राजस्थान/पाली। मूंछ रखना मर्दों की शान माना जाता है लेकिन यदि इन्हीं मूंछों के कारण किसी की जान ले ली जाए तो इसे आप क्या कहेंगे? राजस्थान के पाली जिले के बारवा में एक दलित युवक की सिर्फ इसलिए चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई क्योंकि उसने तनी हुईं मूंछें रखी हुई थी।
क्या था पूरा मामला?
राजस्थान के पाली जिले के बाली थाना क्षेत्र में 15 मार्च को जितेंद्रपाल मेघवाल नाम के दलित युवक की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। क्योंकि जितेन्द्र शुरु से ही अपनी मूंछों का शौकीन था। जितेंद्र के परिजनों के अनुसार, गांव के ही सवर्ण जाति के लोग उसकी मूछों को पसंद नहीं करते थे, इसलिए जितेन्द्रपाल की हत्या कर दी। हालांकि, राजस्थान पुलिस का दावा है कि हत्या मूछों की वजह से नहीं बल्कि पुरानी रंजिश की वजह से हुई। 2020 में जितेंद्र ने अपने साथ मारपीट को लेकर अभियुक्तों के खिलाफ केस भी दर्ज कराया था।
जितेन्द्र की मां ने बताई हत्या की वजह
मामले की ग्राउंड रिपोर्ट के लिए द मूकनायक राजस्थान में पाली के बारवा जितेन्द्रपाल मेघवाल के घर पहुचा। जितेन्द्रपाल की मां द मूकनायक को रोती-बिलखती हुई बताती हैं कि, वह मूछों को लेकर बहुत शौकीन था। मूछों को लेकर उसकी हत्या की है।
वह द मूकनायक के माध्यम से हाथ जोड़कर निवेदन कर करती कि, "मेरे बेटे को इंसाफ दिलवाएं, मेरे बेटे को मारने वालों को फांसी की सजा दो।"
वह आगे बताते हैं कि, "पुलिस बाहर बैठी हुई है और पता नहीं कितने दिन बैठी रहेगी। मुझे डर लगता है बेटी को बाहर भेजने में, वो लोग (आरोपी) कुछ भी कर सकते हैं। मैं एक लाचार मां हूं, मेरे बेटे की ख्वाहिश थी इसलिए पढ़ने के लिए उसे बाहर भेजा, वह बहुत सीधा था। पीछे से उसपर वार किया गया, मुझे न्याय चाहिए मैं लाचार मां आप लोगों से हाथ जोड़ रही हूं।"
जितेंद्र पाल की मां के साथ द मूकनायक की बातचीत का वीडिओ–
जितेन्द्र मेघवाल की बहनों के टूटे अरमान
द मूकनायक को जितेन्द्र मेघवाल की बहन भावना मेघवाल बताती है कि, मेरा भाई बचपन से लेकर बड़े होने तक मम्मी पापा व सबका ख्याल रखता था। वह दिल से बहुत अच्छा था। मेरे भाई ने मम्मी और पापा को किसी चीज की कमी होने नहीं दी।
"वह बचपन से नये-नये कपड़ों, स्टाइलिस का शौकिन था। मेरे भाई व मेरे परिवार को इंसाफ चाहिए। जिसने भी मेरे भाई को तड़पाया उन्हें भी तड़पाया जाए, मेरे व मेरे परिवार को इंसाफ चाहिए।" बहन बताते हुए रो पड़ती है।
वहीं द मूकनायक को दिव्या बताती हैं कि, मेरा भाई हम बहनों का बहुत ख्याल रखता था। जी-जान से ज्यादा हमें चाहता था। पढाई को लेकर मेरा भाई हमें बहुत गाइड करता था।
दिव्या बताती है कि, मैं जब बीएड करने जोधपुर गई, मेरा भाई मेरे साथ था। मुझे कोचिंग क्लास के लिए जोधपुर भेजा, वहां मुझे गाइड किया। हमेशा मेरा भाई मेरे साथ रहता था।
"भाई का सपना था कि हम बहनें शक्षिका (टिचर) बने। मेरे भाई के कोचिंग क्लास शुरू कराने के सात दिन बाद हम को पता चला कि मेरे भाई की किसी ने हत्या कर दी," बताते हुए दिव्या रोना शुरू कर देती हैं। दिव्या बताती है कि हम बहनों का, मम्मी-पापा का और पूरे गांव के लोग चाहते हैं कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।
बहनों के साथ द मूकनायक की बातचीत–
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