उत्तर प्रदेशः सिलईबड़ा गोलीकांड आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं, पीड़ित पक्ष पर एफआईआर दर्ज !

परिवार का आरोप-"दबाव बनाने के लिए घटना के दो दिन बाद मुकदमा किया।"
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सांकेतिक फोटो।The Mooknayak

रामपुर। उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के मिलक तहसील क्षेत्र के सिलईबड़ा गांव में हुई घटना के दो दिन बाद गुपचुप तरीके से राजस्व निरीक्षक की तहरीर पर ग्राम प्रधान के बेटे सहित ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इस मामले में दलित युवक की मौत के बाद चौकी इंचार्ज,एक सिपाही,एसडीएम और तहसीलदार के होमगार्ड सहित अन्य पर मुकदमा दर्ज हुआ था। फिलहाल इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

डीएम का कहना है मामले में मजिस्ट्रेटियल जांच चल रही है, जबकि एसपी का कहना है कि जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है। पीड़ित परिजनों का आरोप है प्रशासन ने ऐसा सिर्फ दबाव बनाने और मामले में सुलाह करने के लिए किया है।

रामपुर जिले की मिलक तहसील के सिलईबड़ा गांव में ग्राम समाज की जमीन को लेकर पिछले दो महीनो से लगातार विवाद जारी है। बीते 27 फरवरी को विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया कि ग्रामीण और जिला प्रशासन की टीम आमने-सामने थी। प्रशासन का दावा है कि सीएम पोर्टल पर सरकारी जमीन पर कब्जे की शिकायत मिली थी, जिसके बाद वह उसे कब्जा मुक्त कराने मौके पर गए थे। इस दौरान ग्रामीणों ने इसमें बाधा उत्पन्न की। सरकारी कर्मचारियों पर धावा बोल दिया। पथराव किया। इसके साथ ही सरकारी वाहनों को तोड़ दिया।

ग्रामीणों ने बताया था कि महिलाएं इस बोर्ड को हटाने के पक्ष में नहीं थी, इसलिए वह बोर्ड को घेरकर बैठ गईं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि जब महिलाएं नहीं हटी तो मौके पर मौजूद तत्कालीन एसडीएम मिलक अमन देओल ने लाठीचार्ज के आदेश दिए। इस दौरान बच्चों ने महिलाओं को बचाने के लिए पथराव किया।

आरोप है कि एसडीएम ने इस दौरान गोली चलाने के आदेश दिए,जिसके बाद एक गोली दलित युवक के सिर पर लगी जिससे उसकी मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद मंडलायुक्त मुरादाबाद आंजनेय मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने पुरे प्रकरण की जांच के आदेश जिलाधिकारी रामपुर को जारी किये थे। इसके साथ ही परिजनों की तहरीर पर 25 लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था। हलांकि इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

द मूकनायक ने मृतक दलित युवक सोमेश के परिजनों से बातचीत की। सोमेश के चाचा सुरेंद्र का कहना है- "जिला प्रशासन ने दो दिन बाद गुपचुप तरीके से इस मामले में एफआईआर दर्ज की है। वह इस मुकदमे से हमें डराना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि हम इस मामले में डर से सुलाह कर लेंगे।"

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