कौन हैं कुकूराम! जानिए दलित सफाई कर्मचारी से वर्ल्ड बॉडीबिल्डिंग चैम्पियनशिप तक का सफर

दलित सफाई कर्मी ने वर्ल्ड बॉडीबिल्डिंग चैम्पियनशिप में देश के नाम किया स्वर्ण पदक, कुकूराम ने द मूकनायक से साझा किए अपनी जिंदगी के अनसुने किस्से।
वर्ल्ड बॉडीबिल्डिंग चैम्पियनशिप में कुकूराम
वर्ल्ड बॉडीबिल्डिंग चैम्पियनशिप में कुकूरामसोशल मीडिया

दिल्ली। पंजाब के एक दलित सफाई कर्मचारी ने वर्ल्ड बॉडीबिल्डिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। पटियाला शहर के 53 वर्षीय कुकू राम ने थाईलैंड में आयोजित वर्ल्ड बॉडीबिल्डिंग चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक देश के नाम किया है।

द मूकनायक से बातचीत करते हुए कुकू राम ने कहा कि वह बहुत खुश हैं कि उनका सपना आज पूरा हुआ है। कुकू राम ने बताया कि वह 1988 से पहलवानी किया करते थे। लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण उन्हें डाइट से लेकर कसरत के अन्य संसाधनों में परेशानी का सामना करना पड़ा।

कुकू ने बताया कि, वर्तमान में घर परिवार को चलाने के लिए पटियाला में सफाई कर्मचारी कि नौकरी करते हैं। उनको महज 9000 हजार रुपए की तनख्वाह मिलती है, और इसी सैलरी में वह अपना घर चला रहे हैं। 

घर पर बनाया है देशी जिम 

कुकू राम ने बताया कि, उनकी आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि वह जिम जॉइन नहीं कर सकते। क्योंकि जिम जॉइन करने लिए उनके पास पैसे नहीं है। इसलिए उन्होंने घर पर ही खुद से जिम के स्टूमेंट्स बनाएं। उन्होंने बताया कि वह कसरत करने के लिए सीमेंट के बने डंबल का उपयोग करते हैं। इसके अलावा अन्य जिमिंग स्टूमेंट्स भी उन्होंने खुद से तैयार किए है। यहाँ तक अलग से फ़ूड सप्लीमेंट्स का भी इस्तेमाल बहुत कम करते हैं। उन्होंने बताया कि घर के भोजन और देशी कसरत की डाइट लेकर ही अपनी बॉडी मेंटेन करते हैं। 

भेदभाव और गरीबी से आगे बढ़ने में आईं हैं मुश्किलें

वर्ल्ड चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल करने के बाद कुकू राम ने अपने बॉडीबिल्डिंग करियर के पूरे सफर पर द मूकनायक से बातचीत की है। कुकू राम ने बताया कि वह दलित समुदाय से आते हैं, साथ ही आर्थिक स्थिति भी कमजोर है। उन्होंने कहा अक्सर उनको कॉम्पिटिशन के लिए बाहर जाने की व्यवस्था नहीं हो पाती है। उन्होंने बताया कि इस बार भी वर्ल्ड चेम्पियनशिप के लिए उन्हें थाईलैंड जाने के लिए अन्य मित्रों से मदद लेनी पड़ी है। तब कहीं जाकर आज वह यहां तक पहुँचे है। उन्होंने कहा ज़िंदगी के इतने सालों में उन्हें कई बार जातीय अपमान-भेदभाव को सहना पड़ा मगर वह फिर भी आगे बढ़ते चले गए। 

नशे से दूर रहना है जरूरी 

कुकू राम ने बताया कि शरीर को स्वस्थ्य रखना है तो नशे से दूर रहना होगा। उन्होंने का आज कल युवा बहुत कम उम्र में ही नशे की लत के शिकार हो जाते हैं। जो स्वास्थ्य को खराब कर देता है। उन्होंने कहा कि, वह हमेशा नशे से दूर रहे हैं, और यही कारण है कि आज 53 वर्ष की आयु में भी फिट और स्वस्थ्य हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब में युवाओं में नशे की लत उनके विकास की बाधा है। वह हमेशा युवाओं को नशे से दूर रहने की सलाह देते हैं। 

युवाओं को देना चाहते हैं ट्रेनिंग 

थाईलैंड में स्वर्ण पदक विजेता कुकू राम ने कहा कि वह अब युवाओं को ट्रेंड करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, इस काम में वह सरकार से भी मदद चाहते हैं। उन्होंने बताया कि यदि उनको जिम बनाने के लिए सरकार मदद करे तो वह लोगों को बॉडीबिल्डिंग की तरफ जा रहे युवाओं को ट्रेंनिग देंगे।

वर्ल्ड बॉडीबिल्डिंग चैम्पियनशिप में कुकूराम
पहली ऐसी दलित महिला जिसने जीता अंतरराष्ट्रीय बॉडीबिल्डर का खिताब

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