यूपी पुलिस की आंदोलन को कुचलने की साजिश को नाकाम कर आगे बढ़े आंदोलनकारी छात्र। देर रात मथुरा जिला किया क्रास, हरियाणा में हुए दाखिल।
लखनऊ। केंद्रीय अर्धसैनिक बल (central paramilitary force) में कॉन्सटेबल के पद पर भर्ती होने के लिए छात्र जद्दोजहद कर रहे हैं। परीक्षा पास करने के बाद भी करीब 4000 छात्रों को जॉइनिंग नहीं दी गई। इसको लेकर नागपुर से 400 से ज्यादा छात्रों का झुंड नौकरी की मांग करते हुए दिल्ली की ओर निकला है।
आंदोलन को कुचलने के लिए पहले यूपी के आगरा फिर मथुरा पुलिस ने कारवां को जबरन रोकने व तितर-बितर करने की कोशिश की, लेकिन आंदोलनकारी युवा डटे रहे। सोमवार सुबह एक बार फिर से सभी मथुरा में एकजुट होकर दिल्ली के लिए कूच कर दिए हैं। आज आंदोलनरत् छात्र-छात्राओं के मार्च का 55वां दिन है और उन्होंने अब तक 930 किलोमीटर यात्रा तय कर ली है। उनका मार्च अभी भी जारी है।
मथुरा पुलिस ने गत रविवार को आंदोलनकारी युवाओं को रोक लिया था। उनको बसों में भरकर वृंदावन स्थित एक गेस्ट हाउस में रखा था। इससे पहले 16 जुलाई 2022 को आगरा पुलिस ने आंदोलनकारी छात्रों को जबरन आगरा के एक गुरुद्वारे से हिरासत में लेकर धौलपुर, मुरैना, इटावा, शिकोहाबाद आदि जगहों पर छोड़ दिया था। पुलिस आंदोलनकारियों को तितर-बितर करना चाहती थी, लेकिन गत रविवार को एक बार फिर से सभी मथुरा जंक्शन के पास स्थित महाराणा प्रताप पार्क में एकजुट हुए। इस दौरान पुलिस ने फिर से बल प्रयोग किया। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित तमाम नेताओं ने आंदोलनकारियों के समर्थन में ट्विट किए।
आंदोलन की अगुवाई कर रहे युवा केशव सिंह यादव ने बताया कि, मथुरा के जैतपुरा थाने के छटीकरा से सुबह 11 बजे हमने दिल्ली के लिए पुनः यात्रा प्रारंभ की। इस दौरान मथुरा प्रशासन के अधिकारियों ने हमें रोकने व डराने की कोशिश की, लेकिन करीब 140 युवा साथी आगे बढ़ते रहे। शाम सात बजे तक हम हरियाणा से मिलते मथुरा बार्डर तक पहुंच गए हैं।
क्यों दिल्ली जा रहे हैं युवा
अभ्यर्थियों के अनुसार, साल 2018 में आर्म्ड फोर्स में विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए फार्म भरा गया था। 2019 में पेपर दिया। 2019 में शारीरिक जांच हुई। 2020 में मेडिकल हुआ। 21 जनवरी 2022 को रिजल्ट आए। 60 हजार अभ्यर्थी पास हुए, लेकिन सरकार ने 55 हजार 9 सौ 12 को ही नौकरी दी। शेष 4000 के लगभग अभ्यर्थी बिना कारण नियुक्ति से वंचित रखे गए हैं। "लड़ाई लड़ते हुए हम सभी ओवर-एज (पात्रता से अधिक आयु) हो चुके हैं। सरकार ने दोबारा वैकेंसी भी नहीं निकाली है," अभ्यर्थियों ने कहा।
नितिन गडकरी ने लिखा पत्र
आंदोलनकारी युवा वीरेंद्र कुमार चंद्रवंशी और जीतेन्द्र कुमार ने बताया कि, नियुक्ति के लिए हमने नागपुर में 4 मार्च 2022 से आमरण अनशन शुरू किया था। 12 मार्च को केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने संबंधित केन्द्रीय मंत्रालय को पत्र लिखा। गडकरी ने दो और पत्र लिखे। इसके अलावा केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी आंदोलनकारी युवाओं से बात की, लेकिन चयनित युवाओं को नौकरियों में नहीं लिया गया। इसके बाद 1 जून 2022 से युवाओं ने नागपुर से दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू किया। दिल्ली पहुंचकर युवा जंतर मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। वहीं केन्द्रीय गृह व रक्षा मंत्री से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपेंगे।
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