MP के भिंड में दलित युवक से दरिंदगी: बंधक बनाकर मारपीट और पेशाब पिलाया, अस्पताल पहुंचे मंत्री- भीम आर्मी सड़कों पर

घटना के बाद दलित संगठनों का आक्रोश भी उभरकर सामने आया। आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के कार्यकर्ता जिला अस्पताल पहुंच गए और कलेक्टर की गाड़ी रोककर विरोध दर्ज कराया।
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भोपाल। मध्यप्रदेश के भिंड ज़िले के सुरपुरा थाना क्षेत्र में दलित युवक के साथ हुई बर्बरता ने प्रदेश की राजनीति, प्रशासन और समाजिक संगठनों में हलचल पैदा कर दी है। पीड़ित ने आरोप लगाया है कि उसे ग्वालियर से जबरन उठाकर लाया गया, बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा गया, जातिसूचक गालियाँ दी गईं और अमानवीय तरीके से पेशाब पिलाया गया। घटना सामने आने के बाद मामला इतना गंभीर हो गया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुद रिपोर्ट तलब की और दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इस बीच आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया, जिससे अस्पताल से लेकर थाना और कलेक्टर कार्यालय तक तनाव का माहौल बना रहा। भीम आर्मी ने कहा है कि लगातार प्रदेश में दलितों पर अमानवीय अत्याचार की घटनाओं पर सड़कों पर प्रदर्शन किया जाएगा।

जानिए क्या है? पूरा मामला

पीड़ित युवक के अनुसार कुछ आरोपियों ने उसे ग्वालियर से अगवा कर सुरपुरा क्षेत्र में लाकर बंधक बना लिया। युवक को बेसमेंट जैसे कमरे में बंद कर बेरहमी से पीटा गया। आरोप है कि हमलावरों ने उससे नाम पूछते हुए जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया और किसी तरह की शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित का कहना है कि जब वह दर्द से तड़प रहा था, तभी उसे अमानवीय रूप से पेशाब पिलाई गई। यह कृत्य न केवल कानून, बल्कि मानवीय संवेदनाओं को चोट पहुंचाने वाला है।

पीड़ित से मिलने अस्पताल पहुंचे मंत्री, बोले- “कानून का राज है, अन्याय नहीं होने देंगे”

घटना की के बाद प्रदेश के नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला मंगलवार को भिंड जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने पीड़ित से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और लगभग आधे घंटे तक अस्पताल में मौजूद रहे। मंत्री के साथ कलेक्टर और एडिशनल एसपी ने भी मौके पर उपस्थित रहकर विस्तृत जानकारी साझा की।

मंत्री राकेश शुक्ला ने घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रदेश डॉ. मोहन यादव की सरकार है, जहाँ कानून का राज सर्वोपरि है और किसी को भी अत्याचार करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने आश्वस्त किया कि पीड़ित के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सरकार हर कदम पर उसके साथ खड़ी है। शुक्ला ने स्पष्ट कहा कि इस मामले में दोषियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई तय है।

मंत्री के बयान के बाद यह साफ हो गया कि इस प्रकरण की मॉनिटरिंग सीधे सत्ता के शीर्ष स्तर से हो रही है।

भीम आर्मी का प्रशासन पर हमला, FIR पर आपत्ति

घटना के बाद दलित संगठनों का आक्रोश भी उभरकर सामने आया। आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के कार्यकर्ता जिला अस्पताल पहुंच गए और कलेक्टर की गाड़ी रोककर विरोध दर्ज कराया। उनका आरोप था कि पुलिस ने एफआईआर में सभी तथ्य दर्ज नहीं किए, खासकर बंदूक दिखाकर धमकाने का बिंदु एफआईआर से गायब है।

भीम आर्मी ने प्रशासन के समक्ष अपनी नाराज़गी जताते हुए साफ कहा कि पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए कड़ी और पारदर्शी कार्रवाई ज़रूरी है। उन्होंने मांग रखी कि एफआईआर में दर्ज धाराओं को और मजबूत किया जाए ताकि अपराधियों को सज़ा से बचने का कोई रास्ता न मिले। साथ ही, पीड़ित की सुरक्षा सुनिश्चित करने और एफआईआर की प्रति तुरंत उपलब्ध कराने की मांग भी की गई। संगठनों का कहना है कि जब तक दोषियों को कठोर दंड नहीं मिलता, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

भीम आर्मी के नेता सुनील बैरसिया ने द मूकनायक से बातचीत में कहा कि प्रदेश में लगातार दलितों पर अत्याचार की घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं, लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था उतनी मजबूती से सक्रिय नहीं दिख रही। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस-प्रशासन न तो समय पर कार्रवाई कर रहा है और न ही पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए गंभीरता दिखा रहा है। सुनील बैरसिया का कहना है कि यदि इसी तरह अत्याचार होते रहे और सिस्टम सुस्त बना रहा, तो दलित समुदाय का भरोसा शासन-प्रशासन से पूरी तरह उठ जाएगा।

अन्य सामाजिक संगठनों ने भी चेतावनी दी कि यदि न्याय में देरी हुई तो वे मुख्यमंत्री निवास तक मार्च करेंगे और सामूहिक प्रदर्शन करेंगे।

दो आरोपी गिरफ्तार तीसरा फरार, मेडिकल रिपोर्ट से तय होगी धाराएँ

एएसपी संजय पाठक ने बताया कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी सोनू बरुआ और आलोक पाठक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि तीसरा आरोपी छोटू ओझा अभी फरार है और उसकी तलाश जारी है।

पुलिस ने कहा, की आरोपियों पर मारपीट, बंधक बनाने और SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया है। पुलिस ने यह भी कहा, कि पेशाब पिलाने जैसे गंभीर आरोप की पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट और फ़ॉरेंसिक सबूतों के आधार पर होगी। रिपोर्ट आने के बाद धाराएँ और बढ़ाई जा सकती हैं।

कांग्रेस का हमला

अनुसूचित जाति कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने द मूकनायक से बातचीत में राज्य सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज़ बची ही नहीं है और हालात पूरी तरह जंगल राज की तस्वीर पेश कर रहे हैं। अहिरवार ने आरोप लगाया कि दलितों पर लगातार हो रहे अत्याचार यह साफ दिखाते हैं कि सरकार न तो संवेदनशील है और न ही पीड़ित वर्ग की सुरक्षा को लेकर गंभीर।

अहिरवार ने कहा, “आज प्रदेश में दलितों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। आए दिन अत्याचार की खबरें सामने आ रही हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन सिर्फ तमाशबीन बना हुआ है। जिनके अधिकारों और गरिमा की रक्षा संविधान ने सुनिश्चित की है, वही समुदाय आज सबसे ज्यादा असुरक्षित महसूस कर रहा है। हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए संगठनों को सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। यह लोकतंत्र नहीं, अराजकता का संकेत है।”

उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार में जरा भी संवेदना होती तो दलितों पर हो रहे हमलों पर त्वरित, कड़ी और निष्पक्ष कार्रवाई की जाती। “जब अपराधी बेखौफ हों और पीड़ित भय में, तो समझ लेना चाहिए कि सत्ता की नीतियों में गंभीर खामी है।”

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