
हरियाणा के फतेहाबाद में एक विवाहित युवक को युवती से प्रेम करना भारी पड़ गया। सवर्ण जाति द्वारा सामाजिक बहिष्कार के बाद दो दलित परिवारों के सात सदस्यों को कथित तौर पर गांव छोड़कर जाना पड़ा। इस मामले में 18 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है।
जानिये क्या है पूरा मामला
हरियाणा के फतेहाबाद जांडवाला सॉटर गांव निवासी सोमबीर की शिकायत पर सदर थाने में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस को दी अपनी शिकायत में, सोमबीर ने कहा -" मैं और मेरा भाई मंगत राम शादीशुदा हैं और अलग-अलग घरों में रहते हैं। मंगत के दो बच्चे हैं,लेकिन कुछ साल पहले एक लड़की से प्रेम हो गया और वह उसके साथ रहने लगे। इस वजह से उनका (मंगत का) हमसे अनबन हो गई थी।
सोमबीर ने बताया -"लड़की के परिजनों ने उसके और मेरे खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई थी। बाद में ऊंची जाति के कुछ लोगों ने लड़की के परिजनों के साथ मिलकर पंचायत की। उन्होंने हमें अपना घर बहुत कम कीमत पर बेचने और गांव छोड़ने के लिए मजबूर किया। मैंने उनसे विनती की कि मेरी गलती नहीं है, लेकिन किसी ने मेरी बात नहीं सुनी।
पंचायत में दीं गईं जातिसूचक गालियां
जानकारी के मुताबिक 25 फरवरी को आरोपियों ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए फिर एक पंचायत की। इस पंचायत में आरोपियों ने जातिसूचक गालियां दीं। हमें गांव से पलायन करने के लिए मजबूर किया। दलित परिवार 26 फरवरी, 2023 को पास के नागपुर और अन्य गांवों में चले गए। वहीं मामला तब सामने आया जब पुलिस ने लड़की के पिता, गांव के सरपंच और नंबरदार सहित 18 लोगों के खिलाफ दो परिवारों को गांव छोड़ने के लिए मजबूर करने का आपराधिक मामला दर्ज किया। वहीं कुछ लोग दोनों परिवारों के सदस्यों को उनके घर में आग लगाकर जान से मारने की धमकी देने के भी आरोपी हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार ?
इस मामले में थाना प्रभारी का कहना है-"मामले में पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है।
पहले भी ऐसे मामले आ चुके हैं सामने
बीते 16 अगस्त 2022 को यूपी के गोंडा के नवाबगंज के इस्माइलपुर में प्रेमी-प्रेमिका के कोर्ट मैरिज करने पर प्रधान के साथ कुछ लोगों ने मिलकर उन्हें गांव से बाहर जाने के फरमान सुनाया था। गांव के रहने वाले युवक बिसेन और खुशी पासवान के बीच काफी दिनों से प्रेम प्रसंग चल रहा था। 16 अगस्त 2022 को दोनों ने कोर्ट मैरिज (शादी) कर ली। यह शादी दोनों परिवारों के आपसी सहमति पर हुई थी। बात गांव के प्रधान के लोगों को नागवार गुजरी। इसके बाद प्रधान प्रतिनिधि ने बंदूक की नोक पर जिस घर में प्रेमी-प्रेमिका रह रहे थे। उसमें ताला लगवा दिया था।
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