गुजरात: आधुनिक भारत से दलित उत्पीड़न की चौंकाने वाली एक और खबर गुजरात से सामने आई है. जहां दलित दूल्हा घोड़ी चढ़ सके इसलिए बारात में सैकड़ों पुलिसवालों को शामिल होना पड़ा. अहमदाबाद शहर का है. दूल्हा पेशे से वकील है. उसने किसी अप्रिय घटना की आशंका जताते हुए बारात के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग की थी.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक, मामला बनासकांठा जिले के पालनपुर तहसील के गदलवाड़ा गांव का है. यहां 6 फरवरी को एक शादी में 145 पुलिसकर्मी शामिल हुए. दूल्हे का नाम मुकेश पारेचा है. उन्होंने 22 जनवरी को पुलिस अधीक्षक (SP) को पत्र लिखकर उनकी शादी में किसी अप्रिय घटना की आशंका जताई थी. साथ में पुलिस सुरक्षा की मांग की थी.
पारेचा ने SP को लिखे अपने पत्र में कहा, "हमारे गांव में, अनुसूचित जाति (SC) के लोगों ने कभी घुड़चढ़ी (शादी में घोड़ी पर बैठकर जाने वाली रस्म) नहीं की है. मैं घुड़चढ़ी करने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा. किसी अप्रिय घटना की संभावना को देखते हुए हमें पुलिस सुरक्षा दी जाए."
इसके बाद गांव में पुलिस की कड़ी निगरानी में घोड़े पर सवार होकर बारात निकाली गई. गढ़ पुलिस थाने के SHO के. एम. वसावा ने कहा, "हमने एक इंस्पेक्टर और तीन सब-इंस्पेक्टर सहित शादी के बंदोबस्त में 145 कर्मियों को तैनात किया था. बारात शांतिपूर्ण तरीके से निकाली गई."
मुकेश ने बताया कि हम एक-दो दिन में पत्थरबाजी को लेकर पुलिस को शिकायत देंगे. इस बीच, इंस्पेक्टर वसावा ने बताया कि कार्यक्रम की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का भी इस्तेमाल किया गया था. हमने फुटेज देखी लेकिन पत्थरबाजी जैसी कोई घटना नहीं हुई. बारात शांतिपूर्ण तरीके से निकाली गई. लेकिन जब दूल्हे ने पत्थर फेंके जाने का आरोप लगाया तो मैंने उनकी कार चलाई और उन्हें उस गांव तक छोड़ा, जहां शादी होनी थी.
दो हफ्ते पहले राजस्थान के अजमेर जिले से भी ऐसी ही ख़बर आई थी. यहां भी दलित परिवार से आने वाले दूल्हे की शादी में 75 पुलिसवाले शामिल हुए थे. उन्होंने भी शादी में किसी अनहोनी की आशंका जताई थी.
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