गुजरातः दलित बुजुर्ग के शवदाह में क्यों लगे 17 घंटे, बुलानी पड़ी पुलिस?

दलितों के श्मशान में भर गया था बरसाती पानी, सवर्णों ने अपने श्मशान पर नहीं होने दिया अंतिम संस्कार, पुलिस की मौजूदगी में खुली जगह पर करना पड़ा शवदाह।
घटना की जानकारी देती मृतक वृद्ध के परिवार की महिलाएं।
घटना की जानकारी देती मृतक वृद्ध के परिवार की महिलाएं।The Mooknayak

गुजरात। वडोदरा जिले के पादरा तहसील के एक गांव में दलित बुजुर्ग की मौत के बाद शव की अंत्येष्टि करने में 17 घंटे लग गए। दरअसल, दलितों के लिए बनाए गए श्मशान में बरसाती पानी भर गया था। इसके कारण दलित समाज के लोग उच्च जाति के लोगों द्वारा अंतिम क्रिया के लिए इस्तेमाल किए जा रहे श्मशान पर अंत्येष्टि करना चाहते थे। दलितों ने इसके लिए उच्च जाति के लोगों से अनुमति भी मांगी, लेकिन बात नहीं बनी और विवाद हो गया। जानकारी के बाद पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। लगभग 17 घण्टे के बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया। वहीं अंत्येष्टि रोकने पर गांव के सरपंच सहित 13 लोगांे के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया।

जानिए क्या है पूरा मामला ?

गुजरात में वडोदरा जिले की पादरा तहसील में गमेठा गांव है। इस गांव में रहने वाले कंचनभाई वानकर (65) की गत 30 जुलाई को लंबी बीमारी के कारण मौत हो गई थी। परिजनों ने अंतिम यात्रा निकाली, जिसमें बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए। ग्रामीणों के मुताबिक दलितों के लिए आवंटित श्मशान की जमीन पर बारिश का पानी भर गया था। इस कारण उस स्थान पर शवदाह कर पाना मुश्किल था। इसलिए गांव के लोगों ने सबकी सहमति से उच्च जाति के लिए आवंटित जगह पर अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया था।

दाह संस्कार गांव के श्मशान से दूर एक खुली जगह पर करते दलित समाज के लोग.
दाह संस्कार गांव के श्मशान से दूर एक खुली जगह पर करते दलित समाज के लोग.The Mooknayak

गांव के एकमात्र श्मशान घाट पर पहुंचने के बाद अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही थी। इस दौरान गांव के कुछ उच्च जाति के लोगों ने अंतिम संस्कार रोक दिया। दलित समुदाय उच्च जाति से श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए अनुमति मांगी, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। इस बीच दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए। दलित समुदाय और ऊंची जातियों के बीच बड़ा विवाद खड़ा हो गया। सुबह दम तोड़ने वाले कंचनभाई के शव का देर शाम तक अंतिम संस्कार नहीं किया गया।

विवाद होने पर वडु पुलिस श्मशान घाट पहुंची और मामले को सुलझाने का प्रयास किया। आखिरकार, दलित समुदाय को मजबूरन मृतक कंचनभाई का दाह संस्कार गांव के श्मशान से दूर एक खुली जगह पर करना पड़ा। इस घटना से दलित समाज में आक्रोश है। समुदाय के लोग वडु पुलिस थाने पहुंचे और अंतिम संस्कार रोकने वाले 13 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

जानिए क्या कहते है पुलिस अफसर ?

इस मामले में एसपी वडोदरा रूरल ने द मूकनायक प्रतिनिधि को बताया- "श्मशान के लिए आवंटित भूमि पर पानी भर गया था तो उन्होंने दूसरे समाज के लोगों से बातचीत की। इसके बाद वे गांव के कॉमन श्मशान में अन्तिमक्रिया करना चाह रहे थे, जिसका विरोध हुआ। पुलिस भी वहां पहुंची थी। बाद में अन्य जगह अंतिम क्रिया हुई। मृतक के घर वाले थाने आए और उन्होंने अंतिम क्रिया का विरोध करने वालों के खिलाफ शिकायत की। जिस पर हमने 13 लोगों को हिरासत में लिया है।"

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