राजस्थान: उर्दू से ये बेरुखी क्यों, अध्यापक सीधी भर्ती परीक्षा का हस्तलिखित पाठयक्रम किया जारी!

राजस्थान: उर्दू से ये बेरुखी क्यों, अध्यापक सीधी भर्ती परीक्षा का हस्तलिखित पाठयक्रम किया जारी!

राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड पर अनदेखी का आरोप, हाथ से लिखे उर्दू सिलेबस में कई गलतियां, उर्दू भाषा संरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे लोगों में आक्रोश

सवाईमाधोपुर। राजस्थान राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड ने गत बुधवार देर शाम प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय अध्यापक सीधी भर्ती परीक्षा का पाठयक्रम जारी किया है। पाठयक्रम में उर्दू भाषा के स्लेबस में सरकारी मशीनरी से बड़ी चूक हुई है। बोर्ड ने केवल उर्दू भाषा स्लेबस को हस्त लिखित फॉर्मेट में जारी किया है, इसमें भी आधा दर्जन से अधिक सामान्य अल्फाज गलत ढंग से लिखे गए हैं। इधर, अन्य विषय व भाषाओं का स्लेबस टाइप शुदा जारी किया गया है।

ऐसे में उर्दू भाषा संरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे विभिन्न संगठनों ने राज्य सरकार पर तृतीय भाषा उर्दू के साथ सौतेले व्यवहार का आरोप लगाते हुए परीक्षा की पारदर्शिता पर ही सवाल खड़े किए हैं। द मूकनायक ने मामले में राजस्थान की शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान से बात करने का प्रयास किया, लेकिन उनसे सम्पर्क नहीं हो सका।

द मूकनायक की पड़ताल में सामने आया कि विद्यालयों में उर्दू अध्यापक पद सृजन से जुड़ा मामला हो या फिर कक्षा 5 की बोर्ड परीक्षा में उर्दू विषय की परीक्षा नहीं कराने का मामला। उर्दू को लेकर राज्य सरकारें भेदभाव करती रही हैं। राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से राजस्थान प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय अध्यापक सीधी भर्ती परीक्षा लेवल द्वितीय का विस्तृत पाठयक्रम जारी कर यह साबित भी कर दिया गया है।

उर्दू भाषा के संरक्षण को लेकर संघर्ष कर रहे जुल्फिकार खान का कहना है कि, "हर मसले पर उर्दू भाषा के साथ भेदभाव करना राजस्थान की कांग्रेस सरकार में बैठे अधिकारियों की उर्दू को लेकर मानसिकता को दर्शाता है। उर्दू केवल मुस्लिमों भी भाषा नहीं है। उर्दू एक तहजीब है। यह हिन्द की प्रमुख भाषाओं में शामिल है।" खान बताते है कि, स्लेबस में तृतीय भाषा मे शामिल सिंधी व पंजाबी सहित मूल विषयो का स्लेबस टाइप शुदा जारी किया गया है। केवल उर्दू भाषा का स्लेबस हस्त लिखित जारी किया गया है।

मदरसा पैरा टीचर संघ सवाईमाधोपुर जिलाध्यक्ष दिलशाद खान बताते हैं कि, ऐसी क्या जल्दी थी कि राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड ने उर्दू स्लेबस को कम्प्यूटर से प्रिंट करना भी जरूरी नहीं समझा, जबकि सिंधी, पंजाबी व अन्य विषयों का स्लेबस टाइप शुदा जारी किया गया। क्या सरकार के पास उर्दू टाइपिंग के संसाधन नहीं हैं!

"राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा पाठयक्रम मे तृतीय भाषा ऊर्दू पाठयक्रम हाथ से लिखना, इसमें अशुद्धियां होना बड़ी गलती है। बोर्ड को अपनी गलती सुधारना होगा। गलती नहीं सुधारी तो उर्दू पसंद लोग आंदोलन करने को विवश होंगे," उन्होंने कहा।

राजस्थान प्रारम्भिक शिक्षा शासन उप सचिव मुकेश कुमार कायथवाल ने मामले में कहा, "किसी भी पाठयक्रम को जारी करने के लिए राज्य कर्मचारी चयन आयोग, शिक्षा निदेशालय व अन्य अधिकारियों को शामिल करते हुए कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी की सिफारिश के बाद ही स्लेबस जारी किया गया है। मामले को दिखवाकर कार्रवाई की जाएगी।"

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