उत्तर प्रदेश: पुलिस की अनदेखी से छेड़छाड़ की शिकार दलित छात्रा ने दी जान!

पुलिस ने आरोप नकारे, एडिशनल एसपी ने कहा- छेड़खानी के कारण आत्महत्या की जानकारी नहीं मिली है। पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। तहरीर के आधार पर अगली कार्रवाई की जाएगी।
सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

लखनऊ। यूपी के अमरोहा जिले में दसवीं की दलित छात्र से लगातार छेड़छाड़ की घटना हो रही थी। इस मामले में परिजनों ने थाने जाकर शिकायत की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकर छात्रा ने परेशान होकर गत मंगलवार को चलती ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली।

जानकारी के मुताबिक यूपी में अमरोहा जिले के मंडी धनौरा थाना क्षेत्र में 19 साल की दलित छात्रा रहती थी। वह जिले के एक कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में कक्षा 10 में पढ़ाई कर रही थी। जानकारी के मुताबिक मजदूर की बेटी पांच दिन पहले ही विद्यालय के छात्रावास से अपने घर आई थी। मंगलवार शाम करीब सात बजे छात्रा अपने गांव के बाहरी हिस्से से गुजर रही रेलवे लाइन तक पहुंच गई। उसी समय कोटद्वार से दिल्ली जाने वाली गढ़वाल एक्सप्रेस वहां से गुजर रही थी। छात्रा ने ट्रेन के आगे छलांग लगा दी। आस-पास मौजूद ग्रामीण ट्रैक पर पहुंचे, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। गांव में चर्चा फैली तो छात्रा का पिता भी मौके पर पहुंच गया। शव की शिनाख्त की। सूचना मिलने पर आई पुलिस ने परिजनों से घटना की जानकारी ली।

मृतका की मां का आरोप है कि उनकी बेटी के साथ गांव का ही एक युवक घर से छेड़खानी करता था। थाने में शिकायत की थी। सुनवाई नहीं होने पर सीओ को भी समस्या बताई थी, लेकिन फिर भी पुलिस ने आरोपी पर कार्रवाई नहीं की। छात्रा के शव का पंचनामा भरते समय परिजन पुलिस पर भड़क गए। मृतका की मां बोली- "हमारी शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की होती तो बेटी जान देने को मजबूर नहीं होती।" पंचनामे पर हस्ताक्षर से पहले आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग शुरू कर दी। काफी समझाकर पुलिस ने पंचनामे की कार्रवाई पूरी की।

इस मामले में अमरोहा जिले के अपर पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार सिंह ने द मूकनायक को बताया कि छात्रा के ट्रेन से कटकर आत्महत्या करने का पता चला है। छेड़खानी के कारण आत्महत्या की जानकारी नहीं मिली है। पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। तहरीर के आधार पर अगली कार्रवाई की जाएगी।

करणी सेना के उपाध्यक्ष की बेटी का अपहरण, विरोध पर हत्या

द मूकनायक को मिली जानकारी के मुताबिक यूपी के बदायूं जिले के दातागंज क्षेत्र के गांव सादुल्लागंज के रहने वाले करणी के उपाध्यक्ष सुधीर के घर गत सोमवार रात कुछ लोग घुस गए। उनके पास असलहे भी थे। वह सुधीर सिंह की बेटी को उठाकर ले जा रहे थे। बेटी के चीखने पर उसकी मां और पिता बचाने के लिए दौड़े। इस दौरान अपहरणकर्ताओं ने सुधीर सिंह को गोली मार दी। गोली की आवाज सुनकर पड़ोस में रहने वाले उनके भाई व अन्य लोग भी आ गए। जिससे हमलावर वहां से भाग गए। स्वजन घायल हालत में सुधीर को लेकर जिला अस्पताल आए, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस आरोपितों की तलाश में जुटी है।

यह पहली घटना नहीं है। यूपी के फतेहपुर जिले के गाजीपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में छेड़खानी से आहत होकर कर एक युवती ने आत्महत्या कर ली थी। मृतका के भाई ने बताया था कि जब वह और उसकी बहन दोनों घर में अकेले थे। तभी गांव के ही रहने वाले कुछ लोग आए और उसकी बहन के साथ मारपीट करने लगे थे। जिनको देख दौड़कर माता-पिता को बताया, जब घर वाले आए तो घर के अंदर फांसी के फंदे में बहन का शव लटक रहा था। मृतका की मां का कहना था कि गांव का रहने वाला लल्ली अक्सर बेटी को परेशान करता था। जिसकी तहरीर पहले भी थाने में देकर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मृतका के परिवार वाले जहां तीन आरोपियों पर घर में घुसकर मारपीट कर छेड़खानी का आरोप लगाया था। जबकि पुलिस इसे प्रेम प्रसंग का मामला बताने में जुटी हुई थी।

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