राजस्थान: बहुजन विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति डकार गए घोटाले बाज, 65 लाख रुपयों का गबन

एसजेएमएस योजना में फर्जीवाड़ा, सवाईमाधोपुर पुलिस ने आरोपियों को पकड़ कर भेजा जेल
Social justice department Website.
Social justice department Website.File Photo

जयपुर। राजस्थान में एक निजी विश्वविद्यालय और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के कार्मिक तथा दो ई-मित्र क्योस्क संचालक मिलकर बहुजन छात्रों के हिस्से की 65 लाख रुपए की छात्रवृति हड़प गए। राजस्थान के इस छात्रवृति घोटाले का पुलिस ने खुलासा करते हुए 4 लोगो को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार आरोपियों में महात्मा ज्योतिराव फूले विश्वविद्यालय अचरोल, जयपुर का कम्यूटर ऑपरेटर मुकेश कुमार पुत्र शम्भूदयाल सैनी निवासी शाहपुरा वार्ड नम्बर 22, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सवाईमाधोपुर का  सूचना सहायक ऋषिकेश पुत्र मदनलाल मीना निवासी पीपलाद, थाना बोली जिला सवाईमाधोपुर, ई-मित्र क्योस्क संचालक अजय पुत्र रामावतार गुर्जर निवासी सितोड़ तथा श्यामलाल पुत्र भरतलाल माली निवासी बाटोदा जिला सवाईमाधोपुर है।

ऐसे पकड़ में आए घोटाले बाज

सवाईमाधोपुर जिला पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अगरवाला ने इस  छात्रवृति घोटाले का खुलासा करते हुए बताया कि 17 जून को  सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सवाईमाधोपुर उपनिदेशक मीना आर्य ने साइबर पुलिस थाने में अज्ञात लोगो के खिलाफ केस दर्ज करवाया। बताया गया कि एसजेएमएस योजना के तहत छात्रवृति के फर्जी आवेदन पत्रों से आरक्षित वर्ग की उत्तर मेट्रिक छात्रवृति के लगभग 16 लाख रुपये से अधिक हड़प लिए हैं। इस पर मुकदमा दर्ज कर एसआईयूसीएडब्ल्यू एएसपी राजवीर सिंह और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार के सुपरविजन में टीम गठित कर जांच शुरू की गई। साइबर अपराध के तहत पुलिस ने तकनीकी मदद से जांच शुरू की तब सब कुछ आईने की तरह साफ हो गया।

इस तरह करते थे आपराधिक मिलीभगत

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ई-मित्र क्योस्क संचालक अजय गुर्जर फर्जी दस्तावेजों से एसजेएमएस योजना के तहत विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करता था। जानकर छात्रों को विभिन्न ऑनलाइन कोर्सेज कराने का झांसा देकर आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, मार्कशीट, जनाधार कार्ड, प्राप्त कर लेताथा। इन दस्तावेजों से छात्रवृति के लिए आवेदन करता और आवेदन पत्रों में अपने परिचित और रिश्तेदारों के बैंक खाता नम्बर सबमिट करता था।

पुलिस ने बताया कि छात्रवृति आवेदन की स्वीकृति प्रक्रिया के लिए महात्मा ज्योतिराव फूले विश्वविद्यालय अचरोल के कम्प्यूटर ऑपरेटर मुकेश सैनी से फीस की फर्जी रसीद लगा कर अप्रूवल के लिए प्रोसीड करवाता था।  मुकेश सैनी यूनिवर्सिटी की तरफ से अप्रूवल कर छात्रवृति आवेदनों को समाज कल्याण विभाग को भेज देता। इसके बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सवाईमाधोपुर में कार्यरत सूचना सहायक ऋषिकेश मीना सक्षम अधिकारी की जानकारी के बिना ही इन छात्रवृति आवेदन पत्रों को वित्तीय स्वीकृति कर स्वयं के और गिरोह के सदस्यों के रिश्तेदारों और परिचितों के खातों में ट्रांसफर करवा हड़प लेता था।

गिरोह में आईटीआई कॉलेज संचालक शामिल श्यामलाल माली जन सूचना पोर्टल से डाटा उठाकर कर छात्रवृति के फर्जी आवेदन अपलोड करता था। यह भी बैंक खाता नम्बर खुद के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के अपलोड करता था। मार्कशीट और अन्य जरूरी दस्तावेजो के लिए खुद के आईटीआई कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों के दस्तावेजो में एडिटिंग कर महात्मा ज्योतिराव फूले विश्वविद्यालय अचरोल के कम्प्यूटर ऑपरेटर मुकेश सैनी और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सूचना सहायक ऋषिकेश मीणा के सहयोग से ऑनलाइन प्रक्रिया तहत वित्तीय स्वीकृति जारी करवा कर बैंक खातों में पैसे ट्रांफर करवा लेता।

पुलिस ने बताया कि चारो आरोपियों ने गिरोह बना रखा है। फर्जीवाड़ा कर छात्रवृति की राशि हड़पने का बाद चारों मिलकर आपस मे बांट लेते हैं। अब तक इन्होंने 65 लाख रुपए का घोटाला किया है। इस गिरोह में बड़े अधिकारियों की भूमिका या अन्य कॉलेज संचालको या कर्मिको की भूमिका को लेकर पुलिस जांच कर रही है।

समाज कल्याण विभाग की उप निदेशक ने करवाया था मामला दर्ज

पुलिस के अनुसार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सवाईमाधोपुर की उपनिदेशक मीना आर्य ने 17 जून को लिखित रिपोर्ट देकर बताया कि 23 मई को उन्होंने एसजेएमएस स्कॉलरशिप  योजना के तहत विभाग के पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों को वित्तीय स्वीकृति जारी करने के लिए अपनी लॉगइन आईडी से चैक किया तो, देखा कि महात्मा ज्योतिराव फूले विश्विद्यालय अचरोल, जयपुर (MAHATMA JYOTIRAO PHOOLE UNIVERSITY, ACHROL (17712) JAIPUR) के माध्यम से 285 आवेदन उत्तर मेट्रिक छात्रवृत्ति की स्वीकृति के लिए आए हैं। यह आवेदन वर्ष 2022-23 में एसजेएमएस स्कोलरशिप योजना के तहत किए गए हैं। यह सभी आवेदन पत्र ई-मित्र कियोस्क के कम्प्यूटर से एक से अधिक संख्या मे क्रिएट किये गए। इनमे से अभी तक विभाग के पोर्टल / वेबसाईट के माध्यम से 27 छात्रो की छात्रवृति स्वीकृति के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी बैेंक, एसबीआई बैेक, यूनियन बैंक व अन्य बैंको के खातों मे 16 लाख 67 हजार 250 रूपये जमा हो गए। 

उपनिदेशक आर्य ने पुलिस को बताया कि शंका होने पर इस छात्रवृति के पोर्टल मे गहनता से पड़ताल की तो 27 छात्रो के खाता नम्बर एक ही थे। इनके अलावा दो-दो छात्रो के खाता नम्बर भी समान थे। बाकि 258 छात्रो की छात्रवृति आवेदन पत्रों की स्वीकृति उन्होंने रोक दी है।

285 आवेदकों में 42 बैंक खाता नम्बर समान

285 छात्रो के छात्रवृति फर्जी तरीके से हडपने के लिए 42 बैंक खाते ऐसे खोले गये है जो दो या अधिक छात्रों के काॅमन है। इस तरह से विभाग के पोर्टल एसजेएमएस स्कोलरशिप मे महात्मा ज्योतिराव फूले यूनिवर्सिटी अचरोल के सिस्टम से दस्तावेज वेरिफाई किये जाकर फर्जी खातों में राशि जमा की गई। आरोपियों ने फर्जी तरीके से षड़यन्त्र के तहत धोखाधड़ी कर सरकारी धन को हड़प लिया है।

इन आरक्षित वर्गों के लिए छात्रवृति योजना

राजस्थान सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के द्वारा विभिन्न छात्रवृति योजनाएं संचालित है। इनमे अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग, विशेष पिछड़ा वर्ग के लिए उत्तर मेट्रिक छात्रवृति योजना संचालित है। इसी तरह डॉ. अम्बेडकर आर्थिक पिछड़ा वर्ग उतर मेट्रिक छात्रवृति योजना, डॉ. अम्बेडकर उमुक्त घुमन्तु, अर्द्ध घुमन्तु, उत्तर मेट्रिक छात्रवृति योजना और मुख्यमंत्री सर्वजन उच्च शिक्षा उत्तर मेट्रिक छात्रवृति योजनाएं प्रमुख हैं।

क्या है इन योजनाओं में छात्रवृति के लिए पात्रता 

राजस्थान सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के द्वारा संचालित उक्त उत्तर मेट्रिक छात्रवृति योजनाओ में मुख्यमंत्री सर्वजन उच्च शिक्षा छात्रवृति में छात्र के माता पिता की वार्षिक आय 5 लाख रुपये कम से कम रखी गई है। इसके अलावा सभी योजनाओं में वार्षिक आय 2.5 लाख निर्धारित की गई है। आरक्षित वर्गों को वर्ग का जाति प्रमाण पत्र, राजकीय मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्था में मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम अंतगर्त नियमित अध्ययनरत हो तथा राजस्थान का मूल निवासी हो। छात्रवृति के आवेदन के साथ आधार कार्ड, जनाधार कार्ड, मूल निवास प्रमाण पत्र, आय घोषणा पत्र, फीस की रशीद, अंतिम उत्तीर्ण परीक्षा की अंकतालिका और जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने होंगे। आरक्षित वर्ग को नॉन रिफंडेबल फीस एवं अनुरक्षण भत्ते को शामिल करते हुए छात्रवृति दी जाती है जबकि मुख्यमंत्री सर्वजन योजना में फीस का 50 प्रतिशत देय है।

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

Related Stories

No stories found.
The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com