खबर का असर: प्राथमिक स्कूल के मिड-डे मील पर प्रकाशित रिपोर्ट के बाद बच्चों को मिलने लगा नियमित भोजन, बच्चों ने कहा “थैंक यू द मूकनायक”

प्राथमिक स्कूल के मिड-डे मील पर प्रकाशित रिपोर्ट के बाद बच्चों को मिलने लगा नियमित भोजन, बच्चों ने कहा “थैंक यू द मूकनायक”
प्राथमिक स्कूल के मिड-डे मील पर प्रकाशित रिपोर्ट के बाद बच्चों को मिलने लगा नियमित भोजन, बच्चों ने कहा “थैंक यू द मूकनायक”

बस्ती जिले में संविलियन विद्यालय ओड़वारा II में बच्चों के मिड-डे मील में दिए जाने वाले दूध में अधिक पानी की मिलावट और प्रधानाध्यापिका व कोटेदार की उदासीनता में स्कूल तक राशन न पहुंचने के मामले को "द मूकनायक" ने प्रमुखता से उठाया था. मूकनायक द्वारा प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर बच्चों के लिए नियमित भोजन की व्यवस्था की गई. 

लखनऊ। यूपी के बस्ती जिले में प्राथमिक विद्यालयों की पड़ताल के क्रम में द मूकनायक टीम को ऐसा विद्यालय मिला था जहां की रसोईयों और स्कूल के विद्यार्थियों ने खुद मिड-डे मील में चल रहे धांधली को उजागर कर दिया था. बच्चों ने बताया था कि, कैसे लगभग 100 बच्चों में मिड-डे मील में दिए जाने वाले दूध की आपूर्ति के लिए उसमें अधिक मात्रा में पानी मिलाकर बच्चों को पीने के लिए दिया जाता है. मामले में द मूकनायक द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा विद्यालय को नोटिस जारी किया गया था। जिसके बाद बच्चों को अच्छा और नियमित रूप से मिड-डे मील का खाना मिलने लगा। नियमित रूप से दोपहर का ताजा भोजन पाकर बच्चों के चेहरों पर खुशी देखने को मिली। विद्यालय के बच्चों ने हाथ से स्केच बना कर "थैंक यू द मूकनायक" कहा है।

बस्ती जिले के संविलियन विद्यालय ओड़वारा II की रसोईयों ने आरोप लगाया था कि, "विद्यालय में बच्चों को पिलाने के लिए जो दूध आता है उसमें हमें ज्यादा पानी मिलाने के लिए विवश किया जाता है. जिस दिन बच्चों की उपस्थित 100 की होती है, उस दिन हमें 4 लीटर दूध में डेढ़ बाल्टी पानी मिलाना पड़ता है."

विद्यालय के छात्रों ने भी मिड-डे मील में लगभग महीनेभर से भोजन न मिलने का आरोप लगाया था. हालांकि, उक्त विद्यालय की ग्राउंड रिपोर्ट में जिस दिन द मूकनायक की टीम विद्यालय पर पहुंची थी उस दिन भी मिड-डे मील का खाना नहीं बना था.

बस्ती जिले में, ओड़वारा क्षेत्र स्थित सामाजिक संस्था "Moma for Daughters – Kailash Chaudhary Foundation", जो क्षेत्र के गरीब, दलित और असहाय बच्चों को निःशुल्क शिक्षा, और बच्चों की शिक्षा सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा करता है, ने 30 अगस्त को एक वीडिओ के माध्यम से ओड़वारा के प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील में भोजन न मिलने की जानकारी ट्वीटर पर साझा की थी. जिसमें कई बच्चों ने बताया था कि, उन्हें स्कूल के अध्यापकों द्वारा कहा जाता है कि घर से खाना खाकर आओ, क्योंकि स्कूल में राशन ख़त्म हो गया है.

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