सरिस्का टाइगर रिज़र्व तीन नए शावक नजर आए.
सरिस्का टाइगर रिज़र्व तीन नए शावक नजर आए. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ‘एक्स’ पोस्ट.

सरिस्का टाइगर रिज़र्व में बाघों की संख्या बढ़ी, तीन नए शावक आए नजर

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को अपने ‘एक्स’ पर इस बारे में एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘‘शानदार खुशखबरी… सरिस्का बाघ अभयारण्य के तालवृक्ष रेंज में बाघिन ‘एसटी 12’ को तीन नए शावकों के साथ कैमरे में कैद किया गया है जिसके साथ अब सरिस्का में कुल 25 वयस्क बाघ और 8 शावक हैं।”
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नई दिल्ली। राजस्थान के अलवर में मौजूद सरिस्का टाइगर रिजर्व में तीन तीन नए बाघ शावक नजर आए हैं जिससे इस अभयारण्य में बाघों की कुल संख्या बढ़कर 33 हो गई है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शावकों की उम्र तीन माह के आसपास है। बाघिन ‘एसटी12’ की उम्र लगभग 10 वर्ष है और यह बाघिन ‘एसटी10’ की बेटी है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को अपने ‘एक्स’ पर इस बारे में एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘‘शानदार खुशखबरी… सरिस्का बाघ अभयारण्य के तालवृक्ष रेंज में बाघिन ‘एसटी 12’ को तीन नए शावकों के साथ कैमरे में कैद किया गया है जिसके साथ अब सरिस्का में कुल 25 वयस्क बाघ और 8 शावक हैं।”

आगे उन्होंने लिखा, ‘‘पारिस्थितिकी तंत्र के लिए प्रकृति के अद्वितीय विरासत, बाघों का होना अत्यंत आवश्यक है। शक्ति, खूबसूरती व सामर्थ्य के प्रतीक, ‘राष्ट्रीय पशु’ बाघ के संरक्षण-संवर्धन हेतु हमारी सरकार संकल्पबद्ध है।”

इससे पहले भी बाघिन ‘एसटी-12’ ने दिया है 6 शावकों को जन्म

जानकारी के मुताबिक़, बाघिन एसटी-12 ने तीसरी बार शावकों को जन्म दिया है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघिन एसटी-12 ने पहली बार साल 2018 में 3 शावक (एसटी-19, एसटी-20, एसटी-21) और दूसरी बार वर्ष 2021 में भी 3 शावकों (एसटी-23, एसटी-24, एसटी-25) को जन्म दिया था।

सरिस्का में अब 11 व्यस्क बाघ, 14 व्यस्क बाघिन और 8 शावक

अधिकारियों ने बताया कि बाघिन एसटी-12 एवं शावकों की कैमरा ट्रैप लगाकर नियमित मोनिटरिंग की जा रही है। सरिस्का टाईगर रिजर्व में अब 11 व्यस्क बाघ, 14 व्यस्क बाघिन एवं 8 शावक हो गए हैं।

बता दें कि दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत शृंखला अरावली में सरिस्का अभयारण्य 1213.34 वर्ग किलोमीटर में फैला है। सरिस्का में 2005 में कोई बाघ नहीं बचा था। यहां फिर से बाघों की बसावट के लिए, साल 2008 में सवाई माधोपुर जिले के रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान से दो बाघ-बाघिन को लाकर बाघ पुनर्वास कार्यक्रम शुरू किया गया था।

सरिस्का में बाघों के अलावा तेंदुए की बड़ी आबादी है। सरिस्का में सांभर, चीतल, नीलगाय और लंगूर आदि भी पाये जाते हैं। राजस्थान के अलवर जिले में स्थित इस अभ्यारण्य में बड़ी संख्या में लोग टाइगर सफारी के लिए भी जाते हैं।

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