
उत्तर प्रदेश। बरेली जिले के बहेड़ी में सितंबर माह में तीन दिन से लापता दलित युवक का शव गांव के नाले के पास पेड़ पर लटका मिला था। इस मामले में परिजन लगातार उसकी हत्या करने के बाद शव लटकाने की बात कह रहे थे। लेकिन पुलिस उसे आत्महत्या करार देने में जुटी रही। वहीं आत्महत्या के बाद आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा दिए। परिवार लगातार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या किये जाने की बात कहकर न्याय मांगता रहा लेकिन पुलिस पर आरोप है कि वह उसे आत्महत्या ही साबित करने में जुटी है।
यूपी के बरेली जिले के बहेड़ी क्षेत्र में राई नवादा गांव निवासी राजेन्द्र प्रसाद द मूकनायक को बताते हैं, "मेरा बेटा मुनीश गांव की लड़की मीरा पुत्री टीकाराम से प्रेम करता था। मीरा के परिजन कश्यप जाति से हैं। जबकि मैं अनुसूचित जाति से हूँ। इसलिए यह विवाह नहीं हो सकता था। यह सोचकर मेरा बेटा मुनीश, मीरा को लेकर कहीं चला गया था। गांव में पंचायत बुलाई गई। गांव के पंचों ने मेरे बेटे और मीरा के परिवार वालों से समझौता करा दिया था। मीरा के परिवार वाले मीरा को अपने साथ लेकर चले गये थे।"
राजेन्द्र आरोप लगाते हैं कि, "मेरे बेटे द्वारा मीरा को भगा ले जाना पसंद नही आया। वह मेरे बेटे और मेरे परिवार से रंजिश मानने लगे थे। यही कारण था कि मेरा बेटा 15 सितंबर 2023 को शाम 4 बजे गांव के बाहर घूमने गया और लापता हो गया। मैंने उसे रिश्तेदारों में काफी तलाश किया लेकिन मुनीश का कहीं पता नहीं चला।"
राजेंद्र आगे बताते हैं, "जब मेरा बेटा नहीं मिला तो मैंने 16 सितंबर 2023 को उसकी गुमशुदगी थाना बहेड़ी पर दर्ज करायी थी। मैं और मेरी पत्नी और मुनीश को तलाश करने मीरा के पिता के घर गए थे। इस दौरान मीरा के घर पर मौजूद टीकाराम, शिवचरन पुत्रगण होरी लाल, राजवीर, लाल बहादुर पुत्रगण टीकाराम, वेद प्रकाश पुत्र शिव चरन मुझ पर नाराज हो गए थे। वह मुझे मारने पर आमादा थे। शिवचरन ने मुझे धमकी दी थी कि तुझे जो करना है कर लेना। मुनीश अब तुझे नहीं मिलेगा।"
राजेन्द्र रुआंसी आवाज में आरोप लगाते हैं, "अगले दिन 17 सितंबर को मेरे बेटे मुनीश की लाश गांव के बाहर गन्ने के खेत के पास मिली। मेरे बेटे को मीरा के परिवारवालों टीकाराम, राजवीर, लाल बहादुर, शिव चरन व वेद प्रकाश ने मारकर गन्ने के खेत के पास पेड़ से लटका दिया था।"
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, रविवार यानि 17 सितंबर 2023 की शाम मनीष का शव गांव के बाहर ही नाले के पास पेड़ में रस्सी के सहारे टंगा मिला। परिजनों ने बताया कि गांव के ही रहने वाली एक लड़की से उसका प्रेम प्रसंग चलता था। एक बार मनीष और युवती दोनों भाग गए थे, जिसके बाद समझा बूझाकर लड़की को उसके घर भेज दिया। शादी होने के बाद भी युवती की लगातार मनीष से बात होती रहती थी। परिजनों का आरोप है कि मनीष की गांव की ही रहने वाली प्रेमिका के परिवार वालों ने उसकी हत्या कर दी है।
इस मामले में पुलिस पर आरोप है कि पुलिस मुनीश की मौत को आत्महत्या साबित करने में जुटी है। यही कारण है कि एक माह बीत जाने के बाद भी एक भी गिरफ्तारी नहीं की। इस मामले में द मूकनायक ने थाना प्रभारी से भी बात की। थाना प्रभारी ने द मूकनायक को बताया, "पोस्टमार्टम में आत्महत्या की पुष्टि हुई। हालांकि मौत की विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। चूंकि परिवार वाले आरोप लगा रहे हैं अतः इसकी मजिस्ट्रेटियल जांच के लिए भी पत्राचार किया जा रहा है।"
इस मामले में आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में एंटीमोर्टम स्ट्रैंगुलेशन की पुष्टि हुई है। एक आईपीएस अधिकारी के मुताबिक, स्ट्रैंगुलेशन का मतलब मौत से पहले गला घोंटने से है। वहीं पूर्व चिकित्साधिकारी के मुताबिक इसका तात्पर्य किसी जिंदा व्यक्ति का गला दबाने के कारण दम घुटने से मौत हो जाना है।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.