यूपी: दामाद के साथ रह रही दलित विधवा और उसकी विकलांग बेटी की गला काटकर हत्या

यूपी: दामाद के साथ रह रही दलित विधवा और उसकी विकलांग बेटी की गला काटकर हत्या

उत्तर प्रदेश। लखीमपुर खीरी जिले में मंगलवार शाम घर में घुसकर दलित मां-बेटियों की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी गई। इस घटना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक लखीमपुर खीरी सहित क्षेत्राधिकारी मोहम्मदी सहित बड़ी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने दोनों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस के साथ मौके पर पहुँची फोरेंसिक टीम ने मौके से कई साक्ष्य एकत्रित किये हैं। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।

जनिये क्या है पूरा मामला?

यूपी में लखीमपुर खीरी के हैदराबाद थाना क्षेत्र में देवीपुर गांव पड़ता है। इसी गांव में सरस्वती देवी (62) अपने बेटी के ससुराल में दामाद के साथ रह रही थी। थानाध्यक्ष हैदराबाद ने जानकारी देते हुए बताया कि, सरस्वती मूल रूप से पसगंवा की रहने वाली थी। सरस्वती के पति की पहले ही मौत हो चुकी है। सरस्वती की एक विकलांग बेटी भी है। कोई देखरेख वाला न होने के कारण सरस्वती अपनी विकलांग बेटी के साथ लगभग 12 साल से देवपुरी गांव में रह रही थी।

पुलिस के अनुसार, सरस्‍वती देवी और बेटी पूनम (41) देवीपुर गांव में अपनी बेटी की ससुराल में रहती थी। पुलिस ने बताया कि मंगलवार को सरस्वती का दामाद सुरेन्द्र अपनी पत्नी के साथ काम से घर लौटा तो सरस्‍वती और पूनम के खून से लथपथ शव मिले। दोनों के सिर पर धारदार हथियार से प्रहार किया गया था।

हैदराबाद थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) चंद्रभान यादव ने द मूकनायक को बताया कि "घटना की सूचना हमें शाम करीब सात बजे मिली और उसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच गयी। पुलिस के उच्चाधिकारियों ने मौका-मुआयना किया और घटना की छानबीन शुरू कर दी गयी है। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले के सभी पहलुओं पर तहकीकात की जा रही है।"

यूपी: दामाद के साथ रह रही दलित विधवा और उसकी विकलांग बेटी की गला काटकर हत्या
दलित हिस्ट्री मंथ: महिला समानता व अधिकारों के पैरोकार थे बाबा साहब डॉ. अंबेडकर

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें व्हाट्सअप पर प्राप्त करने के लिए आप हमारे व्हाट्सअप ग्रुप से भी जुड़ सकते हैं। व्हाट्सअप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें.

Related Stories

No stories found.
logo
The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com