
मुंबई: आईआईटी मुंबई के छात्र दर्शन सोलंकी की कथित आत्महत्या की जांच कर रहे मुंबई पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा उसके रूममेट अरमान इकबाल खत्री को गत रविवार को गिरफ्तार किया गया। खत्री पर सोलंकी द्वारा की गई कथित सांप्रदायिक टिप्पणी के कारण क्षुब्ध होकर उसे आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है।
द मूकनायक से बात करते हुए एसआईटी प्रमुख लखमी गौतम ने गिरफ्तारी की पुष्टि की और कहा कि आरोपी 13 अप्रैल तक रिमांड पर है.उन्होंने बताया कि एसआईटी ने खत्री के खिलाफ आईपीसी की धारा 305, आईपीसी की धारा 306 और एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
इधर, दर्शन के पिता रमेश भाई सोलंकी अरमान की गिरफ्तारी से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने मामले की गहराई से जांच की मांग की है. रमेश भाई ने द मूकनायक से बातचीत में कहा, "अरमान इकबाल खत्री को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, लेकिन चूंकि दर्शन जातिगत भेदभाव से पीड़ित था। इसलिए प्रकरण का जातीय पहलू से भी अन्वेषण किया जाना आवश्यक है। " अपने जवान पुत्र की मौत के बाद अथाह वेदना से गुजर रहे रमेश ने ये भी कहा कि दर्शन की मौत के लिए केवल एक व्यक्ति जिम्मेदार नहीं हो सकता है, दूसरों की भी जांच की जानी चाहिए। जातीय कोण से मामले की व्यापक जांच के लिए ये बेबस पिता बार बार जोर देते हैं। दर्शन की मृत्यु के पीछे जातीय उत्पीड़न के नजरिये से जांच होने की दशा में मामला सुलझने में और समय लगने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि पुलिस द्वारा आरोपी अरमान खत्री की गिरफ्तारी के बाद मामले में जांच कुछ आगे बढ़ी है।
आत्महत्या : उत्पीड़न या खराब अकादमिक प्रदर्शन ?
दर्शन सोलंकी ने कथित तौर पर 12 फरवरी को अपने छात्रावास की इमारत की सातवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या के कारणों को जानने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने अगले दिन एक समिति का गठन किया। समिति का नेतृत्व रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर नंद किशोर कर रहे थे और इसमें 12 सदस्य शामिल थे। समिति के पांच सदस्य दलित और आदिवासी समुदायों से थे, जिनमें तीन संकाय सदस्य और दो छात्र शामिल थे। जांच के दौरान 79 लोगों ने समिति के समक्ष गवाही दी।
हालांकि कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट की कटु आलोचना हुई आईआईटी मुंबई के अंबेडकर पेरियार स्टडी सर्कल जैसे विभिन्न छात्र संगठनों ने रिपोर्ट की आलोचना की . रिपोर्ट में "बिगड़ते शैक्षणिक प्रदर्शन" को सोलंकी की आत्महत्या का संभावित कारण बताया गया है। हालांकि रिपोर्ट में इन बातों का कोई जिक्र नहीं था कि क्यों दर्शन जैसे प्रतिभाशाली छात्र का शैक्षणिक प्रदर्शन खराब हो रहा था या वह नियमित रूप से कक्षाएं क्यों छोड़ता था और अत्यधिक सोता था। आंतरिक समिति के निष्कर्ष विवादित रहे हैं और सोलंकी के पिता द्वारा अब जातीय कोणों से गहन जांच की मांग ने आंतरिक कमेटी की रिपोर्ट की प्रामाणिकता को और संदेहास्पद बना दिया है।
एसआईटी को सौंपी जांच
बढ़ती चिंताओं और आंतरिक समिति के विवादित निष्कर्षों के परिणामस्वरूप राज्य सरकार ने 27 फरवरी को संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) लखमी गौतम की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। एसआईटी दल में कृष्णकांत उपाध्याय और सहायक पुलिस आयुक्त जय प्रकाश भोसले शामिल है जो मामले की अधिक गहनता से जांच कर रहे हैं। अनुसंधान आगे बढ़ने के साथ, आने वाले दिनों में इस प्रकरण में अधिक जानकारी सामने आने की उम्मीद है।
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