
चेन्नई: तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में हुए दलित टेकी केविन की 'ऑनर किलिंग' के सनसनीखेज मामले में क्राइम ब्रांच-सीआईडी (CBCID) ने अपनी विस्तृत चार्जशीट अदालत में पेश कर दी है। इस चार्जशीट में 23 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर की निर्मम हत्या का मुख्य आरोपी उसकी प्रेमिका के भाई को ही बताया गया है।
जांच एजेंसी ने दोहराया कि आरोपी सुरजीत अपनी डॉक्टर बहन के इस रिश्ते से सख़्त नाराज़ था, जिसके चलते उसने केविन को मौत के घाट उतार दिया।
पुलिसकर्मी माता-पिता भी बने आरोपी
सीबीसीआईडी प्रमुख टीएस अनबू ने जानकारी दी कि मामले में कुल चार लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसमें सुरजीत के पिता सरवनन, जो खुद एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर हैं, और उसकी माँ कृष्णकुमारी, जो भी एक पुलिस अधिकारी हैं, शामिल हैं। इनके अलावा एक रिश्तेदार जयपाल को भी आरोपी बनाया गया है। एजेंसी ने 22 अक्टूबर को अदालत में यह अंतिम रिपोर्ट जमा की, जिसमें 69 गवाहों के बयानों और 37 अन्य दस्तावेज़ों को सबूत के तौर पर शामिल किया गया है।
अदालत की सख़्त टिप्पणी, पिता की जमानत तीसरी बार खारिज
इसी बीच, तिरुनेलवेली की अतिरिक्त सत्र अदालत ने आरोपी पिता सरवनन की जमानत याचिका को तीसरी बार खारिज कर दिया है। अदालत ने अपनी टिप्पणी में कहा कि यह एक "खुली और सोची-समझी ऑनर किलिंग" है। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि अगर सरवनन को रिहा किया गया, तो उसकी पत्नी कृष्णकुमारी (जो खुद पुलिस में है) गवाहों को प्रभावित कर सकती है, जिससे मौजूदा जांच में बाधा आ सकती है।
अदालत ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि केविन का आईफोन अभी भी फेशियल रिकग्निशन से लॉक है। जांचकर्ताओं को उम्मीद है कि एक बार फोन एक्सेस होने के बाद, आगे की डिजिटल फोरेंसिक जांच से और सबूत मिल सकते हैं।
क्या था पूरा मामला?
केविन, जो मूल रूप से थूथुकुडी जिले के अरुमुगमंगलम का रहने वाला था, चेन्नई की एक आईटी फर्म में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम करता था। यह पूरी घटना जुलाई महीने की है, जब केविन अपने दादा के इलाज के लिए तिरुनेलवेली के उस अस्पताल में गया था, जहाँ उसकी प्रेमिका डॉक्टर के तौर पर काम करती थी।
आरोप है कि वहीं पर सुरजीत ने केविन को बहाने से अपनी बाइक पर बिठाया और फिर धारदार हथियार (दरांती) से उसकी हत्या कर दी।
जातिगत हत्याओं के खिलाफ कड़े कानून की मांग
इस क्रूर हत्या के बाद पूरे राज्य में भारी आक्रोश देखने को मिला था। दलित संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर न्याय की मांग की और जाति के नाम पर होने वाली हत्याओं के खिलाफ कड़े कानून बनाने की अपील की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, तमिलनाडु सरकार ने भी 'ऑनर किलिंग' के खिलाफ एक विशेष कानून लाने की घोषणा की है। इस तरह के अपराधों का अध्ययन करने और उन्हें रोकने के उपाय सुझाने के लिए एक आयोग का गठन भी किया जा रहा है।
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