मध्य प्रदेश: गुना में जातिवादियों ने दलित परिवार को श्मशान घाट के चबूतरे पर अंतिम संस्कार से रोका, 3 गिरफ्तार

दलित परिवार को श्मशान घाट के चबूतरे पर अंतिम संस्कार से रोका गया / फोटो साभार - @SurajKrBauddh
दलित परिवार को श्मशान घाट के चबूतरे पर अंतिम संस्कार से रोका गया / फोटो साभार - @SurajKrBauddh

मध्य प्रदेश। राजस्थान के बाद अब मध्य प्रदेश ऐसे राज्य के रूप में आगे चल रहा हैं जहां से लगातार दलित उत्पीड़न, महिलाओं के साथ बर्बरता, आदिवासियों पर अत्याचार की खबरें आने लगीं हैं। ताज़ा मामला मध्य प्रदेश के गुना क्षेत्र का हैं जहां एक दलित परिजन के शव को अंतिम संस्कार के लिए भी भेदभाव का सामना करना पड़ा। दलित परिजनों का आरोप है कि, शव का अंतिम संस्कार श्मशान में बने चबूतरे पर करने से रोक दिया गया। हालांकि, मामले की शिकायत के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

क्या है पूरा मामला?

मध्य प्रदेश के गुना जिले के कुंभराज थाना क्षेत्र के चांदपुरा गांव का बताया जाने वाला घटनाक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद हरकत में आई पुलिस ने मामले का खुलासा किया। इस वायरल वीडियो में एक व्यक्ति कह रहा है कि "दलित परिवार को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट के मंच का उपयोग करने की अनुमति नहीं है।"

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कुभंराज थाना प्रभारी ने बताया कि चांदपुरा गांव में रहने वाले कन्हैया अहिरवार (70) की शुक्रवार को मौत हो गई थी, जिसकी शवयात्रा लेकर अंतिम संस्कार करने परिजन श्मशान घाट पहुंचे थे। लेकिन गांव के तीन लोगों ने कथित तौर पर परिजनों को श्मशान घाट में बने चबूतरे का इस्तेमाल करने से रोक दिया। उन्होंने कहा कि परिवार ने श्मशान के मंच के पास एक भूमि पर शव का अंतिम संस्कार किया। वहीं, मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची।

मिशन अंबेडकर के फाउंडर व दलित एक्टिविस्ट सूरज कुमार बौद्ध ने उक्त घटना से संबंधित एक वीडिओ भी ट्वीट किया है।

सूरज के वीडिओ को कोट करते हुए दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने ट्वीट में लिखा, "मुझे लगता है कि अब भारत सरकार को इस तरह के मामले माननीय सर्वोच्च न्यायालय को विचार हेतु भेजने चाहिए कि हमारे दलित, पिछड़े व आदिवासी समाज के लोग अपने ही देश में आखिर जानवर से बदत्तर जीवन जीने व मरने के बाद भी जातीय उत्पीड़न के शिकार क्यों है? हम इन्सान भी हैं या नहीं"?

Tribal Army के फाउंडर हंसराज मीना लिखते हैं, "मध्यप्रदेश के गुना जिलें में दबंगों द्वारा शासकीय श्मशान घाट पर दलित के शव को जलने से रोकने की घटना 21वीं सदी के भारत के लिए शर्मनाक है। मुख्यमंत्री @ChouhanShivraj जी, क्या इन दबंगों के घरों पर बुलडोजर चलेगा?"

मामले में तीन गिरफ्तार

मामले में थानाप्रभारी ने कहा कि, घटना से संबंधित लोगों में — पुलिस ने नारायण सिंह मीणा, रामभरोसे मीणा और दिलीप मीणा के रूप में पहचाने गए तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है। उन्होंने बताया कि, आरोपियों को शनिवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।

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