तमिलनाडु: मंदिर में दलितों से भेदभाव का आरोप, पुजारी ने ‘विभूति’ देने से किया इनकार

पुडुकोट्टई ज़िले के वडवलम गांव में दलित समुदाय ने मंदिर में जातीय भेदभाव और प्रवेश से रोकने के गंभीर आरोप लगाए, प्रशासन से की सुरक्षा की मांग।
पुडुकोट्टई: मंदिर में दलितों से भेदभाव के आरोप, पुजारी ने विभूति देने से किया इनकार
पुडुकोट्टई: मंदिर में दलितों से भेदभाव के आरोप, पुजारी ने विभूति देने से किया इनकार
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तमिलनाडु: पुडुकोट्टई ज़िले के वडवलम पंचायत के दलित निवासियों ने आरोप लगाया है कि एचआर एंड सीई के अधीन आने वाले कलियुग मय्या अय्यनार मंदिर में उनके साथ जातीय भेदभाव किया गया। उनका कहना है कि 6 जुलाई को वार्षिक रथ महोत्सव से पहले मंदिर के बाहर आयोजित एक अनुष्ठान के दौरान पुजारियों ने उन्हें पवित्र विभूति (राख) देने से इनकार कर दिया।

संबत्तिविदूथी पुलिस थाने में उसी दिन दी गई शिकायत के अनुसार, दीपाराधना के बाद पुजारी ने अन्य भक्तों को विभूति वितरित की लेकिन जानबूझकर दलितों को छोड़ दिया। जब दलितों ने इस पर सवाल किया तो पुजारी ने कथित तौर पर कहा, “हम तुम्हारे जैसे लोगों को विभूति नहीं दे सकते।”

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वडवलम के दलित निवासी एम. पनीस्वामी ने बताया कि, “यह सिर्फ एक दिन की बात नहीं है। पीढ़ियों से हमें मंदिर में प्रवेश, अनुष्ठानों में भागीदारी या यहां तक कि उसी छाया में बैठने से भी रोका जाता रहा है।”

सोमवार को कलेक्टर एम. अरुणा को भेजे पत्र में वडवलम और आसपास के गांवों — ईचड़ी अन्नानगर, कंडंगरापट्टी, चिन्नैया सथिरम, चेत्तियापट्टी और कयमपट्टी के दलितों ने मंदिर में पूर्ण प्रवेश की मांग की।

उनका कहना है कि उन्हें दूध के पॉट ले जाने, ‘मंडगापडी’ करने या जुलूसों में शामिल होने से नियमित रूप से रोका जाता है। त्योहारों में पानी के स्टॉल लगाने की अनुमति तक नहीं दी जाती। उनका आरोप है कि मंदिर के पास एक निश्चित बिंदु से आगे जाने पर “सामाजिक सीमा” लागू कर दी जाती है।

वीसीके के तंजावूर-पुडुकोट्टई जोनल सचिव थिरूमरावन, जो दलित निवासियों के साथ गए थे, ने जिला प्रशासन से अपील की कि 8 जुलाई को रथ उत्सव के दिन प्रशासन उन्हें सुरक्षा के साथ मंदिर में प्रवेश कराए और स्थायी रूप से उनके अधिकार सुनिश्चित करे।

इसी बीच, दलितों ने पुजारियों के खिलाफ एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कार्रवाई की भी मांग की और मंदिर ट्रस्टी बोर्ड में अनुसूचित जाति के लोगों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की भी मांग की।

घटना के बाद सोमवार को अलंगुडी डीएसपी और पुडुकोट्टई राजस्व अधिकारियों की ओर से एक शांति बैठक बुलाई गई। एक वरिष्ठ राजस्व अधिकारी ने बताया कि दलितों को आश्वासन दिया गया कि आगामी उत्सव में उन्हें मंदिर प्रवेश की अनुमति दी जाएगी और अगर कोई इसमें बाधा डालेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

हालांकि, पुजारी गणेश और संबन्धम गुरुक्कल के खिलाफ दर्ज शिकायत पर आगे कार्रवाई के बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

वहीं, शांति बैठक में शामिल जाति हिंदू समुदाय के सदस्य एम. अन्बुसेल्वम ने किसी भी तरह के आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा, “हमने किसी को भी प्रवेश से नहीं रोका। ये आरोप राजनीतिक उद्देश्य से लगाए गए हैं।”

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