शंभू बॉर्डर: किसानों का 'दिल्ली चलो' मार्च फिर से शुरू, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

हरियाणा-पंजाब को जोड़ने वाले शंभू बॉर्डर से किसानों ने ट्रैक्टर, जेसीबी और बैरिकेडिंग तोड़ने वाली मशीनों के साथ आज दिल्ली चलो मार्च फिर से शुरू किया। लेकिन किसानों को रोकने के लिए पुलिस द्वारा फिर से आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं।
शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान।
शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान। सौम्या राज, द मूकनायक।

चंडीगढ़। आज किसान आंदोलन का 9वां दिन है। तमाम बैठक में कोई नतीजा नहीं निकलने के बाद किसानों ने आज बुधवार को दिल्ली कूच का निर्णय लिया। हरियाणा-पंजाब को जोड़ने वाले शंभू बॉर्डर से किसानों ने आज 'दिल्ली चलो' मार्च फिर से शुरू किया। लेकिन किसानों को रोकने के लिए पुलिस द्वारा फिर से आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं।

किसान आज यहां पूरी तैयारी के साथ जुटे हुए हैं। मार्च शुरू होने से पहले किसानों को मास्क, दस्ताने और सेफ़्टी सूट बांटे गए। वे यहां ट्रैक्टर, ट्रॉली, जेसीबी और बैरिकेडिंग तोड़ने वाली पोकलेन मशीन लेकर पहुंचे हैं। प्रशासन के बैरिकेड और सीमेंट ब्लॉक को हटाने के लिए किसानों ने ट्रैक्टर तैयार रखे हैं।

वहीं, मार्च शुरू होने के बाद सुरक्षाबलों ने किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए किसानों ने आगे बढ़ते हुए बंकर बनाया है।

केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर सहमति ना बनने के बाद किसानों ने आज 11 बजे फिर से 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू किया। इसी बीच केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसान प्रदर्शनकारियों को फिर से बातचीत के लिए आमंत्रित किया है और अपील की है कि वो शांति बनाएं रखें।

मुंडा ने ट्वीट कर कहा, "सरकार चौथे दौर के बाद पांचवें दौर में सभी मुद्दे जैसे की MSP की माँग, crop diversification, पराली का विषय, FIR पर बातचीत के लिए तैयार है। मैं दोबारा किसान नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित करता हूँ। हमें शांति बनाये रखना जरूरी है।

वहीं आज मार्च शुरू होने से पहले 'दिल्ली चलो' मार्च पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, "हमने तय किया है कि कोई भी किसान, युवा आगे नहीं जाएगा। सिर्फ नेता शांतिपूर्ण आगे जाएंगे...हम सरकार से आज भी मांग करेंगे कि दिल्ली से बड़ा फैसला करें। आप कहें कि MSP पर गारंटी कानून बनाएंगे, ये आंदोलन अभी खत्म हो सकता है...''

इससे पहले आज सुबह मीडिया को दिए बयान में किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, "हमने सरकार से कहा है कि आप हमें मार सकते हैं लेकिन कृपया किसानों पर अत्याचार न करें। हम प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वह आगे आएं और किसानों के लिए MSP गारंटी पर कानून की घोषणा करके इस विरोध को समाप्त करें। ऐसी सरकार को देश माफ नहीं करेगा... हरियाणा के गांवों में अर्धसैनिक बल तैनात हैं... हमने कौन सा अपराध किया है? हमने आपको प्रधानमंत्री बनाया है। हमने कभी नहीं सोचा था कि ताकतें हम पर इस तरह जुल्म करेंगी... कृपया संविधान की रक्षा करें और हमें शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर जाने दें, ये हमारा अधिकार है..."

आपको बता दें, इससे पहले किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच चार दौर की बैठक बेनतीजा साबित हुई है। पहली बैठक 12 फरवरी को चंडीगढ़ में हुई थी और आखिरी बैठक 19 फरवरी को हुई जिसमें किसान और सरकार के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई जिसके बाद किसानों ने फिर से दिल्ली की ओर बढ़ने का निर्णय लिया।

किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी बनाया जाने की मांग कर रहे हैं, वे किसानों की कर्ज़ माफ़ी की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही साल 2020-21 के बीच हुए किसान प्रदर्शन में जिन भी किसानों पर केस हैं उन्हें रद्द करने की मांग को लेकर शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं।

पिछली बैठक में केंद्र सरकार ने किसानों को पांच साल तक दाल, जौ, मक्का और कपास जैसी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का ऑफ़र दिया था जिसे किसान संगठनों ने ख़ारिज कर दिया था।

किसानों और सरकार के बीच लगातार हो रही बैठक के बाद भी उनकी मांगें नहीं मानी जा रही और और अबतक कोई सहमति नहीं बन पाई है। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएगी वे आंदोलन जारी रखेंगे और दिल्ली की ओर आगे बढ़ेंगे।

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