एमपी: दलित महिलाओं के नलकूपों से पानी लेने पर रोक के मामले में, जानिए क्या हुई कार्रवाई ?

सीहोर एसडीएम तनमय वर्मा ने द मूकनायक से बताया कि मुस्करा गाँव की महिलाओं के लिखित शिकायत की निराकरण के लिए कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया था। शिकायत के मुताबिक महिलाओं ने जातिगत भेदभाव के कारण नलकूपों से पानी नहीं भरने देने का आरोप लगाया था।
पानी की समस्या को लेकर महिलाएं  कलेक्ट्रेट पहुंची थीं.
पानी की समस्या को लेकर महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंची थीं.अंकित पचौरी.

भोपाल। मध्य प्रदेश के सिहोर जिले में नलकूपों से दलित महिलाओं को पानी नहीं भरने देने के मामले में प्रशासन की जांच जारी है। तहसीलदार की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि जिन नलकूपों को लेकर विवाद हुआ वह निजी भूमि पर बने हुए हैं। फिलहाल, प्रशासन इस मामले में जांच कर रहा है।

सीहोर एसडीएम तनमय वर्मा ने द मूकनायक से बताया कि मुस्करा गाँव की महिलाओं के लिखित शिकायत की निराकरण के लिए कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया था। शिकायत के मुताबिक, महिलाओं ने जातिगत भेदभाव के कारण नलकूपों से पानी नहीं भरने देने का आरोप लगाया था।

हमने इस मामले की जांच करने के लिए नायब तहसीलदार सिद्धान्त सिंह सहित आरआई पटवारी की एक टीम को मौके पर भेजा था। जिनकी प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि गाँव में पानी की किल्लत है। नल-जल योजना का कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण महिलाएं गाँव के निजी लोगों के घरों और खेतों पर लगे नलकूपों से पानी भरती हैं। लेकिन पानी की किल्लत के कारण निजी नलकूपों से पानी भरने पर भू-स्वामियों ने रोक लगा दी जिसके बाद महिलाएं कलेक्टर कार्यालय पहुँच गई।

एडसीएम ने कहा- "फिलहाल जांच की जा रही है, यदि महिलाओं के साथ जातिगत भेदभाव की कोई बात सामने आती है। तो निश्चित रूप से वैधानिक कार्यवाही करेंगे। अभी तक किसी पर कोई मामला पंजीबद्ध नहीं किया गया है।"

जानिए क्या है मामला ?

सीहोर जिले में पीने के पानी के संकट से जूझ रही मुस्करा गांव की परेशान महिलाएं मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंची। महिलाओं ने डिप्टी कलेक्टर वंदना राजपूत को शिकायती पत्र दिया था। दलित समाज की महिलाओं ने गांव के उच्च जाति के लोगों पर निजी नलकूपों से पीने का पानी नहीं भरने देने का आरोप लगाया। महिलाओं के द्वारा गांव के बाल्मिकी, मालवीय और कुम्हार मोहल्ले में हैंडपंप खनन कराने की मांग जिला प्रशासन से की।

मुस्करा ग्राम पंचायत से पहुंची महिलाओं ने डिप्टी कलेक्टर वंदना राजपूत को दिए शिकायती पत्र में बताया कि सरपंच सचिव पानी की समस्या के समाधान के लिए कुछ भी करने को तैयार नहीं हैं। गांव के बाल्मिकी मोहल्ला, मालवीय मोहल्ला और कुम्हार मोहल्ले में मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले 108 परिवार निवास करते हैं। पानी की टंकी का निर्माण कर दिया गया है, लेकिन अब तक घरों तक नलों के माध्यम से पानी नहीं पहुंचा है।

गांव के बड़े लोग दलित होने के कारण अपने निजी नलकूपों से पानी नहीं भरने देते हैं। पीने का पानी दूर से लाना पड़ रहा है। मवेशी को भी पानी नहीं पिला पा रहे हैं। सुलोचना, नंदी, सरिता, सारा, धनकुवर, ममता, राधाबाई, श्याम, कांताबाई, राजकुमार, गौरा, सुमित्रा और रीना सहित अन्य महिलाओं ने पानी की समस्या के निराकरण कराने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची थीं।

पानी की समस्या को लेकर महिलाएं  कलेक्ट्रेट पहुंची थीं.
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