राजस्थान: बुजुर्ग दलित गायक कलाकार से जूते सिर पर रखवाकर माफी मंगवाई!

दलित समाज में आक्रोश, वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने दर्ज किया मामला
राजस्थान: बुजुर्ग दलित गायक कलाकार से जूते सिर पर रखवाकर माफी मंगवाई!

राजस्थान। चित्तौड़गढ़ जिले से मानवता को शर्मशार करने वाली खबर है। जिले के परसोली थाना इलाके के दुगार गांव में दलित भजन गायक कलाकार के सिर पर जूतियों की गठरी रख कर सार्वजनिक मंच पर माफी मंगवाने का मामला सामने आया है। बुजुर्ग भजन गायक कलाकार पर आरोप है कि उसने बगड़ावत गायन के दौरान गुर्जर समाज की देवी साडू माता का अपमान किया है। घटना 16 सितंबर की बताई गई है।

घटना के बाद से ही पीडि़त परिवार व गांव में बसे दलित डरे हुए हैं। कुछ लोग दलितों को फोन कर जान से मारने की धमकी तक दे रहे हैं। धमकाने के ऑडियो भी वायरल है। बुजुर्ग दलित भजन गायक कलाकार के साथ हुई बर्बरता का वीडियो वायरल होने के बाद दलित संगठनों में आक्रोश है। घटना के विरोध में भारतीय दलित साहित्य अकादमी के बैनर तले विभिन्न दलित संगठनों ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप कर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। सामाजिक संगठनों के विरोध के बाद पुलिस ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर बयान लिए है। हालांकि अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी की नहीं हुई है।

मेघवाल महासभा जिलाध्यक्ष शंकर लाल मेघवाल बिलड़ी ने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले के बेगू उपखण्ड के दुगार ग्राम में डालचन्द सालवी उम्रदराज व्यक्ति है। गांव-गांव घूम कर बगड़ावत गीत गाने का काम करते है। गत 16 सितम्बर को दुगार एवं आस-पास के गांवों के असामाजिक तत्वों ने भजन गायक कलाकार पर बगड़ावत गीत में साडू माता का अपमान करने का आरोप लगा डरा धमकाकर कर माफी मांगने के लिए विवश किया। इस दौरान गायक कलाकार के सिर पर जूतों की गठरी रख कर हाथ जोड़ कर माफी मंगवाई गई। यह अमानवीय घटना है। आरोपियों ने घटना का वीडियो भी वायरल किया है। इस तरह की घटनाएं मानवता को शर्मसार करने वाली है। इस घटना के बाद से ही दलित संगठनों में आक्रोश है।

भारतीय दलित साहित्य अकादमी के संरक्षक निर्मल देसाई ने कहा कि यह घटना जातीय मानसिकता के बढ़ते अपराधों की ओर इशारा करती है। जिस गीत पर गुर्जर समाज के लोगों ने आपत्ति जताई है। मैंने नहीं सुना है। गीत के बोल से यदि आपकी लोक मान्यताओं को आघात पहुंचा है तो आप कानूनी कार्रवाई कर सकते थे। वो बुजुर्ग भजन गायक कलाकार है। जिन्हें आपने केवल दलित होने के कारण अपमानित किया है। निमर्ल देसाई कहते हैं कि इस घटना के विरोध में हमने पुलिस अधीक्षक को हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सौंपा है। पुलिस से वायरल वीडियो में नजर आ रहे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

अखिल भारतीय सालवी सूत्रकार महासभा संरक्षक मदरन सालवी ने कहा कि चित्तौड़गढ़ जिले के पारसोली थानान्तर्गत दुगार गांव में एक बुजुर्ग व्यक्ति डालचन्द बलाई बगड़ावत भजन गायक कलाकार को गांव के बीच में खड़ा कर सिर पर जूते रखवा कर सरेआम खाफ पंचायत के फैसले के तहत माफी मंगवाई गई। यह घटना लोकतंत्र में अतिनिन्दनीय है। सामन्तवाद को बढ़ावा देने वाली है। इस घटना को लेकर दलित संगठनों ने राज्य के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक एवं मानवाधिकार आयोग तथा जिला कलेक्टर को भी पत्र लिखे हैं।

इस दौरान अम्बेडकर विचार मंच संस्थान के संस्थापक एवं संयोजक छगनलाल चांवला, बामसेफ के राष्ट्रीय पदाधिकारी रामावतार मीणा, सीताराम मीणा प्रतापगढ़, गौरव जाटव छोटीसादड़ी, अशोक मीणा बडीसादड़ी, शंकरलाल मीणा प्रतापगढ़, विनोद मीणा बड़ीसादड़ी, गोविन्द मीणा बड़ीसादड़ी, भैरूलाल बैरवा चित्तौड़गढ़ तथा भैरूलाल मीणा मुरोली, गंगाराम मेघवाल चितौड़गढ़, शांतिलाल मेघवाल, वृद्वि चन्द मेघवाल, नानालाल रैगर सहित दर्जनों दलित संगठनों से लोग मौजूद रहे।

चित्तौडगढ़ पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने इस घटना में संबंधित पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया है। घटना की जांच बेगू पुलिस उपाधीक्षक को सौंपी गई है। द मूकनायक ने बैगू पुलिस उपाधीक्षक अनुपम मिश्रा से सम्पर्क करने का प्रयास किया, लेकिन सम्पर्क नहीं हो सका।

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