राजस्थान: दलित परिवार को नलकूप से पानी लेने की मनाही! 

जातिगत भेदभाव की पराकाष्ठा: बूंदी जिले में दलित परिवार के साथ सार्वजनिक नलकूप से पानी भरने पर मारपीट, न्यायालय के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज, लेकिन पुलिस ने लगा दी एफआर.
जयपुर। परिजन के साथ अधिकारी को ज्ञापन देता युवक।
जयपुर। परिजन के साथ अधिकारी को ज्ञापन देता युवक।The Mooknayak

जयपुर. सार्वजनिक स्थलों और निजी भवनों/भूखंडों में बदबू मारते मृत जानवरों को हटाना हो या सड़ते मल की सफाई करनी हो, केवल दलित सेवा करने आते हैं, लेकिन इन्हीं लोगों को सार्वजनिक नलकूपों से पानी तक पीने का अधिकार नहीं है। राजस्थान में जातिगत भेदभाव और संकीर्ण मानसिकता इतनी हावी है कि अपने हक और अधिकारों से वंचित  दर्जनों लोग न्याय के लिए भटक रहे हैं।  

राजस्थान की बात करें तो यहां दलितों पर अत्याचार के प्रकरणों में तेजी से इजाफा हो रहा है। यह चिंता की बात है।  ऐसा ही एक मामला बूंदी जिले के तालेड़ा थाना इलाके से सामने आया है। जहां केथुदा गांव में रहने वाला एरावल परिवार मृत जानवरों की खाल उतारने का काम करता है। परिवार की महिला सार्वजनिक नलकूप से पानी भरने गई तो पाइप काट दिया गया। वह जब दूसरे नलकूप पर गई तो वहां जाकर आरोपियों ने लात मार बर्तनों को फेंक दिया। इसके बाद आरोपियों ने जहां दलित परिवार के पानी भरने के बर्तन रखे थे उस जगह को पानी से धोकर साफ किया। जातिसूचक गालियां देकर अपमानित किया। मारपीट भी की गई। पीड़ित परिवार ने पुलिस में शिकायत की तो प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की गई। बाद में पीड़ित परिवार ने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय के आदेश पर तालेड़ा पुलिस ने 27 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज कर जांच केशवरायपाटन पुलिस वृताधिकारी को सौंपी, लेकिन चार महिने बाद भी न्याय नहीं मिला। 

यह है  मामला 

पीडि़त पक्ष के बाबूलाल (60) पत्र रामनारायण एरावल, प्रेम बाई पत्नी बाबूलाल, हरिराम पुत्र बाबूलाल, रविप्रकाश पुत्र  बाबूलाल एरावल निवासी ग्राम कैथूदा थाना तालेडा जिला बून्दी  ने न्यायालय विशिष्ठ न्यायधीश अनुसूचित जाति / जनजाति अत्याचार निवारण बूंदी के समक्ष एक परिवाद पेश  कर बताया कि 24 जनवरी 2023 को सुबह 8 बजे करीब की घटना है। पीड़िता प्रेमबाई अपने घर पर पीने का पानी भर रही थी। इस दौरान आरोपी मुकुट धाकड़ पुत्र लटूर धाकड़, मुकेश शर्मा पुत्र बुद्धिप्रकाश ब्राहमण, गोपाल धाकड़ पुत्र नन्दा धाकड़ निवासी ग्राम कैथूदा थाना तालेडा जिला बून्दी और पप्पू खटाणा पुत्र कान्हा गुर्जर (सरपंच पति) निवासी जाल की झोपडिया थाना तालेडा जिला बून्दी एक राय होकर गांव कैथूदा में स्थित सरकारी पानी की मोटर पर गए तथा प्रार्थीया के घर पर जाने वाला पानी बंद कर दिया। इसके बाद जब प्रार्थीया तलाई के पास स्थित बोरिंग पर पानी भरने गई।

पीड़िता ने न्यायालय को बताया कि आरोपी वहां भी आगए। गाली गलौच करते हुए पानी भरने के बर्तनो को लात मार कर फैला (फेक) दिया। इसके बाद बोरिंग के आस-पास की जगह को पानी डालकर धोने लगे। पीडि़ता ने इसका विरोध किया तो, आरोपी जातिसूचक गाली देकर कहने लगे कि खाल उधेड़ने वालों, तुम्हे हम पानी नहीं भरने देंगे।

इसके बाद 24 जनवरी की शाम 6 बजे उक्त सभी आरोपियों का साथी पप्पू खटाणा (सरपंच पति) निवासी जाल की झोपडिय़ा पीडि़ता के घर पर आया और आते ही गाली गलौच करने लगा। जाति सूचक शब्दों का उपयोग करते हुए कहा कि तुम मेरे द्वारा लगाई गई मोटर पर पानी भरने कैसे गए? तुम नीची जाति के लोगो को मैंने पूर्व में भी समझाया था।

आरोपी पूर्व में भी पीड़ितों को आए दिन नाजायज परेशान करते चले आ रहे हैं। पानी नहीं भरने देते हैं। क्षेत्र में में मृत जानवर पड़ा रहते हैं तो, प्रार्थीगण को जबरन मृत जानवरों को गांव के बाहर फेंकने को विवश करते हैं। और मल मूत्र आदि साफ करने के लिए भी विवश करते हैं तथा दबाव बनाते हैं। गंदा काम करवाते हैं जिसकी रिपोर्ट पूर्व में भी प्रार्थीगण द्वारा थाना तालेड़ा में दी गई। इस संबंध में वृताधिकारी केशवरायपाटन को को भी लिखित शिकायत दी गई, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। 

सरकारी लाभों से रखते हैं वंचित

पीड़ित परिवार ने न्यायालय के समक्ष आरोप लगाया कि सरपंच पति ने उनके घर के बाहर सी.सी. रोड भी नहीं बनने दिया। न्यायालय को बताया कि आरोपी राजनीतिक पद का दुरुपयोग करते हुए प्रार्थीगण को दलित होने के कारण प्रताड़ित करते हैं। सरकारी योजनाओं से वंचित किया जाता है। गांव में रास्तों से निकलते हैं तो आरोपी छोटे बच्चों से उस रास्ते में झाड़ू लगाकर साफ करवाते हैं। मारपीट करके कहते हैं कि तुम कहीं भी चले जाओ। थाने, कोर्ट, कचहरी में हमारा कुछ भी नहीं होने वाला और जान से मारने की धमकियां देते हैं। पुलिस पीड़ित परिवार की सुनवाई नहीं कर रही है।  

इसलिए गए न्यायालय की शरण में 

पीड़ित परिवार ने बताया कि आरोपियों की प्रताड़ना से वे तंग आ चुके हैं। पीड़ित परिवार ने उक्त घटना की लिखित रिपोर्ट थाना तालेडा जिला बूंदी में 27 जनवरी को दी थी। इसी दिन पुलिस अधीक्षक को भी जरिए डाक रिपोर्ट भेज कर कार्रवाई की गई मांग थी, लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की तो न्यायालय की शरण में जाना पड़ा। पीड़ित पक्ष को सुनने के बाद न्यायालय ने पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश तब जाकर 27 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की।  

पूर्व में भी करते थे मारपीट 

पीड़ित परिवार के सदस्य रवि प्रकाश एरावल ने द मूकनायक को बताया कि इससे पूर्व 31 मार्च 2020 को भी पीड़ित परिवार के साथ सरपंच पति व उपसरपंच आदि ने मारपीट की थी। इस सम्बंध में इसी दिन तालेड़ा पुलिस को शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उक्त आरोपियों ने 24 अप्रैल 2020 को फिर से घटना दोहराई। तब 27 अप्रैल को पीड़ित परिवार बचते बचाते पुलिस तक पहुंचा। लिखित शिकायत दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पीड़ित परिवार का आरोप है कि उक्त आरोपी हमारे परिवार को गांव से निकालना चाहते हैं। रवि प्रकाश ने कहा कि पुलिस हमारी सुनवाई नहीं कर रही है। न्यायालय के आदेश पर दर्ज मुकदमे में एफआर लगा दी गई। जबकि हमारे साथ हुई मारपीट की घटना के वीडियो साक्ष्य के रूप में उपलब्ध कराए गए थे।  

इस पूरे घटनाक्रम पर पुलिस का पक्ष जानने के लिए द मूकनायक ने सबसे पहले तालेड़ा एसएचओ दिग्विजय सिंह से बात की। इस पर एसएचओ ने  बताया कि मामले की जांच वृताधिकारी केशवरायपाटन के पास है। इस सम्बंध में उन्हीं से बात करें। इस पर सीओ पाटन राजेश कुमार टेलर से बात की। टेलर ने बताया कि इस प्रकरण में मेरे से पहले अधिकारी ने जांच की थी। जांच मेें एफआर लगा दी गई।

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