मध्य प्रदेश: महाशिवरात्रि पर खरगोन, खंडवा के दो अलग-अलग गाँव में दलितों को मंदिर में प्रवेश करने से रोका

मध्य प्रदेश: महाशिवरात्रि पर खरगोन, खंडवा के दो अलग-अलग गाँव में दलितों को मंदिर में प्रवेश करने से रोका

भोपाल। महाशिवरात्रि पर देशभर में लोगों ने शिवालयों में पूजा अर्चना की, और पूरे दिन मंदिरों में श्रद्धालुओं की कतारें लगी रहीं। लेकिन इसी दौरान मध्य प्रदेश के खंडवा और खरगोन जिले के गांवों से दलितों को मंदिर में पूजा करने से रोकने की खबरें मिली जिनके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। वायरल वीडियो खरगोन के सनावद और कसरावद के बताए जा रहे हैं, वहीं खंडवा के हरसूद से भी इसी तरह के वीडियो वायरल हुए हैं। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाकर मामला शांत कराया।

जानकारी के अनुसार, प्रदेश के खरगोन के कसरावद में महाशिवरात्रि पर मंदिरों में पूजा करने गए दलितों के साथ मारपीट की गई। खरगोन के सनावद में भी दलितों के साथ मंदिर में जातिगत भेदभाव का व्यवहार किया गया। जानकारी के अनुसार खंडवा के हरसूद में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने गए दलितों को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया। यह मामला हरसूद विधानसभा क्षेत्र के गांव बैलवाड़ी का बताया जा रहा है। गांव में दलित पक्ष के प्रशांत पाचोले का कहना है कि शनिवार सुबह कोटवार हुकुमचंद का बेटा शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए मंदिर पहुंचा तो यहां पुजारी जगराम पंवार ने उसे मंदिर के अंदर जाने से रोक दिया। कहा- 'तुमको भीतर के बजाय बाहर से पूजा करनी चाहिए।'

यह कहकर पुजारी ने सुमेश को मंदिर से बाहर कर दिया। सुमेश भी बाहर से ही पूजा करके लौट गया। इसके बाद दलित समाज की कुछ लड़कियां भी मंदिर पहुंचीं, तो उन्हें भी बाहर रोक दिया गया। ये लड़कियां रोते हुए घर पहुंची और अपने परिवार को सारी बात बताई। लड़कियों ने जिद कर दी की वो मंदिर में जाकर ही पूजा करेंगी। प्रशांत के मुताबिक, दलित समाज के सभी लोग इकट्‌ठा होकर मंदिर पहुंच गए। मामले के तूल पकड़ने के बाद पुलिस को सूचना दी गई। हरसूद थाना प्रभारी अंतिम पंवार भी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। थाना प्रभारी अंतिम पंवार ने बताया कि डायल 100 को सूचना मिली थी कि बैलवाड़ी में एक मंदिर में कुछ लोगों को जलाभिषेक करने से रोका जा रहा है। मौके पर पुलिस पहुंची ने दोनों पक्षों को समझाइश दी जिसके बाद मामला शांत हो गया। पुलिस ने कहा कि फिलहाल किसी भी पक्ष ने शिकायत नहीं की है, अगर शिकायत होती है तो कार्यवाही की जाएगी।

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'तुम्हे मन्दिर में घुसने का अधिकार नहीं'; पुजारी ने दलित महिला को मन्दिर में जाने से रोका

वहीं खरगोन से भी एक वीडियो वायरल हुआ है उसमें एक बच्चे के मुंह से खून निकलता दिखाई दे रहा है। बताया जा रहा है कि यहां ऊंची जाति वाले नहीं चाहते थे कि दलित मंदिर में आकर पूजा करें। जब वह लोग अभिषेक के लिए गए तो उनके साथ मारपीट हुई, दलित महिलाओं के साथ बुरा बर्ताव किया गया।

इस मामले में द मूकनायक से बातचीत करते हुए आजाद समाज पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सुनील अस्तेय ने कहा कि शिवरात्री पर दलितों को शिव मंदिर में पूजा करने से रोका, दलितों को मन्दिर से बाहर भगाकर जातिसूचक गालियों भी दी। जातिगवादी मानसिकता से ग्रसित लोगों ने दलित बहनों को अपमानित किया है। यह घटना निंदनीय है।

सुनील ने कहा, "बीजेपी की शिवराज सरकार में दलित आदिवासियों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं। बीजेपी को सिर्फ दलितों के वोट चाहिए। दलितों पर हो रहे अत्याचारों, भेदभाव और अपमान से उन्हें कोई लेनादेना नहीं है। भीम आर्मी के स्थानीय पदाधिकारी मामले की जानकारी जुटा रहे हैं। हम प्रशासन से आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की भी मांग करेंगे।"

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