रायपुर रानी (हरियाणा): हरियाणा के रायपुर रानी क्षेत्र के मौली गांव में एक दलित युवक की बारात को जातिसूचक टिप्पणियों और धमकियों के साथ रोके जाने और हमले के आरोप सामने आए हैं। पुलिस ने बुधवार (9 अप्रैल) को इस मामले में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं, जिनमें कुल 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है। हालांकि, अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
रायपुर रानी थाने के एसएचओ सोंबीर ढाका ने एफआईआर दर्ज होने की पुष्टि की और बताया कि मामले की जांच जारी है।
घटना के विरोध में दलित समुदाय के लोगों ने स्थानीय थाने का घेराव किया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। इसके दबाव में पुलिस ने दोनों शिकायतों पर एफआईआर दर्ज की।
पहली शिकायत अंबाला निवासी 23 वर्षीय दूल्हे ने दर्ज कराई है। उसने बताया कि उसकी शादी मौली गांव की एक लड़की से तय हुई थी और 6 अप्रैल को वह परंपरागत रूप से घोड़ी चढ़कर ‘घुड़चढ़ी’ के लिए गांव पहुंचने वाला था।
शिकायत के अनुसार, गांव के कुछ सवर्ण लोगों को जब इस बारात की जानकारी मिली, तो उन्होंने दूल्हे के ससुर को धमकाया और मोटरसाइकिल पर बिठाकर एक जगह ले गए, जहां लगभग 200 सवर्ण लोग मौजूद थे। वहां ससुर को धमकी दी गई कि यदि दूल्हा घोड़ी पर बैठकर गांव में आया तो उसे घुसने नहीं दिया जाएगा। इस दौरान जातिसूचक गालियां भी दी गईं। इस संबंध में दूल्हे के ससुर ने 28 मार्च को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
6 अप्रैल को गांव में पुलिस की तैनाती के बावजूद बारात के दौरान कुछ सवर्ण लोगों ने घोड़ी के सारथी को रोका और उसके साथ मारपीट की। शिकायतकर्ता ने बताया कि इसके बाद बारातियों पर भी हमला किया गया और दूल्हे को घोड़ी पर आने पर गोली मारने की धमकी दी गई।
इस मामले में एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(s) और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 115, 126 और 351(2) के तहत आठ आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
दूसरी शिकायत एक 22 वर्षीय अनुसूचित जाति की युवती ने दर्ज कराई है। उसने पुलिस को बताया कि 8 अप्रैल को जब वह अपनी मित्र और चाची के साथ कॉलेज से लौट रही थी, तभी सवर्ण समुदाय की दो महिलाओं और एक युवक ने उन्हें रोका और कहा, “घोड़ी चढ़कर बारात निकाल कर तुमने गलत किया है।” आरोपियों ने जातिसूचक गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी।
शिकायत में कहा गया है कि युवक ने पीड़िता और उसकी सहेली के कपड़े फाड़ दिए और उनके साथ छेड़छाड़ की। पीड़िता की चाची को भी जातिसूचक शब्द कहे गए और अपमानित किया गया।
इस मामले में एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(s) और 3(5) तथा भारतीय न्याय संहिता की धाराएं 126, 351(2) और 74 के तहत तीन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
घटना के बाद गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए पंचकूला की डीसीपी हिमाद्री कौशिक ने गुरुवार को मौली गांव का दौरा किया और कानून व्यवस्था की समीक्षा की। डीसीपी ने गांव में अस्थायी पुलिस चौकी स्थापित करने के आदेश दिए हैं।
वर्तमान में गांव में 100 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। गांव और उसके आसपास सात चेक पोस्ट बनाए गए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों को भी मौके पर तैनात किया गया है ताकि हालात काबू में रहें।
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