राजस्थान: आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से दलित परिवार में दहशत, सामाजिक बहिष्कार से दलित परिवारों का जीना हुआ दुश्वार

राजस्थान: आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से दलित परिवार में दहशत, सामाजिक बहिष्कार से दलित परिवारों का जीना हुआ दुश्वार

जयपुर। राजस्थान के झालावाड़ जिले के जावर थाना क्षेत्र के जतावा गांव में रहने वाले दलित समाज के लोग पुलिस अफसरों से न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं। इन्हें उम्मीद है कि न्याय मिलेगा। अफसर जांच जारी होने की बात कहकर पीड़ितों को तसल्ली तो दे रहे हैं, लेकिन 10 दिन बाद भी 35 नामजद आरोपियों में से एक भी आरोपी गिरफ्तार नही हुआ। ऐसे में अब धीरे-धीरे पीड़ितों की न्याय की उम्मीद भी टूटने लगी है।

गुड्डी बाई बैरवा। जतावा गांव की दलित महिला [Photo- Abdul Mahir, The Mooknayak]
गुड्डी बाई बैरवा। जतावा गांव की दलित महिला [Photo- Abdul Mahir, The Mooknayak]

स्थानीय निवासी गुड्डी बाई बैरवा कहती हैं कि, "गांव में सर्वसमाज के नाम पर आरोपियों के पक्ष में बैठके हो रही हैं। इन बैठकों में दलितों के बहिष्कार के फरमान सुनाए जा रहे हैं। पुलिस व प्रशाशन भी जानता है कि यहां दलितों का सामाजिक बहिष्कार हो रहा है। यहां के लोग हमसे एतराज कर रहे हैं। आरोपी शराब पीकर महिलाओं से अभद्रता भी कर रहे हैं। हम दलितों को ही अलग कर रखा है। हमसे छुआछूत कर रहे हैं। आरोपियों से पीने का पानी खरीद कर पीते थे। अब हमारे पाइपों को काट दिया है। हमे किसी से बोलने भी नही दे रहे हैं। किसी सवर्ण से हमारा व्यवहार है तो भी उनसे बोलने पर पाबंदी लगादी गई है। हम कानून से मांग करते हैं कि हमे न्याय मिले।"

इसी गांव की दलित महिला रामप्यारी बाई बताती हैं कि, "गांव के लोग हमें परेशान कर रहे हैं। हम बाहर निकलते हैं तो आरोपी जाति शूचक शब्दो से फब्तियां कसते हैं। दलित महिलाओं का घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है।"

चंपालाल ने द मूकनायक को बताया कि, आज भी हमारा सामाजिक बहिष्कार हो रहा है। बैरवा समाज के अलावा दूसरे समाज के लोग हमें कोई सामान नही दे रहे हैं। पहले हम गांव के ही सवर्ण जाति के लोगो के ट्रैक्टरों से खेतों की हंकाई जुताई करवाते थे, लेकिन इस बार हमें ट्रेक्टर भी किराए पर नही दिए गए। दूसरे गांव के ट्रैक्टरों से खेतों की जुताई करवाई है। उन्हें भी आरोपियों ने काफी परेशान किया है। चंपालाल कहते हैं कि, "आरोपी खुलेआम घूम कर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। पुलिस अभी भी जांच करने की बात कह रही है।"

क्या था पूरा मामला?

पूर्वी राजस्थान के झालावाड़ के जावर थाना इलाके के जतावा गांव में एक जाति विशेष के लोगों ने दलितों का हुक्का पानी बन्द कर रखा है। यहां दलितों के साथ बोल-चाल व लेनदेन पर भी पाबन्दी है। उन्हें किराने की दुकानों तक से सामान नही दिया जा रहा। यहां के निवासी चंपालाल बताते हैं कि, पुलिस भी आरोपियों को गिरफ्तार नही कर रही है। इस संबंध में पीड़ित दलितो ने सामूहिक रूप से 18 अक्टूबर को पुलिस उपाधीक्षक मनोहर थाना को लिखित शिकायत दी थी। 19 अक्टूबर को 35 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कर जांच पुलिस उपाधीक्षक मनोहरथाना कैलाश चंद को सौपी गई। तब से पुलिस जांच ही चल रही है।

ऐसे शुरू हुआ विवाद

दलित समाज के लोग बताते हैं कि 31 अगस्त से पहले तक लोधा समाज की सर्वाधिक आबादी वाले जतावा गांव में दलितो को 'हेय' दृष्टि से देखा जाता था, लेकिन पूरी तरह समाजिक बहिष्कार नही किया था।

31 अगस्त को बैरवा समाज के लोग चार भुजा नाथ मंदिर के नाम से जानी जाने वाली भूमि पर बाबा रामदेव का जागरण कर रहे थे। जागरण में भोजन भी बनाया जाना था। सभी तैयारी पूरी हो चुकी थी। दलितों के मंदिर के नाम से जानी जाने वाली जमीन में दलितो के द्वारा जागरण करने की बात स्व घोषित ऊंची जाति के लोगो को हजम नही हुई। लोधा समाज के कुछ लोग झुण्ड बनाकर पहुंचे। झुंड में शामिल लोगों ने दलितो को मंदिर की जमीन में जागरण करने व भोजन बनाने से रोक दिया। जावर पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार लोधा समाज के लोगों ने जाति शूचक शब्दों से अपमानित कर दलितों को भगा दिया। बाद में कुछ लोगों की समझाईश पर उस दिन दलितों को उसी जगह जागरण करने की अनुमति दे दी गई। इसके बाद से दलितों के सामाजिक बहिष्कार की बात बढ़ गई। हालांकि, लगातार बढ़ते अत्याचारों से आहत होकर ही दलित समाज के लोगों ने 18 अक्टूबर को पुलिस में शिकायत की। इससे पहले तक सब जुल्म सहते रहे।

जतावा की दलित महिलाएं और पुरुष सरकार से न्याय की गुहार लगाते हुए [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]
जतावा की दलित महिलाएं और पुरुष सरकार से न्याय की गुहार लगाते हुए [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]

यह आरोप लगाए गए

जावर थाने के जतावा निवासी वीरम लाल, राम दयाल, मथुरा लाल चंपा लाल बैरवा, राधेश्याम व हीरालाल ने 18 अक्टूबर को मनोहर थाना पुलिस उपाधीक्षक को एक लिखित शिकायत में बताया कि, "प्रार्थी झालावाड़ जिले के जावर थाना इलाके के जतावा गांव के रहने वाले हैं। जतावा में दलित परिवारों की 10 – 15 घरों की आबादी है। आरोपी लोधा समाज के बहुसंख्यक होने से दलितों को डरा धमका कर रखना चाहते हैं। बेवजह परेशान करते हैं। गत 31 अगस्त को प्रार्थीगण ने जतावा में बाबा रामदेव का जागरण करवाया था। प्रार्थीगण गांव के चार भुजानाथ मंदिर के नाम से जानी जाने वाली भूमि में बाबा रामदेव का जागरण करना चाहते थे। लोधा समाज के आरोपियों ने जागरण करने से रोक दिया। जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते हुए कहा कि 'तुम्हारी इतनी हिम्मत की मंदिर की जगह में जागरण करोगे'। मौके से दलित परिवारों को गाली गलौच कर भगा दिया। उस दिन पीड़ितों ने हाथ जोड़ कर जैसे-तैसे जागरण पूरा किया। वहां रसोई भी बनाई गई। इसके बाद आरोपियों ने गांव में लोधा समाज की बैठक बुलाकर दलित परिवारों से किसी प्रकार की लेनदेन या बोल चाल रखने पर जुर्माना लगाने का निर्णय लिया। दलितों से सम्पर्क करने या लेनदेन करने पर लोधा समाज के लोगो पर आर्थिक रूप से पांच हजार रुपये का दंड लगाने व जुर्माना राशि नही देने पर जाति से बाहर करने की बात भी कही गई। आरोपी असमाजिक तत्वों ने दलित समाज के लोगों का हुक्का पानी बन्द कर दिया है। किराने की सामग्री तक नही दी जा रही है। फसलों की कटाई-जुताई का समय आ गया है। हमारे दलितों के खेतो की हकाई जुताई नही हो रही है। बाहर से ट्रैक्टर या कृषि यंत्र लाते हैं तो आरोपी उनके साथ गाली गलौच कर भगा देते हैं। दलितों की जमीन पड़त रहने की आशंका है। भूखे मरने की नौबत आ गई है। डरा धमका कर दलितों की जमीनों की खुदवाई की जा रही है। आरोपी दलितों की जमीनों पर जबरदस्ती कब्जा करना चाहते है।"

यह बोले पुलिस अधिकारी

झालावाड़ जिले के जावर थानान्तर्गत जतावा गांव में दलित उत्पीड़न की घटना की जांच कर रहे पुलिस उपाधीक्षक मनोहर थाना कैलाश चंद ने द मूकनायक को बताया कि अभी तक कोई गिरफ्तारी नही हुई है। जांच कर रहे हैं। क्या जतावा में दलितों का सामाजिक बहिष्कार कर प्रताड़ित किया जा रहा है? इस सवाल पर जांच अधिकारी एवं सीओ मनोहरथाना कैलाशचंद ने कहा कि, "पुलिस इसकी जांच कर रही है। जांच पूरी तरह गोपनीय है। जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।"

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