलपुर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जारी किया, वहीं आदेश में लिखा है कि-'संबंधित चिकित्सालयों को निर्देशित किया जाता है कि आदेश जारी दिनांक से नए मरीजों को भर्ती नहीं करते हुए पुराने भर्ती मरीजों का समुचित उपचार उपलब्ध कराएं और उन्हें डिस्चार्ज कर इस कार्यालय को सूचित करें.'
द मूकनायक से बातचीत करते हुए जबलपुर सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि 4 अस्पतालों की फायर सेफ्टी से संबंधित प्रक्रिया अधूरी पाई गई थी। इसके साथ 8 अस्पतालों ने नवीनीकरण के आवेदन ही नहीं किए जिस कारण से इन अस्पतालों के लाइसेंस रद्द किए गए है।
सीएमएचओ ने बताया कि अस्पतालों के लाइसेंस की अवधि तीन साल की होती है। इसके बाद अस्पताल संचालकों को नियमानुसार इसे रिन्यू कराना होता है। उन्होंने कहा कि यह भी बात सामने आ रही की जिन अस्पतालों ने नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया है। इसमें यह भी हो सकता है उन अस्पतालों के मानक पूरे न हो। डॉ. मिश्रा ने बताया अभी अगले महीने कुछ अन्य अस्पतालों के लाइसेंस की अवधि भी समाप्त हो रही है।
फायर सेफ्टी नहीं होने के चलते इन अस्पतालों के लाइसेंस हुए रद्द
1. एचएन नीमा मेमोरियल सुपर स्पेशिलिटी सेंटर
2. लाइफ केयर आईसीयू- एडवांस्ड क्रिटिकल केयर सेंटर
3. सर्वोदय हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर
4. सुख सागर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल
लाइसेंस रिन्यू नहीं किए जाने के चलते बंद किए गए ये अस्पताल
1. केएल मेमोरियल नर्सिंग होम
2. केजीएन हॉस्पिटल
3. महाकौशन हॉस्पिटेक्स एंड रिसर्च सेंटर
4. पूर्णायु आयुर्वेद चिकित्सालय एवं अनुसंधान विद्यापीठ
5. सप्तऋषि हॉस्पिटल
6. श्री रावतपुरा सरकार आयुर्वेदिक कॉलेज एंड हॉस्पिटल
7. सूतिका गृह एंड शिशु कल्याण केंद्र मेटरनिटी होम
8. सुविधा पॉली क्लीनिक एंड रिसर्च सेंटर
अस्पताल में आग लगने से हुईं थी आठ लोगों की मौत
दरअसल पिछले साल अगस्त 2022 में जबलपुर में न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में भीषण अग्निकांड में आठ लोगों की मौत हो गई थी। आग लगने से अस्पताल में आठ लोगों की मौत के साथ एक दर्जन लोग झुलस गए थे। उस वक्त बड़ी मशक्कत से आधा दर्जन दमकल वाहनों ने एक घंटे की कवायद के बाद आग को काबू में किया था। जांच के बाद यह सामने आया था कि अस्पताल में फायरसेफ्टी का ध्यान नहीं रखा गया था। इसके साथ ही बिल्डिंग की फायर ऑडिट भी नही की गई थी।
भोपाल में बच्चा बार्ड में लगी थी आग
प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित हमीदिया कैंपस में कमला नेहरू गैस राहत हॉस्पिटल में 8 नवंबर 2021 की रात करीब 9 बजे आग लगी थी। अस्पताल की तीसरी मंजिल पर बच्चा वार्ड के एसएनसीयू में 40 बच्चे भर्ती थे, जहां आग से सबसे अधिक नुकसान हुआ था। शॉर्ट सर्किट की वजह से और पीडियाट्रिक वेंटिलेटर ने आग पकड़ ली थी। आग लगने से वार्ड में धुँआ भर गया था, जिसके कारण 10 बच्चों की दम घुटने से मौत हो गई थी। वहीं एक दर्जन से अधिक नवजात झुलस गए थे।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.