दिल्ली: एयूडी प्रशासन पर अंबेडकरवादी छात्र मंच का आरोप, अंबेडकर जयंती आयोजन के पोस्टर फाड़कर कूड़ेदान में फेंके

दिल्ली: एयूडी प्रशासन पर अंबेडकरवादी छात्र मंच का आरोप, अंबेडकर जयंती आयोजन के पोस्टर फाड़कर कूड़ेदान में फेंके

दिल्ली। दलित हिस्ट्री मंथ और डॉ. अंबेडकर की जयंती मना रहे अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली के छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कार्यक्रम आयोजन के दौरान व्यवधान उत्पन्न करने के आरोप लगाए हैं। छात्र जिम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर कैम्पस में प्रदर्शन किया। अंबेडकरवादी छात्र मंच ने आरोप लगाया है कि 13 अप्रैल को एयूडी विवि के कश्मीरी गेट कैम्पस में फुले-अंबेडकर की जयंती का आयोजन किया गया था। लेकिन इस बीच कैम्पस के सुरक्षाकर्मियों ने कार्यक्रम में व्यवधान उत्तपन्न किया इसके साथ बाबा साहब और अन्य महापुरुषों के पोस्टर को फाड़ कर कूड़े-दान में फेंक दिया गया। मंच ने इस संबंध में लिखित शिकायत भी की लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर छात्र आंदोलन कर रहे हैं।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल अंबेडकरवादी छात्र मंच के द्वारा अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली (एयूडी) के कश्मीरी गेट कैम्पस में दलित इतिहास माह मनाया जा रहा था।

द मूकनायक से बातचीत करते हुए यूनिवर्सिटी के छात्र और मंच संयोजक विराज गोड़गे ने बताया कि 13 अप्रेल को फुले-अम्बेडकर जयंती का आयोजन किया था। हमने निबंध लेखन प्रतियोगिता, सचित्र जीवनी प्रदर्शनी, एक जाति-विरोधी प्रदर्शनी और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया था। प्रशासन ने बार-बार सुरक्षा गार्डों की मदद से कार्यक्रम को बाधित करने की कोशिश की।

विराज ने बताया कि जब हम अम्बेडकर जयंती का जश्न मना रहे थे, तब कैंपस में डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर, सावित्रीबाई और ज्योतिबा फुले, पेरियार और मान्यवर कांशीराम सहित हमारे बहुजन आइकॉन के पोस्टर हटा दिए गए। जब हमने सुरक्षा गार्ड के प्रमुख से बात की तो उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। जश्न के बाद हमने देखा कि पोस्टर हटा दिए गए, फाड़ दिए गए और कूड़ेदान में फेंक दिए गए थे। डॉ. अम्बेडकर और अन्य लोगों की तस्वीर को फाड़कर कूड़ेदान में फेंके जाने की तस्वीर ने हमें मानसिक और भावनात्मक दोनों रूप से गहरा आघात पहुँचाया है। हम हैरान, निराश और सदमे में थे। हमने कभी नहीं सोचा था कि डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम पर बने विश्वविद्यालय में ऐसा होगा।

उन्होंने आगे कहा, जो हुआ वह हम सभी के लिए पीड़ादायक, कष्टदायक और दुखद है। यह तब हो रहा है जब हम सभी अम्बेडकर जयंती मना रहे हैं। छात्र विराज गोड़गे ने कहा कि हम मांग करते हैं कि अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत जिस व्यक्ति ने ऐसा कृत्य करने का आदेश दिया उसके खिलाफ ठोस और निर्णायक कार्रवाई की जाए।

मामला संज्ञान में आने के बाबजूद भी नहीं हुई कार्रवाई

अम्बेडकरवादी छात्र मंच ने प्रेस नोट भी जारी किया है। मंच के मुताबिक 13 अप्रैल को ही विवि रजिस्ट्रार एवं प्रॉक्टर से मंच से जुड़े छात्रों ने मिलकर इस कृत्य को उनके संज्ञान में लाया, उपकुलपती, रजिस्ट्रार और प्रॉक्टर सहित सभी संबंधित अधिकारियों को घटना के बारे में मेल भी लिखा। लेकिन घटना को तीन दिन बीत चुके हैं और विश्वविद्यालय से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

मंच ने मांग की है कि सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका को देखते हुए कैंपस के सभी कैमरों के सीसीटीवी फुटेज तुरंत उपलब्ध कराए जाएं। ताकि मामले की पारदर्शी जांच और सीसी टीवी कैमरा फुटेज, आदि सबूतों के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके।

एससी/एसटी सेल की मांग

अम्बेडकरवादी मंच ने विश्वविद्यालय के सभी कैम्पस में एससी/एसटी सेल बनाए जाने की मांग की है। मंच के मुताबिक अम्बेडकर विश्वविद्यालय के स्थापना के एक दशक से अधिक समय बीत चुका है। इसके बावजूद भी, विश्वविद्यालय में अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति सेल नहीं है, जिसमें दलित और आदिवासी छात्र जाकर जातिगत भेदभाव के खिलाफ आवाज उठा सकें। मंच ने एयूडी के सभी कॅम्पसेस में एससी / एसटी सेल की स्थापना की भी मांग की है। वहीं मंच ने कहा है कि छात्र संघ का चुनाव पिछले कई सालों से नहीं हुआ है, जिस कारण दलित-बहुजन- आदिवासी छात्रों के पास अपनी समस्याओं से लड़ने के लिए छात्र संघ में उनका प्रतिनिधित्व नहीं है। छात्र संघ के तत्काल चुनाव और छात्रसंघ में दलित, बहुजन और आदिवासी छात्रों के लिए आनुपातिक प्रतिनिधित्व की मांग की है।

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