एमपी बोर्ड के पेपर्स लीक, टेलीग्राम पर सरक्यूलेट किए गए थे प्रश्नपत्र

बोर्ड ने 6 सदस्यीय कमेटी बना कर की जांच शुरू, टेलीग्राम चैनल मॉडरेटर पर भी दर्ज की गई एफआईआर
एमपी बोर्ड के पेपर्स लीक, टेलीग्राम पर सरक्यूलेट किए गए थे प्रश्नपत्र

भोपाल। मध्यप्रदेश में परीक्षाओं के पेपर लीक होना कोई नई बात नहीं है। इस बार माध्यमिक शिक्षा मंडल (एमपी बोर्ड) की परीक्षा के 10वीं-12वीं के पर्चे, परीक्षा से 50 मिनट पहले लीक हो गए। इन पेपर्स को सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म से बेचा भी जा रहा है। वहीं जब सोशल मीडिया पर बोर्ड परीक्षा के पर्चे लीक होने की खबरें प्रसारित हुईं, जिसके बाद हरकत में आए एमपी बोर्ड ने 6 सदस्यीय कमेटी बना कर जांच शुरू कर दी है। इसके साथ ही बोर्ड ने संबंधित टेलीग्राम चैनल के मॉडरेटर पर भी पुलिस क्राइम ब्रांच में मामला दर्ज करवाया है।

क्या है पूरा मामला

मध्यप्रदेश में इन दिनों बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन हो रहा है। एक स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के अनुसार टेलीग्राम चैनल नामक सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर 10वीं-12वीं के प्रश्न-पत्र 299 रुपए में ऑनलाइन बिक रहे थे। जानकारी के अनुसार 1 मार्च को हुआ 10वीं का हिंदी का पहला पेपर तो बच्चों के हाथ में एक दिन पहले ही पहुंच चुका था। वहीं, 11 मार्च को हुआ 10वीं गणित का पेपर परीक्षा से 21 मिनट पहले लीक हो गया।

वहीं 14 मार्च को हुए 10वीं संस्कृत का पर्चा भी लगभग 50 मिनट पहले सोशल मीडिया पर आ चुका था। ऐसे ही 12वीं का पहला हिंदी, दूसरा अंग्रेजी और तीसरे बायोलॉजी के पेपर को भी टेलीग्राम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लीक कर बेचा गया। 10 मार्च को बायोलॉजी का पेपर सुबह 9 बजे से था, पर पर्चा 8ः24 बजे टेलीग्राम पर आ गया था। 2 मार्च को हुए हिंदी व 4 मार्च को हुए अंग्रेजी के पर्चे परीक्षा से पहले लीक हुए।

क्यूआर कोड से बेचे गए पेपर्स

टेलीग्राम के कुछ ग्रुप्स में पेपर से सम्बंधित लिंक सरक्यूलेट की गई थी। जिसमें एक क्यूआर कोड था पेपर को अपलोड करने के लिए 299 रुपए का भुगतान करना था। जैसे ही क्यूआर को स्कैन करके भुगतान किया जाता था, जिसके बाद तुरंत उस पेपर को डाउनलोड किया जा सकता था।

टेलीग्राम चैनल पर हुई एफआईआर

एमपी बोर्ड पेपर लीक मामले में टेलीग्राम चैनल/एप पर एफआईआर की गई है। परीक्षा के प्रश्नपत्र टेलीग्राम पर ही अपलोड किए गए थे। इस मामले की जांच करने के लिए क्राइम ब्रांच टीम भी लगा दी गई है। इसके साथ ही एमपी बोर्ड ने 6 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है, जो पर्चे लीक होने से लेकर टेलीग्राम पर बेचे जाने तक की जांच करेगी।

पेपर्स लीक होने के मामले में द मूकनायक से बातचीत करते हुए एमपी बोर्ड के जनसंपर्क अधिकारी एमके मालवीय ने बताया कि पेपर्स लीक होने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद बोर्ड ने 6 सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। टेलीग्राम चौनल पर पुलिस क्राइम ब्रांच में एफआईआर की गई है। इसके साथ ही भिंड जिले में एक अन्य पेपर्स लीक मामले में भी एफआईआर कराई गई है।

जानिए कैसे सेंटर तक भेजें जाते है प्रश्नपत्र

बोर्ड परीक्षाओं के लिए विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर भेजे गए प्रश्नपत्रों को कड़ी सुरक्षा और निगरानी में रखा जाता है। एमपी बोर्ड द्वारा तैयार कराए गए सभी प्रश्नपत्र परीक्षा केन्द्र के नजदीकी पुलिस थानों में ताला बंद पेटियों में सील पैक करके रखे जाते हैं। जहां से परीक्षा से एक घंटे पहले तहसीलदार, पुलिस अधिकारी, एमपी बोर्ड के द्वारा अधिकृत परीक्षा केंद्र अधिकारी एवं संबंधित स्कूल के टीचर्स की मौजूदगी में निकालकर परीक्षा केन्द्र पहुंचाए जाते हैं। इसी के साथ परीक्षा के शुरू होने के 10 मिनट पहले पेपर्स के लिफाफे को परीक्षा केंद्र अधिकारी और दो अन्य लोगों से सील को चैक करवाकर साथ ही लिफाफे खोलने का समय तारीख और गवाहों के नाम और हस्ताक्षर दर्ज होते है। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि इतनी सुरक्षा के बावजूद पेपर्स लीक कैसे हुए है।

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