राजस्थान : पंचों से परेशान दलित युवक ने टांके में कूदकर की आत्महत्या

Rajasthan: Troubled by Panches, Dalit youth commits suicide by jumping in stitches / The Mooknayak
Rajasthan: Troubled by Panches, Dalit youth commits suicide by jumping in stitches / The Mooknayak

मोर्चरी के सामने पांच दिन से शव रखकर परिजन प्रदर्शन कर रहे हैं। आरोप है कि, मामले कोई कार्रवाई नहीं की गई।

रिपोर्ट- कमल सिंह सुल्ताना

राजस्थान में दलितों के साथ अत्याचार का एक ऐसा लंबा इतिहास रहा है कि दलितों पर होने वाले अत्याचारों की लंबी सूची भी तैयार की जा सकती है। राजस्थान में दलितों पर होने वाले हमलों का ग्राफ़ लगातार बढ़ रहा है। राजस्थान के शांत और सौम्य समझे जाने वाले ज़िले जैसलमेर और बाड़मेर में भी एसे अपराध दिनो -दिन बढ़ रहे हैं। ऐसे अपराधों के मूल के सिर्फ़ जातीय  द्वेष ही नहीं, बल्कि पुलिस बलों द्वारा मिलने वाला प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संरक्षण भी है।

इसके अलावा सामाजिक दबाव भी ऐसे अपराधों को बढ़ावा देता है। पिछले दिनों कुछ नाबालिग युवकों द्वारा दलित समुदाय के शमशान घाट में क़ब्रों को पीटने का वीडिओ भी वायरल हुआ था। हालाँकि, यह नासमझी के कारण हुआ था इसीलिए दोनो पक्षों ने आपसी सहमति से मामले का निस्तारण कर दिया था। वहीं सांगड क्षेत्र में भी बकरी चराने को लेकर एक विवाद ने भी उग्र स्वरूप ले लिया था।

क्या है ताज़ा मामला?

बाड़मेर के गिडा थाना क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले कंकोलगढ़ खोखसर गांव में जातीय पंचों से परेशान होकर एक अधेड़ ने टांके (रेगिस्तान में जल संग्रह के लिए बना एक लगभग दस फ़ीट गहरा गड्ढा) में कूदकर जान दे दी। जानकारी के अनुसार बाबूलाल मेघवाल ने सोमवार को टांके में कूदकर जान दे दी। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव निकालकर मोर्चरी ( अस्पताल का एक भाग जहां शव रखे जाते हैं) में रखवा दिया।

इस संबंध में मृतक बाबूलाल के पुत्र ने पंचों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मृतक के परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी न होने तक धरने पर बैठे हैं, और पोस्टमार्टम तक नहीं करने दे रहे हैं।

क्षेत्राधिकारी (DYSP) जग्गूराम ने बताया कि, "धारा 384 व 306 में भदसा में मामला दर्ज किया गया है। सगाई तोड़ने को लेकर हुए विवाद के बाद पंचों द्वारा बहिस्कृत करने के बाद बाबूलाल ने आत्म हत्या कर ली। समाज में वापसी के लिए मृतक से दो लाख रुपए और माफी मांगने की शर्त रखी थी। मृतक के पुत्र ने गणेशराम, मूलाराम, रमा राम, पोलाराम, भोजाराम, पदमाराम, हुकमाराम, खरताराम, रहिंगाराम के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।"

यदा-कदा होने वाली इन घटनाओं को लेकर नोरोता राम लोरोली इस घटना को लेकर कहते हैं कि, राजस्थान में लगातार चल रही पंच पटेल प्रथा ने एक व्यक्ति की जान ले ली। स्थानीय सियासत के लोग अपने प्रभाव से किसी भी प्रकार की कार्यवाही आरोपियों पर नही होने दे रहे हैं।

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