भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के जनजातीय विद्यार्थियों को राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित कराने के लिए निशुल्क कोचिंग प्रदान करने की एक महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की है। इसके तहत प्रदेश के सभी जनजातीय विकासखंडों में "रानी दुर्गावती प्रशिक्षण अकादमी" की स्थापना की जाएगी, जो इन स्टूडेंट्स को जेईई, नीट, क्लेट, और यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षाओं की तैयारी में सहायता करेगी।
मध्य प्रदेश सरकार की यह पहल राज्य के जनजातीय समुदाय के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल उनकी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा बल्कि उनके आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता में भी वृद्धि होगी।
यह पहल राज्य के जनजातीय छात्रों को मुख्यधारा की शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की जा रही है। वर्तमान में इन विद्यार्थियों को आकांक्षा योजना के तहत भोपाल, इंदौर और जबलपुर में निशुल्क कोचिंग की सुविधा दी जा रही है। लेकिन अब सरकार ने इस सुविधा को विस्तारित करने का निर्णय लिया है, ताकि प्रदेश के सभी जनजातीय विकासखंडों में छात्रों को उनकी पसंदीदा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिल सके।
जनजातीय कार्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस योजना के लिए संशोधित डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली गई है। इस डीपीआर के तहत जनजातीय विकासखंडों में छात्रों को निशुल्क कोचिंग देने के लिए आवश्यक संसाधन जुटाए जाएंगे और प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। निजी कोचिंग संस्थाओं के सहयोग से इन सेवाओं का संचालन किया जाएगा, जिससे छात्रों को बेहतर मार्गदर्शन मिल सके।
जनजातीय छात्रों के लिए विशेष सुविधाओं का भी प्रावधान किया जा रहा है। सरकार के अनुसार, जनजातीय विकासखंडों में 'कला भवन' स्थापित किए जाएंगे, जहां छात्र विभिन्न कलाओं और संस्कृतियों के साथ अपने शैक्षिक विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। साथ ही, प्रत्येक विकासखंड में एक समर्पित डेस्क स्थापित की जाएगी, जो छात्रों की कोचिंग और अन्य शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगी।
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