राजस्थान: चार बच्चों को ड्रम में बंद कर दलित महिला ने की आत्महत्या!

पांचों की मौत, उर्मिला के पिता की रिपोर्ट पर पति के खिलाफ हत्या के आरोप में प्राथमिक दर्ज
राजस्थान: चार बच्चों को ड्रम में बंद कर दलित महिला ने की आत्महत्या!

जयपुर। राजस्थान के बाड़मेर जिले से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां मंडली पुलिस थाना क्षेत्र के एक गांव में गर्भवती महिला ने पहले तो अपने 4 मासूम बच्चों को लोहे के ड्रम (अनाज रखने की कोठी) में बंद कर दिया। इसके बाद फंदा लगाकर खुद भी आत्महत्या कर ली।

मंडली थानाधिकारी कमेलश ने द मूकनायक को बताया कि बानियावास गांव की रहने वाली उर्मिला (27) पत्नी जेठराम मेघवाल का शव शनिवार शाम संदिग्ध अवस्था में घर पर मिला था। जबकि महिला की बड़ी बेटी भावना (8), विक्रम (5), विमला (3) और सबसे छोटी बेटी मनीषा (2) के शव भी अनाज रखने के ड्रम में मिले थे। यह बच्चे ड्रम के अंदर एक दूसरे से चिपके हुए थे। माना जा रहा है कि बच्चों की मौत दम घुटने से हुई है। मौत के कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा।

गर्भवती महिला उर्मिला मेघवाल और उसके बच्चों के शव अलग-अलग स्थान पर मिलने से पुलिस भी प्रकरण को सन्देह की नजर से देखा रही है।

4 बच्चों की गर्भवती मां की ममता क्यों मजबूर हुई कि उसे खुद से पहले अपनी ही संतानों की जान लेना पड़ा। घर पर जिस वक्त मां बच्चों के पांच शव मिले उस वक्त पति घर पर नहीं था? पुलिस भी इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढने में लगी है।

पुलिस एवं प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार शनिवार देर शाम तक भी महिला घर पर नजर नहीं आई। बच्चे भी कहीं नहीं दिखे। इस पर पड़ोसियों को सन्देह हुआ। पड़ोस की महिलाओं ने छानबीन शुरू की। इस दौरान पड़ोसियों ने रिश्तेदारों को उर्मिला के बच्चों सहित घर पर नहीं होने की जानकारी दी।

रिश्तेदार व पड़ोसियों ने मिलकर ढूंढना शुरू किया तो महिला का शव फंदे से झूलता मिला। बच्चों को तलाश किया तो घर में रखे ड्रम में चारों बच्चे मृत मिले। सभी बच्चे एक दूसरे से चिपके हुए थे। ड्रम का ढक्कन बन्द था।

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जेठाराम मेघवाल के घर का यह मंजर देख हर कोई सन्न रह गया। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। मंडली एसएचओ कमलेश जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे। महिला व बच्चों के शव कब्जे में लेकर बाड़मेर के सन्त श्री राजाराम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कल्यापुरा पहुंचाया। इसके बाद पीहर पक्ष को भी सूचना दी गई।

शनिवार रात तक पुलिस भी यही मान कर चल रही थी कि उर्मिला मेघवाल ने ही पहले अपने चारों बच्चों की ड्रम में बंद कर हत्या की थी। इसके बाद खुदने भी फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया।

पीहर पक्ष के पहुंचने के बाद आया नया मोड़

पुलिस की सूचना पर मृतक उर्मिला मेघवाल के पिता रिश्तेदारों के साथ रविवार सुबह जोधपुर से कल्यापुरा सीएचसी पहुंचे। जहां उन्होंने बेटी व नवासों की हत्या करने का सन्देह जाहिर किया है। महिला के पिता की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने पति जेठाराम के खिलाफ पत्नी व अपने ही बच्चों की हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कर ली है।

पति-पत्नी के बीच चल रही थी अनबन

मृतका उर्मिला मेघवाल का पीहर जोधपुर जिले में है। 2014 में बाड़मेर के बानियावास निवासी जेठाराम के साथ शादी हुई थी। शादी के बाद उर्मिला ने 3 बेटी और एक बेटे को जन्म दिया। इस वक्त भी वह गर्भवती होने की बात कही गई है।

पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पति-पत्नी के बीच लम्बे समय से अनबन चल रही थी। आये दिन झगड़े होते रहते थे। आत्महत्या है या हत्या यह तो पुलिस जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा। फिलहाल पुलिस हत्या के आरोप में दर्ज प्राथमिकी की जांच में जुट गई है।

बाड़मेर में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी चिंता का विषय

द प्रिंट ने खबर में लिखा है कि बाड़मेर जिला तेल, कोयला और गैस के लिए जाना जाता है। लेकिन भारत-पाकिस्तान सीमा के साथ राजस्थान का यह दूसरा सबसे बड़ा रेगिस्तानी जिला एक अजीब प्रकोप से जूझ रहा है - अपनी युवा विवाहित महिलाओं के बीच बच्चों के साथ टांकों में कूद कर या अन्य तरीके से आत्महत्या करने की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। एक अनुमान के मुताबिक पिछले पांच वर्षों में लगभग 50 मामलों में महिलाओं के साथ बच्चे शामिल थे।

द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार बाड़मेर में आत्महत्या से मरने वाली महिलाओं का अनुपात (37 से 63) राष्ट्रीय औसत (27.4 से 72.5) से अधिक है।

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