पांच करोड़ किताबें अब तक नहीं पहुंच सकीं, कैसे पढ़ेगा, आगे बढ़ेगा यूपी!

पांच करोड़ किताबें अब तक नहीं पहुंच सकीं, कैसे पढ़ेगा, आगे बढ़ेगा यूपी!
Published on
  • बेसिक शिक्षा विभाग की अनदेखी, छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा खामियाजा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने 'खूब पढ़ो-खूब बढ़ो' का नारा देकर बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया है। लेकिन शैक्षिक सत्र का शुरुआती पांच महीना बीतने को है और अभी अभी तक 5 करोड़ बच्चों तक किताबे नहीं पहुंच सकी है। किताबों के अभाव में बच्चों को भी पढाई में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के छात्रों के लिए करीब 11 करोड़ किताबों की जरूरत है लेकिन अब तक छह करोड़ किताबें ही स्कूल तक पहुंच पाई हैं। अंग्रेजी और उर्दू माध्यम की तो एक भी किताब छात्रों को नहीं मिली हैं।

दरअसल, सत्र शुरू होने से ठीक पहले बेसिक शिक्षा सचिव ने आदेश किया था कि अगली कक्षा में जाने वाले बच्चों की किताबें जमा करवा ली जाएं। ये पुरानी किताबें उस कक्षा में प्रवेश पाने वाले नये बच्चों को बांट दी जाएगी। इस आदेश पर पूरी तरह से अमल नहीं हो सका, जिससे अधिकांश बच्चों के पास पुरानी किताबें नहीं हैं। प्रदेश भर के स्कूलों में नई किताबों के लिए बच्चे लगभग पांच महीने से इंतजार कर रहे हैं। किताबें आनी तो शुरू हो गईं मगर इनकी संख्या काफी कम है। बरेली जिले की बात की जाए तो यहां 4.34 लाख छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इनके लिए करीब 24 लाख किताबों की मांग की गई थी, लेकिन आठ लाख ही आई हैं। इन आठ लाख में भी सिर्फ हिंदी मीडियम के बच्चों की किताबें हैं। अंग्रेजी और उर्दू मीडियम के एक भी छात्र की किताब नर्हीं आईं। अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश भर में 13 प्रकाशकों को किताबों के वितरण की जिम्मेदारी मिली है। इनमें से सिर्फ दो ने ही बरेली में अपनी सप्लाई दी है।

देरी से जारी हुआ किताबें खरीदने का आदेश

स्कूलों में नया सत्र अप्रेल से शुरू होता है, जबकि किताबें खरीदने का आदेश इस बार जून में हुआ था। नियमों के अनुसार क्रय आदेश के 90 दिन के अंदर किताबें और 120 दिन के अंदर कार्य पुस्तिका का वितरण हो जाना चाहिए। सात सितंबर तक किताबों को पहुंचाने की आखिरी डेट है। इस तरह से देखा जाए तो प्रकाशक तय समय के हिसाब से कार्य कर रहे हैं। मगर, जब सत्र के अनुसार देखा जाए तो बच्चों को बिना किताबों के पांच महीने हो चुके हैं। सरकारी कार्यप्रणाली का नुकसान बच्चों को उठाना पड़ रहा है।

समय से पूरी हो जाएगी सप्लाई

राज्य पाठ्य पुस्तक अधिकारी श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि 11 करोड़ की मांग के सापेक्ष छह करोड़ किताबों की सप्लाई हो चुकी है। शेष पुस्तकों की भी तेजी से सप्लाई कराई जा रही है। आचार संहिता के चलते क्रय आदेश में कुछ विलंब हुआ था। उसके बाद भी सप्लाई अपने समय पर पूरी हो जाएगी।

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com