छत्तीसगढ़: शौचालय गंदा देख शिक्षिका पर दर्जनों बच्चों के हाथ खौलते तेल से जलाने का आरोप

घटना के बाद बच्चों के अविभावकों में स्कूल प्रबंधन के खिलाफ काफी नाराजगी देखने को मिल रही है।
हाथ में पड़े फफोले को दिखाता बच्चा
हाथ में पड़े फफोले को दिखाता बच्चा

छत्तीसगढ़। कोंडागांव जिले के एक स्कूल में शौचालय गंदा करने पर शिक्षिका ने 25 छात्रों को थर्ड डिग्री दे डाली। नाराज शिक्षिका ने स्कूल के बच्चों के हाथ खौलते तेल से जला दिए। इससे छात्रों के हाथ में छाले पड़ गए। जब यह घटना खुलकर सामने आई तो हड़कम्प मच गया। मिडिल स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के साथ हुई इस घटना को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल के प्रधान अध्यापिका के साथ ही अन्य दो शिक्षिकाओं को निलंबित करने के लिए शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक से अनुशंसा की है। लेकिन इस कृत्य के बाद बच्चों के पालकों में स्कूल प्रबंधन के खिलाफ काफी नाराजगी देखने को मिल रही है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के माकड़ी ब्लॉक के कोरावाही मिडिल स्कूल के लेडिस बाथरूम में शौच कर गंदगी फैलाने की जानकारी शिक्षिकाओं को मिली थी। शिक्षिकाओं ने छात्रा के बारे में पूछा लेकिन डरे सहमे छात्रों ने किसी का भी नाम नहीं लिया। नाराज शिक्षिका ने लंच के लिए स्कूल में बनाए जाने वाली रसोई में तेल को गर्म कर बच्चों के हथेली पर डाला। इस मामले में शिक्षिकाओं का कहना है कि बच्चों ने खुद एक दूसरे के हथेली पर खेल-खेल में इस गर्म तेल को डाला है। बच्चों के हाथों पर फफोले पड़े वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग द्वारा आनन-फानन में जांच शुरू की गई है।

इस मामले मे प्रधानाध्यापिका जोहरी मरकाम, शिक्षिका पूनम ठाकुर, शिक्षिका मिताली वर्मा और स्वीपर डमरू राम यादव को दोषी माना गया है। बाल संरक्षण अधिकारी और शिक्षा विभाग के अफसर का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है कि क्या बच्चों ने अपने हथेली पर गर्म तेल डाला है या शिक्षिकाओं की यह करतूत है.

इधर इस मामले में माकड़ी ब्लॉक के बीआरसी ताहिर खान ने जिला शिक्षा अधिकारी को जांच की आख्या सौंप दी है। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी मधुलिका तिवारी ने कहा कि प्रथम दृष्टया जांच में दोषी पाए जाने वाले मिडिल स्कूल के प्रधानाध्यापक और दोनों शिक्षिका के साथ स्वीपर डमरू राम को निलंबन की कार्रवाई करने संयुक्त संचालक से अनुशंसा की गई है. पूरे मामले की जांच होने के बाद बाल संरक्षण अधिनियम के तहत और शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षिकाओं और स्वीपर पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

बच्चों के साथ की गई इस क्रूर घटना को लेकर शिक्षा विभाग की जमकर किरकिरी हो रही है। कोंडागांव जिले के ग्रामीण क्षेत्र में मौजूद इस मिडिल स्कूल के लेडिस बाथरूम में शौच करने और गंदगी फैलाने से नाराज होकर शिक्षिकाओं द्वारा बच्चों को इस तरह की सजा दिए जाने का यह पहला मामला सामने आया है, बच्चों के पालकों का कहना है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी शिक्षिकाओं पर निलंबन करने की कार्रवाई के साथ कानूनी कार्रवाई भी किया जाना चाहिए। वहीं अब इस पूरे मामले को बाल संरक्षण अधिकारी ने भी अपने संज्ञान में ले लिया है। मामले की जांच करने की बात कही है।

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