राजस्थान: जंगल व वन्यजीव बचेंगे तभी पर्यावरण का संरक्षण होगा

वन्यजीव सप्ताह के तहत पर्यावरण संरक्षण की अलख भावी पीढ़ी में जगाने के लिए सरकारी स्कूलों में विविध कार्यक्रम आयोजित [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]
वन्यजीव सप्ताह के तहत पर्यावरण संरक्षण की अलख भावी पीढ़ी में जगाने के लिए सरकारी स्कूलों में विविध कार्यक्रम आयोजित [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]

वन्यजीव सप्ताह के तहत पर्यावरण संरक्षण की अलख भावी पीढ़ी में जगाने के लिए सरकारी स्कूलों में विविध कार्यक्रम आयोजित

जयपुर। 'वन व वन्यजीव बचेंगे तब ही पर्यावरण संरक्षित व सुरक्षित रहेगा। मानव भी स्वस्थ्य रहेगा।' इस बात को समझाने के लिए राजस्थान वन विभाग पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रही निजी संस्थाओं के साथ वन्यजीव सप्ताह के तहत राज्य भर में विभिन्न जनजागृति कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। वन व वन्यजीवों के प्रति प्रेम हर मानव के मन में पैदा हो। इसी को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों को निबंध लेखन व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं के साथ ही प्राकृतिक सम्पदाओं के बीच ले जाकर भ्रमण कराया जा रहा है। ताकि भावी पीढ़ी के कोमल मन में वन व वन्यजीवों के प्रति लगाव पैदा किया जा सके।

पर्यावरण व वन्यजीव संरक्षण पर राजस्थान में कार्य कर रही पथिक लोक सेवा समिति संस्थापक व सचिव मुकेश सीट ने द मूकनायक को बताया कि, वन विभाग के साथ मिलकर पथिक लोकसेवा समिति की सोसोलोजिस्ट नीलू राठौड़, कोर्डिनेटर पंकज मीना व संस्था सदस्य मनराज, सौरभ व मनोज बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में वन्य जीव सप्ताह के तहत कार्य कर रहे हैं। यहां विभिन्न स्कूलों के लगभग 1200 विद्यार्थियों को वन क्षेत्र में भ्रमण कराया गया। विद्यार्थियों को रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान (Ranthambore National Park) में घुमाया गया। इन विद्यार्थियों को पेड़-पौधों के नजदीक लेकर इनसे होने वाले इंसानी फायदे भी बताए गए। इसी तरह वन्य जीव नजर आने पर पर्यावरण संरक्षण में वन्यजीवों के महत्व के बारे में छात्रों को विस्तार से समझाया गया।

वन्यजीव सप्ताह के तहत राज्य भर में विभिन्न जनजागृति कार्यक्रम का आयोजित [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]
वन्यजीव सप्ताह के तहत राज्य भर में विभिन्न जनजागृति कार्यक्रम का आयोजित [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]

शिक्षक मोईन खान व अशफाक खेलदार बताते हैं कि, वन व वन्यजीवों के प्रति नई पीढ़ी को जाग्रत करने की राजस्थान वन विभाग की यह अच्छी पहल है। वन्यजीव सप्ताह के तहत वनाधिकारियों की मौजूदगी में विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों की वन्यजीवों पर आधारित निबंध व चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित करवाई गई। प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर आने वाले बच्चों को अतिथियों द्वारा सर्टिफिकेट व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित कर हौसला अफजाई की गई।

पर्यावरण, वन और वन्यजीवों पर विद्यार्थियों को निबंध लेखन व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं के साथ किया गया जागरूक [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]
पर्यावरण, वन और वन्यजीवों पर विद्यार्थियों को निबंध लेखन व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं के साथ किया गया जागरूक [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]

बच्चों का भी जुड़ाव जरूरी

रणथम्भौर बाघ परियोजना की सीमा से सटे गांव के लोगों के साथ-साथ वन व वन्यजीवों के साथ जुड़ाव जरूरी है। यह बात गुरुवार को रणथम्भौर बाघ परियोजना की तालड़ा रेंज के क्षेत्रीय वनाधिकारी रामखिलाड़ी मीना ने कही। मीना गुरुवार को वन्यजीव सप्ताह के तहत डूंगरी गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि, वन व वन्यजीव सुरक्षित रहेंगे तो पर्यावरण भी संरक्षित रहेगा। यह बात हमें हमारी भावी पीढ़ी को समझाना होगा। राजस्थान वन विभाग वन्यजीव सप्ताह के तहत भावी पीढ़ी को प्राकृति से जोड़ने का काम कर रहा है। डूंगरी के छात्र-छात्राओं को भी वन व वन्यजीवों से जोड़ने के लिए वन भ्रमण के साथ ही निबंध लेखन व चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई।

रणथम्भौर बाघ परियोजना उप वन संरक्षक संग्राम सिंह बताते हैं कि, रणथंम्भौर नेशनल पार्क के विभिन्न रूट्स पर विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों को भ्रमण करवाकर इको सिस्टम, ग्रासलैंड, प्राकृतिक संपदा, वनों, पक्षियों एवं वन्यजीवों के महत्व एवं संरक्षण के बारे में बताया गया। भावी पीढ़ी में जागृति का अभियान चलाया जा रहा है। विद्यालयों में वन्यजीव आधारित प्रतियोगिताओं को आयोजित किया गया।

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