कर्नाटक: भगवान राम पर गलत पोस्ट का आरोप लगाते हुए दलित युवक की पिटाई, चार युवक गिरफ्तार

आरोप है कि पीड़ित दलित छात्र के साथ मारपीट की गयी और जय श्री राम का नारा लगाने के लिए मजबूर किया गया।
पिटाई
पिटाईसांकेतिक तस्वीर

कर्नाटक। अयोध्या में राम मंदिर के भव्य उद्घाटन के दिन ही बीदर जिले में दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के एक समूह ने 12वीं कक्षा के एक 17 वर्षीय दलित लड़के के साथ कथित तौर पर मारपीट की और उसे 'जय श्री राम' बोलने के लिए मजबूर किया। छात्र ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि आरोपी युवकों ने भगवान राम के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट को लेकर पिटाई की है। छात्र का कहना है उसने ऐसा कुछ भी अभद्र या गलत पोस्ट नहीं किया है। वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने युवकों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर चार लोगों को गिरफ्तार किया है।

कर्नाटक के बीदर जिले की हुमनाबाद पुलिस ने द मूकनायक से मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि यह घटना सोमवार, 22 जनवरी को हुमनाबाद के एक हनुमान मंदिर में हुई थी। इस मामले में मुकदमा भी दर्ज किया गया है। द मूकनायक के पास मौजूद एफआईआर के मुताबिक, हुमनाबाद के एक पीयू कॉलेज में पढ़ने वाले लड़के ने एक व्हाट्सएप स्टेटस डाला था, जिसमें डॉ. बीआर अंबेडकर, भगवान राम और भगवान हनुमान की तस्वीरें थीं।

छात्र ने बताया, "जब मैं कॉलेज से वापस आ रहा था, तो उन्होंने मुझे रोका और कहा कि मैंने भगवान राम और भगवान हनुमान का अपमान करने वाला एक स्टेटस पोस्ट किया है। जब मैंने उन्हें बताया कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है, तो उन्होंने मुझे पकड़ लिया और एक ऑटोरिक्शा के अंदर बैठा दिया।"

शिकायत में कहा गया है, "फिर, वे मुझे कुल्लूर पुल के पास हनुमान मंदिर में ले गए, मेरे साथ मारपीट की और मुझे जय श्री राम का नारा लगाने के लिए मजबूर किया। वे मुझे मंदिर के अंदर ले गए और मुझसे माफी मांगने को कहा।" प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के अनुसार आरोपियों की पहचान अभिषेक, रितेश रेड्डी, सुनील रेड्डी और अभिषेक तेलंग के रूप में की गई है।

पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें धारा 506 (आपराधिक धमकी), 341 (गलत तरीके से रोकना), 504 (जानबूझकर अपमान), और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), साथ ही प्रासंगिक के तहत मामला दर्ज किया गया है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धाराएं शामिल हैं।

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