राजस्थान: सब-इंस्पेक्टर पर 5 साल की दलित बच्ची से रेप का आरोप, गुस्साए ग्रामीणों ने थाना घेरा, आरोपी को जमकर पीटा

मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी सब इंस्पेक्टर भूपेन्द्र को निलंबित कर पुलिस हिरासत में लिया गया है।
घटना के बाद प्रदर्शन करते ग्रामीण
घटना के बाद प्रदर्शन करते ग्रामीण

दौसा: राजस्थान के दौसा जिले से खाकी को कलंकित करने वाली घटना सामने आई है। यहां जिले के राहुवास थाना इलाके में एक सब इंस्पेक्टर पर पांच साल की दलित बच्ची से बलात्कार का आरोप लगा है। पीड़िता के पिता की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी सब इंस्पेक्टर भूपेन्द्र सिंह सहित राहुवास पुलिस थाने में तैनात एएसआई छोटे लाल, ग्रामीण हरकेश व मीठाला को नामजद करते हुए बलात्कार सहित पॉक्सो एक्ट की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर ली। मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी सब इंस्पेक्टर भूपेन्द्र को निलंबित कर पुलिस हिरासत में लिया गया है। अभी तक पुलिस ने गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है।

इधर इस घटना ने चुनावी माहौल के बीच कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं . दलित और आदिवासियों के साथ प्रदेश में अत्याचारों के बढे मामलों को लेकर गहलोत सरकार को पब्लिक की बहुत आलोचना शनी पड़ी है और अब इस घटना के बाद चुनाव में विपक्ष द्वारा इस घटना को भी सरकार की नाकामी के तौर पर प्रचारित किया जाने लगा है. 

थाने के एएसआई के साथ किराए के कमरे में रह रहा था आरोपी सब इंस्पेक्टर

पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी भूपेन्द्र को पुलिस लाइन से दौसा से चुनाव ड्यूटी के लिए राहुवास थाने भेजा गया था। यहां आरोपी राहुवास थाने में तैनात एक पुलिसकर्मी के किराए कमरे में रह रहा था। शुक्रवार दोपहर एक से दो बजे के बीच आरोपी ने घर के बाहर खेल रही पांच साल की दलित बच्ची को बहाने से कमरे में बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। घटना के बाद रोती हुई घर पहुंची बच्ची ने अपनी मां को आप बीती बताई। मासूम बेटी के साथ हुई घटना से आहत मां ने पति को घटना के बारे में जानकारी दी। इसके बाद पीड़िता का पिता आरोपी के कमरे में गया  तो आरोपी व उसके साथियों ने पीड़िता के मां-बाप के साथ मारपीट कर दी। इससे पीड़ित का हाथ टूट गया। थाने के पुलिस कर्मियों ने भी कोई मदद नहीं की।

घटना से गुस्साए ग्रामीण सड़क पर उतरे

पुलिस कर्मी द्वारा पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म की बात इलाके में आग की तरह फ़ैल गई। देखते ही देखते ग्रामीण राहुवास पुलिस थाने के बाहर जमा हो गए। ग्रामीणों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पुलिस थाने का घेराव किया। इस दौरान पुलिस के खिलाफ जमकर नारे लगाए गए। इस बीच राज्यसभा सांसद व सवाईमाधोपुर से भाजपा प्रत्याशी डॉ. किरोड़ी लाल मीना भी पुलिस थाने पहुंचे। जहां संबधित पुलिस अधिकारियों से बात कर आरोपी सब इंस्पेक्टर को निलंबित करने तथा थाने के समस्त स्टाफ को हटाने की मांग की गई।

भाजपा नेता डा. किरोड़ीलाल मीणा और उनके समर्थक थाने पहुंचे जहां उन्होंने पूरे स्टाफ को हटाने की मांग की
भाजपा नेता डा. किरोड़ीलाल मीणा और उनके समर्थक थाने पहुंचे जहां उन्होंने पूरे स्टाफ को हटाने की मांग की

आपको बता दें कि जिस इलाके में घटना हुई वह दौसा जिले के लालसोट विधानसभा क्षेत्र में आता है। यहां से कांग्रेस ने चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा को प्रत्याशी बनाया है। जबकि भाजपा ने किरोड़ी समर्थक को चुनाव मैदान में उतारा है। चुनावी सरगर्मी के बीच पुलिसकर्मी की करतूत ने कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। यहां विपक्षी पार्टी इसे मुद्दा बनाकर अब प्रदेश की जनता के बीच जाने वाली है। भाजपा ने राजनीतिक सभाओं ने शुक्रवार से ही इस घटना का जिक्र शुरू कर दिया है।  

चुनाव ड्यूटी के लिए लगाया था, मामला दर्ज

घटना के की सूचना पर मौके पर पहुंचे लालसोट के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामचन्द्र सिंह ने बताया कि एसआई भूपेंद्र दौसा लाइन में कार्यरत है। चुनाव के लिए एसएसटी में लगा है। आरोपी की रात्रि ड्यूटी थी और दिन में राहुवास थाने के स्टाफ के कमरे में रुका था। पीड़िता के पिता की रिपोर्ट के आधार पर आरोपी सब इंस्पेक्टर के खिलाफ दुष्कर्म, मारपीट व पॉक्सो एक्ट में प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है।  

आरोपी की पिटाई का वीडियो वायरल

घटना के बाद मौके पर जमा भीड़ ने आरोपी सब इंस्पेक्टर की जमकर पिटाई कर डाली। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रह है। वायरल वीडियो में ग्रामीण आरोपी की पिटाई करते नजर आ रहे हैं। मौके पर मौजूद वर्दीधारी पुलिसकर्मी व सादा वर्दी में कुछ पुलिसकर्मी आरोपी को भीड़ से छुड़ा कर ले जाते नजर आ रहे हैं। वायरल वीडियो में आरोपी अर्धनग्न व फटे कपड़ों में नजर आ रहा है। यहां वीडियो में एक महिला भी आरोपी के जूते मारती नजर आ रही है।  

अतिरिक्त पुलिस जाब्ता तैनात

घटना के बाद आक्रोशित भीड़ ने थाने का घेराव किया तो पुलिस प्रशासन भी अलर्ट मोड़ पर नजर आया। घटना के कुछ देर बाद ही घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस जाब्ता तैनात कर दिया गया। पुलिस चुनावी सीजन में मामले की गंभीरता को देखते हुए सतर्क है। मौके पर मौजूद भीड़ में शामिल लोगों का कहना था कि इस घटना से हमारा पूरा क्षेत्र शर्मशार हुआ है। एक मासूम के साथ हुई हैवानियत की घटना के आरोपी व संरक्षण देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लालसोट रामचन्द्र सिंह, शंकर लाल मीणा, सीओ कालूराम मीना, थानाधिकारी नाथू लाल मीणा सहित आधा दर्जन से अधिक पुलिस थानों का जाब्ता तैनात किया गया।

यह लगाए पीड़िता ने आरोप

पीड़िता के पिता ने पुलिस को सौंपी तहरीर में बताया कि प्रार्थी की बेटी घर के बाहर सडक़ पर खेल रही थी। दोपहर एक से दो बजे के बीच पड़ोस में एएसआई छोटे लाल व उसके साथ रहने वाला भूपेन्द्र सिंह किराए से रहता है। आरोपी भूपेन्द्र ने बच्ची को बहला फुसला कर अपने कमरे में बुला लिया। व बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। बच्ची रोती रोती हुई घर आई। उसने आपबीती अपनी मां को बताई। मां ने फिर बेटी के साथ हुई घटना के बारे में पति को जानकारी दी।

नशे में था आरोपी

पीड़ित पिता ने पुलिस को तहरीर में आगे बताया कि पत्नी के द्वारा घटना की जानकारी देने के बाद वह आरोपी के कमरे पर गया था। आरोपी संदिग्ध अवस्था में मिला। आरोपी ने नशा कर रखा था। एएसआई छोटे लाल ने उसे कमरे में बंद कर दिया। एएसआई छोटे लाल ने आरोपी भूपेंद्र  को बाल्टी  लेकर नहाने के लिए बोला। इस बारे में जब पीड़ित पिता ने घटना के बारे में बताया तो आरोपी छोटे लाल व अन्य ने उसके साथ मारपीट की। आरोपियों ने शिकायत लेकर पहुंचे-पति-पत्नी को बाहर निकाल कर साक्ष्य मिटाने की कोशिश की। आरोपी को कपड़े बदलने के लिए भी बोला गया। पत्नी को हाथ मरोड़ कर घसीटा गया। इससे पीड़ित पिता का हाथ टूट गया। प्रार्थी की पत्नी के साथ हरकेश पुत्र मोती लाल ने हाथ मरोड़ कर घसीटा तथा मीठा लाल ने मारपीट की। तहरीर के आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शंकर लाल मीणा महिला अनुसंधान सेल दौसा को सौंपी गई।

अखिल भारतीय रैगर महासभा के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष सीताराम ने भी घटना के बाद जिला परिषद दौसा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पुलिस महानिरीक्षक के नाम पत्र सौंप कर दोषी पुलिसकर्मी को गिरफ्तार कर बरखास्त करने तथा दोषी पुलिस कमी के सहयोगियों पर कड़ी कार्रवाई करने, राहुवास पुलिस थाने के संपूर्ण स्टाफ को निलंबित करने। पीड़ित परिवार को पचास लाख रुपए नकद, सरकारी नौकरी व डेयरी बूथ देने की मांग की है।

दलित अधिकार केंद्र संयोजक एडवोकेट सतीश कुमार ने घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे तो किस पर भरोसा करेंगे। प्रदेश में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं थमने के नाम नहीं ले रही है। अब पुलिसकर्मी भी दलितों की छोटी बच्चियों को हवस का शिकार बना रहे हैं। उन्होंने सिस्टम से पूछा है कि क्या दलितों को जीने का अधिकार नहीं है। पुलिस से रक्षा की आस होती है, लेकिन अब यह भी टूट गई।

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