मध्य प्रदेशः टाइगर रिजर्व में बढ़ रहा बाघों का कुनबा

मध्य प्रदेशः टाइगर रिजर्व में बढ़ रहा बाघों का कुनबा

भोपाल। मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से एक खुशखबरी है। यहां बाघों की संख्या बढ़ रही है। मौजूदा समय यहां पर शावकों सहित 64 से अधिक बाघ खुले जंगल में विचरण कर रहे हैं। हालांकि प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या यहां से ज्यादा है, लेकिन बाघों के प्रजनन दर के मामले में पन्ना अव्वल नम्बर पर है। वर्ष 2009 में यह वन क्षेत्र बाघ विहीन हो गया था, फलस्वरूप यहां पर बाघों के उजड़ चुके संसार को फिर से आबाद करने के लिए बाघ पुनसर््थापन योजना शुरू की गई। बेहतर प्रबंधन और संरक्षण से योजना को सफलता मिली। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम साबित हुआ।

प्रदेश के टाइगर रिजर्व में क्षमता से अधिक हैं बाघ

पन्ना टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र पन्ना, छतरपुर व दमोह जिले के 1598 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसका कोर क्षेत्र 576 वर्ग किलोमीटर व बफर क्षेत्र 1022 वर्ग किलोमीटर है। लगातार बढ़ती बाघों की संख्या एक अच्छा संकेत है, लेकिन इससे एक समस्या भी खड़ी हो गई है।

प्रदेश के टाइगर रिजर्व में वर्तमान में क्षमता से डेढ़ से दो गुना तक बाघ हैं। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की क्षमता 75 बाघ की है, लेकिन यहां 124 बाघ 2018 की गणना अनुसार हैं। कान्हा टाइगर रिजर्व की क्षमता 70 के मुकाबले यहां 108 बाघ हैं। यही स्थिति पेंच में 82 और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 50 की है। सिर्फ संजय दुबरी टाइगर रिजर्व सीधी ही ऐसा है, जहां महज छह बाघ हैं। वन क्षेत्रफल कम होने से अक्सर बाघों में टेरेटरी को लेकर संघर्ष के मामले सामने आते है। इनमें बाघों की मौत भी हो जाती है।

मध्य प्रदेश में है 7 टाइगर प्रोजेक्ट संचालित

मध्यप्रदेश में वर्तमान में 7 टाइगर प्रोजेक्ट हैं, जिनमें कान्हा किसली, पेंच राष्ट्रीय उद्यान, पन्ना राष्ट्रीय उद्यान, बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान, संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान, रातापानी अभयारण्य शामिल हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा बाघ कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान में हैं। वहीं बंगाल टाइगर की जनसंख्या घनत्व के मामले में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व दुनिया में पहले स्थान पर है।

मध्यप्रदेश है टाइगर स्टेट, कहां और कितने है टाइगर

दरअसल, अधिकृत आकड़ों में 2019 में आई बाघों की रिपोर्ट के अनुसार देश में कुल 2967 बाघ हैं। इनमें सबसे ज्यादा बाघ मध्यप्रदेश में है, जिनकी कुल संख्या 526 हैं। कान्हा नेशनल पार्क में 118, बांधवगढ़ में 115, पन्ना में 70, पेंच में 60, सतपुड़ा में 50 और संजय डुबरी में 25 से अधिक बाघ हैं। भोपाल के रातापानी में भी बाघों का बसेरा है। यहां भी बड़ी संख्या में टाइगर पाए जाते हैं। ऐसे में इस बार हुई गणना में भी मध्यप्रदेश पुनः टाइगर स्टेट बन सकता है।

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