निघासन कांडः दो आरोपियों को आजीवन कारावास, दो को मिली 6-6 साल की सजा

निघासन में दो सगी बहनों से दुष्कर्म के बाद उनकी हत्या करने के दोषी छोटू उर्फ सुनील और जुनैद को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, जबकि दो दोषी आरिफ और करीमुद्दीन को छह-छह साल की सजा सुनाई गई है।
निघासन कांडः दो आरोपियों को आजीवन कारावास, दो को मिली 6-6 साल की सजा

लखनऊ. लखीमपुर खीरी के निघासन कांड के चारो दोषियों की सजा पर सोमवार को फैसला आ गया। अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के दोषी छोटू उर्फ सुनील और जुनैद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर 46-46 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। जबकि आरिफ और करीमुद्दीन को छह-छह साल की सजा सुनाई गई है। इन दोनों पर पांच-पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।

यूपी के लखीमपुर खीरी जिले के निघासन थाना क्षेत्र में दो दलित लड़कियों (सगी बहनें) से रेप के बाद उनकी हत्या के मामले में एडीजे कोर्ट ने गत शुक्रवार को ही चार आरोपियों को दोषी माना था। वहीं 14 अगस्त को सजा सुनाने की बात कही थी। अभियोजन की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक बृजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि मामले में लगभग 10 महीने फास्ट ट्रैक कोर्ट में चले मुकदमें में 43 गवाहों को सुनने और 15 का परीक्षण कराने के बाद कोर्ट ने चार आरोपियों के आरोप तय कर सजा सुनाई है।

जेल में गुजारेंगे सारा जीवन

लोक अभियोजक ने बताया कि सबूतों को अदालत में क्रमबद्ध ढंग से पेश किया किया था, जिससे आरोपियों को सजा दिलाने में सफलता मिली। आजीवन कारावास की सजा पाए आरोपी अपना प्राकृतिक जीवन जेल में गुजारेंगे। कोर्ट द्वारा दोषियों पर लगाए गए अर्थदण्ड से 50 हजार रुपए की राशि पीड़ित परिवार को दी जाएगी। इधर, पीडि़त परिवार को अभी तक 16 लाख की मदद दी जा चुकी है।

जानिए क्या है पूरा मामला

यूपी के लखीमपुर जिले के निघासन कोतवाली इलाके के एक गांव में 14 सितंबर 2022 को दोपहर बाद करीब तीन बजे दो नाबालिग बहनों को कुछ लोग अगवा कर ले गए थे। इन दोनों बहनों के शव अजय सिंह के गन्ने के खेत की मेड़ पर लगे एक पेड़ के पास मिले थे। लड़कियों की मां ने पुलिस में दर्ज कराई एफआईआर में गांव के एक युवक सुनील उर्फ छोटू सहित अज्ञात पर 323, 452, 376 और 302 आईपीसी के तहत मुकदमा लिखवाया था। दो सगी बहनों की निर्मम हत्या से सियासी भूचाल उठा तो योगी सरकार ने आनन-फानन में एक एसआईटी गठित कर दी। एसआईटी ने घटना के अगले दिन ही हत्या व रेप के मामले में नामजद सुनील उर्फ छोटू सहित पांच लड़कों को गिरफ्तार कर लिया था। इनमें से मुख्य आरोपी जुनैद को पुलिस ने एक एनकाउंटर में गिरफ्तार किया। एसआईटी ने मामले की तफ्तीश शुरू की और जांच के बाद मामले में धारा बढ़ा दी। इसके साथ ही एससी/एसटी एक्ट भी लगा दिया गया। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने 15 दिनों के अंदर अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था।

पुलिस ने अदालत में 43 गवाहों की लिस्ट सौंपी थी, जिसमें युवती के माता-पिता, पुलिसकर्मी और शवों का पोस्टमार्टम करने वाला डाक्टरों का पैनल सहित गांव के अन्य सदस्य शामिल है। इसमें से 15 का परीक्षण कराया गया। लोक अभियोजक ब्रजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि अभियोजन ने साइंटिफिक जांच रिपोर्टों, गवाहों और पुलिस अफसरों को भी गवाहों के रूप में अदालत में पेश किया था।

पीड़ित पक्ष की तरफ से किए गए अतिरिक्त अधिवक्ता शरद प्रसाद ने बताया कि वारदात में पुलिस ने 6 लोगों को आरोपी बनाया था। इसमें सुनील उर्फ छोटू के पड़ोसी गांव के जुनैद, आरिफ और करीमुद्दीन भी आरोपी बनाए गए। आरोप है कि जुनैद और उसके दो साथियों ने अगवाकर पहले गन्ने के खेत में लड़कियों से रेप किया। फिर गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद साक्ष्य मिटाने के लिए दो और साथियों आरिफ और करीमुद्दीन को बुलाया। इनमें कोर्ट में परीक्षण के दौरान दो आरोपी नाबालिग निकले। एक 16 साल से कम और एक 16 से 18 साल के बीच का निकला। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अदालत ने इन दोनों आरोपियों को जुवेनाइल कोर्ट और चिल्ड्रन कोर्ट भेज दिया। कोर्ट में बचाव पक्ष की तरफ से वकील सुरेश कुमार सिंह मुन्ना, वकार अहमद और फिरोज खान ने अपनी दलीलें बचाव में रखी थीं।

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