पीलीभीत कांड: पुलिस ने समझौते के लिए दबाव बनाया, बलात्कार के आरोपी ने धमकाया

मानवाधिकार आयोग ने भी लिया संज्ञान, यूपी सरकार को जारी किया नोटिस
यूपी पुलिस
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लखनऊ। यूपी के पीलीभीत में दलित किशोरी को अगवा कर रेप के मामले में नए खुलासे हो रहे हैं। पीड़ित परिजनों ने पुलिस पर सुलह के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाए है। वहीं इसका फायदा उठाकर आरोपी पक्ष ने पीड़ित परिवार को धमकाना शुरू कर दिया था। इस मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी पर भी पीड़ित परिवार को सुलह न करने पर धमकाने और जेल भेजने के आरोप शामिल है। इस मामले में एक सिपाही की भी भूमिका सन्दिग्ध बताई जा रही है।

जानकारी के मुताबिक एक सिपाही ने ही पूरे मामले को दबाने का शुरू से प्रयास किया। पुलिस की प्रताड़ना और आरोपियों की धमकी से परेशान होकर किसान ने आत्महत्या करना ही ठीक समझा। इस मामले में मानवाधिकार ने मीडिया रिपोर्ट्स में छपी खबर का संज्ञान लेकर जिला प्रशासन और पुलिस को नोटिस जारी कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं दो आरोपी अब पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।

जानिए क्या है पूरा मामला ?

यूपी के पीलीभीत निवासी दलित किसान के बड़े बेटे ने बताया, "बीते 9 मई 2023 की मेरे पिता (45) और मेरी बहन (14) खेत में काम कर रहे थे। इस दौरान मेरे पिता ने बहन से घर जाकर पानी लाने को कहा। वह घर गई, लेकिन शाम तक नहीं लौटी। पिता ने सोचा घर का काम करने लगी होगी। लेकिन जब पिता घर आये तो वह घर पर नहीं मिली। इसके बाद मेरे पिता ने उसे पूरे गांव में ढूढ़ना शुरू कर दिया। मैं भी काम से लौट आया। काफी देर तक खोजने के बाद जब वह नहीं मिली तब हम मदद मांगने थाने गए। इस पर थानेदार ने उल्टा हमें ही जेल भेजने की धमकी दी थी।"

पीड़ित ने आरोप लगाते हुए कहा, "मेरी छोटी बहन को सुबह फूफा लेकर आए, उसने बताया कि गांव के तीन लड़के उसे जबरन लेकर गए थे। इसके बाद उसे पास के गांव के राहुल को सौंप दिया था, जिसने बहन के साथ गलत काम किया। इसको लेकर शिकायत दर्ज करवाने के लिए पुलिस के पास गए। लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार करते हुए मामले में समझौता करने का दवाब बनाया।" परिजन का आरोप है कि एसएचओ मुकेश शुक्ला ने पीड़ित और आरोपी पक्ष के बीच रिश्तेदारों की मौजूदगी में समझौते का दबाव बनाया था।

मृतक किसान के बेटे ने बताया, "पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टा मामले में सुलह के लिए दबाव बना रही थी। इन सबके कारण आरोपी लगातार मेरे पिता को गांव में बेइज्जत करने की धमकी दे रहे थे। यही कारण था पिता कई दिन से खाना नहीं खा रहे थे। वह उदास रहने लगे थे। 17 मई को मेरे पिता कहीं चले गए थे। देर शाम हमें पुलिस ने सूचना दी कि आपके पिता ने फांसी लगा ली है। उन्हें सीएचसी लाया गया है। वहां जाकर पता चला उन्होंने घर से लगभग 7 किमी दूर जाकर फांसी लगाई थी। इन सबके लिए पुलिस वाले जिम्मेदार है।"

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उत्तर प्रदेश: दलित की बेटी को अगवा कर रेप, कार्रवाई के लिए पिता थाने के लगाते रहा चक्कर, नहीं मिला न्याय तो लगा ली फांसी

जानकारी के मुताबिक 10 मई को लड़की अपने घर वापस आ गई थी। जिसके बाद पीड़ित किसान रोज न्याय की गुहार लेकर थाने जा रहा था। आरोप है पुलिस हर बार की तरह उन्हें मामले में कार्रवाई करने की बात कहकर टरका देती थी। इसे लेकर किसान एसपी कार्यालय भी गया था।

किसान द्वारा एफआईआर के लिए लगातार थाने और अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगाने की बात जब आरोपियों को पता चली, तो आरोपियों ने पीड़ित परिवार को ही उल्टा फंसाने की साजिश करना शुरू कर दिया।

इस मामले में मुख्य आरोपी के मामा का घर पीड़ित के ही गांव में है। पीड़ित के भाई का कहना है कि आरोपी के मामा की थाने और स्थानीय नेताओं में पकड़ है। वह लगातार पीड़ित पक्ष को थाने न जाने की बात कह रहे थे।

पीड़िता के भाई ने बताया, "आरोपी के मामा ने पापा को बहुत बार फोन किया। हर बार कहता तुम केस के चक्कर में न पड़ो, वरना तुम्हें ही फंसा देंगे। तुम्हारे चक्कर में राहुल ने जहर खा लिया है, हम इसकी शिकायत थाने में करेंगे। इसके बाद पापा बहुत परेशान रहने लगे थे। हम शिकायत लेकर पीलीभीत पुलिस अधीक्षक के कार्यालय गए। उन्हें भी पत्र दिया।"

आरोप है कि लगातार फोन करने और धमकी देने से पीड़िता के पिता परेशान हो गए। 17 मई को सुबह 9 बजे घर से थाने से जुड़े कागज लेकर निकले, लेकिन थाने नहीं पहुंचे। अमरिया के ही एक दुकान पर रस्सी ली। दिनभर इधर-उधर घूमते रहे। फोन स्विच ऑफ कर लिया। किसान की पत्नी भी आरोपियों द्वारा फोन पर धमकाए जाने की बात की गवाही दे रही है।

जानकारी के मुताबिक शाम करीब 4 बजे घर से 4 किलोमीटर दूर एक पेड़ पर किसान ने फांसी लगा ली। आस-पास के लोगों ने देखा, तो पुलिस को बताया। पुलिस पहुंची और शव को कब्जे में लेकर हॉस्पिटल ले गई। पुलिस ने फोन जैसे ही ऑन किया, पीड़िता के फुफेरे भाई का कॉल आया। उसने बात करने की कोशिश की। इस पर पुलिस ने कहा, "आपके फूफा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आप हॉस्पिटल आइए।" इसके बाद तो पीड़ित पक्ष के घर कोहराम मच गया।

आत्महत्या के बाद पुलिस हरकत में आ गई। उसने तुरंत गांव के तीनों आरोपी युवकों के खिलाफ मामला दर्ज किया, लेकिन आरोपी के मामा को शामिल नहीं किया गया। जहानाबाद क्षेत्राधिकारी प्रतीक दहिया ने थाना प्रभारी मुकेश शुक्ला को सस्पेंड कर दिया। पीड़िता का बयान दर्ज हुआ और उसके बाद राहुल व एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। दो आरोपी युवक फरार हैं।

इस मामले में द मूकनायक को अधिकारी प्रतीक दहिया बताया कि हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है। इस मामले में जिस किसी भी व्यक्ति की भूमिका पाई जाएगी उसका नाम सम्मिलित किया जाएगा। बात आरोपी आरक्षी की भूमिका की है तो इस मामले में जांच की जा रही है।

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